१२७- रवि प्रकाश गुप्ता, प्रा० वि० मसुरन, अखण्डनगर, सुल्तानपुर

मित्रो आज हम अपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-सुलतानपुर से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न के रूप में भाई रवि गुप्ता जी का करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच से एक अव्यवस्थित विद्यालय को व्यवस्थित कर छात्र संख्या 136 से बढ़ाकर 277 कर दिया। आपने अपनी कार्यकुशलता से बेसिक शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान में चार चाँद लगा दिये। यही नहीं शिक्षकत्व के आप आदर्श और प्रेरणा स्रोत भी है क्योंकि बेसिक शिक्षा के इतिहास में शायद आप पहले शिक्षक होगें जिन्होंने विद्यालय के विकास के लिए पैसा न होने पर अपने वेतन पर फाइनेंस (ऋण) लेकर विद्यालय का विकास किया हो। इसीलिए शिक्षक को साक्षात परमात्मा भी कहा जाता है क्योंकि वह परहित की पराकाष्ठा को भी पार करने की क्षमता रखता है। आप हम सबके लिए गर्व और गौरव का प्रतीक है।

आइये जानते है कि किस प्रकार अापने अपने विद्यालय के विकास की यात्रा को सफल बनाया:--

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सर जी मेरा नाम रवि प्रकाश गुप्ता है प्रा० वि० मसुरन अखण्डनगर, सुलतानपुर में 25 मार्च-2015 से प्रधानाध्यापक है। जब हम ज्बाइन करने स्कूल गये तो चारों तरफ वही दिखाई दिया जो बेसिक शिक्षा की समाज ने छवि बना रखी है। यह सब देख कर बहुत तकलीफ हुई। ऑफिस में कबाड़ भरा था। मैदान में ऑफिस का काम होता रहा था आदि। अगले ही दिन हमने पूरे गाँव का एडमीशन के लिए जनसम्पर्क किया। तो गाँव वालों ने अपने बच्चों के एडमीशन के लिए साफ मना कर दिया। बोले बच्चों को स्कूल और घर पर रखने में अन्तर क्या हैं न वहाँ पढ़ना न घर पर पढ़ना। घर पर कुछ काम तब भी करते हैं। बच्चे वहाँ भी घूमते रहते हैं इसलिए हम एडमीशन नहीं करायेंगे। हमने उनसे एक वर्ष अपनी मेहनत को देखने के लिए कहा यदि हम न पढ़ा सके तो आप कभी नहीं पढ़ाना। हम आपको शिकायत का कोई मौका नहीं देंगे। अगले दिन ऑफिस सहित सभी कमरों की सफाई और सामान हमने स्वयं व्यवस्थित लगाया। सहयोगी टीचर्स से निवेदन किया जिसे पढ़ाना हो वह पढ़ाये जिसे बातें करनी हो वह मैदान में जा कर बैठे और बातें करे। लेकिन सभी शिक्षक अपनीे अपनी कक्षा में  जुट गये पढ़ाने में। होमवर्क आदि बच्चों को मिलने लगा। हमने महीने में आठ बार सम्पर्क जारी रखा। अब छात्र संख्या 135 से 156 पर पहुँच गयी थी। बच्चों के लिए शौचालय का निर्माण कराया। पानी पीने के लिए प्रत्येक कक्षा कक्ष में वाटरकूलर  लगवाये गये। जिससे बच्चों का बार-बार बाहर भागना कम हो गया। *“अधिक उपस्थिति, अधिक परिणाम„* के सिद्धान्त को हमने अपनाना शुरू कर दिया था।

फिर सभी बच्चों के लिए फर्नीचर पर जून-16 में विचार किया। स्टाफ से सहयोग के लिए निवेदन किया जिससे एक व्यक्ति पर कम खर्च का लोड हो। लेकिन स्टाफ ने साफ मना कर दिया। लेकिन हमारा मन नहीं माना सोचा कि  *“जहाँ चाह, वहाँ राह„*  हमने खुद बैंक से लोन लेकर विद्यालय का फर्नीचर, लाइब्रेरी, झूला, सिलाइडर बनावा कर वृक्षारोपड़ करवाया। टाई बैल्ट, आईकार्ड भी दिया। आज हम अपनी मेहनत से संतुष्ट है कि प्राइवेट स्कूल भी पानी मांग रहे हैं। जिससे सितम्बर-16 तक बच्चों की संख्या 277 हो गयी। प्रयास का सिलसिला अनवरत ऐसा ही चलता रहेगा।

एकला चलो रे,  सैलाब तो सफलता के बाद पीछे -पीछे उमड़ रहा है।

Devotion, dedication, determination........is very important for being a fabulous school............।

अगले साल के लिए प्रवेश शुरू हो गये हैं। हमें आशा है पिछला रिकार्ड टूटेगा।
धन्यवाद
रवि प्रकाश गुप्ता
प्रा० वि० मसुरन
वि० खण्ड- अखण्डनगर
जनपद- सुलतानपुर

मित्रो आपने देखा कि किस तरह कुछ करने के जजबे ने सब कुछ करके दिखा दिया। आज प्राइवेट स्कूलों के लिए सेवित क्षेत्र में सोचनीय स्थिति पैदा कर दी है।  एक शिक्षक यदि प्रयास करता तो कैसे अव्यवस्था, व्यवस्था में बदल जाती है। इसके रवि प्रकाश जी उदाहरण हैं।

मिशन शिक्षण संवाद की ओर से रवि गुप्ता जी को सहयोगी विद्यालय परिवार के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।

☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_

साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
02/03/2017

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