९४- आशुतोष कुमार सिंह प्रा० वि० अराजी बसडीला, पिपराइच, गोरखपुर

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- गोरखपुर के बेसिक शिक्षा के युवा एवं अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई आशुतोष कुमार सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच से मात्र कुछ माह की लगनपूर्ण मेहनत के द्वारा विद्यालय को नया रूप देने की कोशिश की है। आपने अपने विद्यालय को टी एल एम की विविधता से बच्चों के शिक्षण को आकर्षण बनाने का प्रयास किया है। जिसे आप चित्रों के माध्यम से देख सकते हैं।
आइये जानते है आपके द्वारा विद्यालय परिवर्तन के प्रयासों को आपके शब्दों में:---

मैं आशुतोष कुमार सिंह गोरखपुर जिले से हूँ। मेरी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय आराजी बसडीला में 2 जुलाई सन् 2016 में प्रधानाध्यापक पद पर हुई|
उस समय विद्यालय में 55 विद्यार्थियों का नामांकन था , परन्तु मात्र 10-20 बच्चे ही विद्यालय आते थे| कम उपस्थिति वाले बच्चों को चिन्हित करके सभी शिक्षकों द्वारा बच्चों के घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया गया और "स्कूल चलो जागरूकता " रैली निकाली गयी| फलस्वरुप आज के समय में कुल 97 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ हैऔर 70-75 बच्चे  विद्यालय पढ़ने आते हैं|
विद्यालय के वातावरण को सुदृढ करने व उसे पठन - पाठन के अनुकूल बनाने के लिए मैनें कुछ प्रयास किए ..
(1) विद्यालय भवन के सभी कक्षों के टूटे- फूटे फर्श व दीवारों की मरम्मत करायी|
(2) प्रधानाध्यापक कक्ष में चारों ओर बहुत गंदगी थी|  पहले अलमारी व बक्सों की साफ - सफाई करवायी, पंजिकाओं को व्यवस्थित किया, कक्ष की रंगाई पुताई करायी|
(3) कार्यालय के लिए कुर्सी मेज की व्यवस्था की|
(4)कक्षाओं में शिक्षकों के कुर्सी मेज व छात्रों के स्टडी टेबल की मरम्मत करवायी|
(5)हाल में लगे पंखे - बल्ब की मरम्मत करायी व सभी कक्षों के लिए नए पंखे की व्यवस्था की |
(6)विद्यालय के कक्षों , शौचालय और रसोई घर के खिड़की व दरवाजों की भी मरम्मत करवायी|
(7)विद्यालय प्रांगण व शौचालय को नियमित रूप से साफ कराया जाता है|
(8)सभी कक्षों के श्यामपट्ट को पेंट कराकर उसकी मरम्मत करायी|
(9)बच्चों को निःशुल्क यूनीफार्म के साथ टाई , बेल्ट व आई कार्ड भी दिया गया जिससे वे अपनी अलग पहचान बना सकें|
(10)सभी कक्षा के लिए अलग- अलग TLM की व्यवस्था की गयी है जिससे रोचकता के साथ अध्ययन - अध्यापन हो सके|
(11) विद्यालय के चारों ओर चहारदीवारी बनवाने व सभी कक्षाओं के रंगाई - पुताई के लिए अभी भी प्रयासरत हूँ|
     मेरे इन सभी प्रयासों में मेरे विद्यालय स्टाफ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है| मेरा एकमात्र लक्ष्य लोगों की बेसिक शिक्षा के प्रति नकारात्मकता को  जड से मिटाना , विद्यालय में नीरसता के माहौल को दूर करना व सभी विद्यालयी कार्यकलापों में विद्यार्थियों की रुचि उत्पन्न करना है|
मित्रो आपने देखा कि सकारात्मक सोच जीवन की एक ऐसी विधा है जो जंगल में मंगल और प्रतिकूल परिस्थितियों को अनुकूल परिस्थितियों में बदलने की क्षमता रखती है। वही हमारे बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न प्रत्येक विषम परिस्थितियों में अपने विद्यालय को उत्तम बनाने की ओर अग्रसर रहते हैं। इन्हीं अनमोल रत्नों में से एक भाई आशुतोष कुमार सिंह और सहयोगी विद्यालय परिवार को मिशन शिक्षण संवाद की ओर से उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
28/11/2016

Comments

Total Pageviews