१०२- आसिया फ़ारुक़ी प्रा० वि० अस्ती, नगर क्षेत्र, फतेहपुर

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- फतेहपुर की अनमोल रत्न एवं अपने कर्तव्यों के प्रति सजग बहन आसिया फारूकी जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपने कर्तव्यों की सजगता और सकारात्मक सोच से विरासत में मिले अव्यवस्थाओं के ढे़रों की सफाई करते हुए असम्भव सा लगने वाले समय में अपने विद्यालय को समाज के लिए विश्वास के प्रतीक में बदल दिया। विद्यालय के लिए प्रथम दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण विद्यालय का परिवेश की साफ सफाई और छात्र संख्या के साथ छात्रों की उपस्थिति होते हैं। बहन जी ने मात्र जुलाई-2016 आज तक के विद्यालय की सेवा के सफर में दोनों कामों में अनुकरणीय और साहसिक सफलता प्राप्त की है। जो हम सबको सोचने के लिए मजबूर करती है कि जो काम हम वर्षों में न कर सके, वह काम अकेले एक बहन ने कर दिखाया।
तो आइये जानते है बहन जी की सफलता की कहानी के सराहनीय प्रयासों को---


मैं जब पदोन्नति के बाद अपने प्रयासों से बनाये स्कूल को ( जो अब मॉडल स्कूल बन चुका है) छोड़कर इस स्कूल में आयी तो विद्यालय का परिवेश और अव्यवस्थाओं को देख कर कुछ असहजता महसूस तो हुई लेकिन हमने कुछ करने की चुनौती जान कर स्वीकार की थी क्योंकि हमारे आने से पहले हमसे कहा गया था कि कहाँ जा रही हो वह सबसे खराब स्कूल है वहाँ के लोग बहुत खराब हैं। फिर भी हमने वही स्कूल लेकर चेलेन्ज स्वीकार किया।
स्कूल के भवन और परिसर में कूड़ा के ढेर लगा था क्योंकि आस पास के घरों का कूड़ा छतों से विद्यालय में फेंक देते थे। जिसे हमने लगातार तीन महीनों की कोशिश से रोक पाया। इसके बाद ट्रेक्टर से 10 ट्राली कूड़ा बाहर फिकवाया और ट्रेक्टर से परिसर की जुताई करवा के समतलीकरण करवाया। अब नम्बर था भवन का जिसे सफाई करवा कर यथा सम्भव रंगाई- पुताई करवाई। जिससे अब यह परिसर और भवन, विद्यालय होने का अहसास कराता है।
इसी बीच विद्यालय को जुआ शराब का अड्डा बना चुके लोगों से भी मुक्त कराने का प्रयास चलता रहा। जिसके लिए हमें पुलिस चौकी पर शिकायत के साथ उनकी मदद लेनी पड़ी, कई बार पुलिस के आकस्मिक निरीक्षण से अब जुआरी और शराबियों से भी मुक्ति मिल गयी है।
इन सब कामों के बीच ही अपने मूल उद्देश्य शिक्षण पर भी ध्यान दिया। दैनिक बच्चों के बीच प्रेरक गतिविधियों के द्वारा अभिभावकों तक विद्यालय में पढ़ाई होने का संकेत भेजती रहीं। जिसका सुखद परिणाम यह हुआ कि जो हमें आने पर 7 - 8 बच्चे मिले थे। वह आज छात्र संख्या 109 तक पहुँच गयी है। जो आज भी बढ़ती जा रही है। जिसकी उपस्थिति 90 से 95 प्रतिशत तक रहती है।
अब बच्चे सभी ड्रेस में सफाई के साथ विद्यालय आते हैं इन सब कामों में मेरे बच्चे बहुत सहयोग करते हैं जिन पर हमें गर्व है नहीं तो हम अकेले यह सब शायद नहीं भी कर सकती थी।
अब हमारा पूरा ध्यान अव्यवस्थाओं को सुधारने के बाद बच्चों के शिक्षण पर है जिसके लिए हमनें दस कविताओं का अपने द्वारा संग्रह तैयार किया है। क्योंकि परिषदीय विद्यालय की पुस्तकों में कविताएं कम थी कविता से बच्चों को शब्द ज्ञान, शब्दों का उच्चारण अच्छा होता है तथा मन से याद कर के सबके सामने बहुत खुशी होकर लय में सुनाते भी हैं।
हमारा मानना है कि-
“कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है„
आसिया फारूकी
प्रा० वि० अस्ती
नगर क्षेत्र फतेहपुर
मित्रो आपने देखा कि जब व्यक्ति के मन में कुछ करने की इच्छा होती है तो परिस्थितियाँ स्वयं ऊपर वाला अनुकूल बना देता है।
हम बहन जी के सराहनीय प्रयासों के लिए मिशन शिक्षण संवाद की ओर से चहकते हंसते खेलते बच्चों को उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
“शिक्षण संवाद„ में प्रकाशित करने के लिए विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों की फोटो और विवरण, सक्सेज स्टोरी के साथ WhatsApp no- 9458278429 पर भेजें।
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साभारः
मिशन शिक्षण संवाद
सहयोगी
विमल कुमार
कानपुर देहात

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