७७- उमेश कुमार सिंह, प्रा० वि० करमपुर नवीन, बेरुआबारी, बलिया
मित्रो आज हम फिर आप सब के सामने मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से झीलों का शहर कहा जाने वाला और बुन्देलखण्ड की पावन वीर भूमि का जनपद- ललितपुर में होने वाले राज्य स्तरीय सेमिनार से खोज कर बेसिक शिक्षा का एक और अनमोल रत्न लाये हैं। जिसने अपने कर्तव्य और सकारात्मक सोच से स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों के विचारों तथा भारत की पवित्र भूमि के महापुरषों के मानवीय धर्म की रक्षा करने के लिए गाँव और गरीब को शिक्षा देकर उनके जीवन में ज्ञान के दीपक की नयी रोशनी फैलाने का काम किया और कर रहे हैं।
क्योंकि आजादी की लड़ाई मानवीय सभ्यता की रक्षा और समानता के अधिकारों के लिए लड़ी गयी थी लेकिन श्रद्धेय अमर शहीदों और महापुरूषों के स्वप्नों को भ्रष्टाचार रूपी भेद-भाव वाली नीति ने बुरी तरह से ग्रसित कर रखा है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कभी- कभी समाज में देखने को भी मिल जाता है। क्योंकि इस देश के जो नागरिक, देश और मानवीय हित में काम करते हैं, या करना चाहते हैं उनके जीवन और कार्यों को देश के कुछ जिम्मेदार नागरिक भ्रष्टाचार की शक्ति से ड्रामा और मूर्खता कहने में कोई संकोच और लज्जा नहीं करते हैं।
लेकिन आपने इस प्रकार की नकारात्मक शक्तियों को नकारते हुए एक ऐसे गाँव में शिक्षा की ज्योति जला कर गाँव और गरीबों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाने में कामयाबी प्राप्त की है जहाँ के नागरिक निर्धन,मजदूर और अपने को शोषित समझते थे।
आइये देखते है अपने अनमोल रत्न के शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान के अनमोल कार्यों को:-
मैं उमेश कुमार सिंह , M.A .BHU, प्रधानाध्यापक, प्रा० वि० करमपुर नवीन, शिक्षा क्षेत्र-बेरुआरबारी, जनपद-बलिया, उ० प्र० से।
मेरा विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है। इस गाँव की आबादी अत्यन्त गरीब और अशिक्षित है। गाँव के लोग अपनी जीविका चलाने के लिए ईट के भट्ठों पर काम करते है। इस विद्यालय पर मेरे और मेरे सहयोगियों द्वारा मुख्य रूप से निम्नलिखित सफल प्रयास किया गया है जिससे यह विद्यालय एचआरडी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान में जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया तथा राज्य स्तर पर भी इस विद्यालय का एकलौता जिले से अनुमोदन किया गया है ।प्रयास निम्न है :---
1-विद्यालय में बच्चों को बैठने के लिए डेस्क व बेंच की व्यवस्था NGO तथा चन्दे के माध्यम से किया गया।
1-विद्यालय में बच्चों को बैठने के लिए डेस्क व बेंच की व्यवस्था NGO तथा चन्दे के माध्यम से किया गया।
2-बच्चों को विद्यालय मे ठहराव के लिए खेलकूद की गतिविधि को प्रारम्भ किया गया। इसके लिए चदें ,NGO के माध्यम से खेल सामग्री -बैट, फूटबाल , झूला स्टैण्ड , आदि की व्यवस्था करना।
3-विज्ञान किट ,गणित किट , मानचित्र, चार्ट आदि की व्यवस्था करना।
4-बच्चों को ड्रेस के साथ -साथ टाई, बेल्ट, आई कार्ड , जूता-मोजा आदि की व्यवस्था करना।
5- बलिया में स्काउट गाइड की प्रा० स्तर की मण्डल में एक मात्र कब और बूलबूल टीम का गठन ।।
6-समय-समय पर बच्चों को कम्प्यूटर द्वारा शिक्षाप्रद फिल्म दिखाना , कम्यूटर का बेसिक परिचय कराना , माइक द्वारा प्रार्थना कराना, आदि |
7-MDM में भोजन मीनू के अनुसार बनवाना , विद्यालय में शिक्षकों के लिए कोई आतरिक्त भोजन नहीं बनवाना,प्लेट , चम्मच, गिलास आदि की व्यवस्था करना।।
8-विद्यालय परिसर को स्वच्छ,सुन्दर बनाने के लिए गमला, पेड़ पौध लगानाआदि ।।
9-समय -समय पर जिला, मण्डल, पर आयोजित खेलकूद, स्काउट गाइड प्रतियोगिता , सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता , मेला भ्रमण आदि में बच्चों को प्रतिभाग कराना ।।
10- विद्यालय पर अभिभावक-शिक्षक मिटिंग का आयोजन करना तथा बच्चों के घर जा कर सम्पर्क करना आदि ।। धन्यबाद
9-समय -समय पर जिला, मण्डल, पर आयोजित खेलकूद, स्काउट गाइड प्रतियोगिता , सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता , मेला भ्रमण आदि में बच्चों को प्रतिभाग कराना ।।
10- विद्यालय पर अभिभावक-शिक्षक मिटिंग का आयोजन करना तथा बच्चों के घर जा कर सम्पर्क करना आदि ।। धन्यबाद
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से भाई उमेश कुमार सिंह और उनके सहयोगी भाई सतीश कुमार जी के साथ विद्यालय परिवार को, जिन्होंने टीम भावना से काम कर -विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में सहयोग किया बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
�मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते हैं तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
विमल कुमार
कानपुर देहात
16/10/2016
विमल कुमार
कानपुर देहात
16/10/2016
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