१३५- विजया अवस्थी, कन्या जू० हाईस्कूल मंसूरनगर, पिहानी, हरदोई

★अनमोल रत्न की अनमोल यात्रा★
मित्रो आज हम आपको मिशन शिक्षण संवाद परिवार के सहयोगी और अनमोल रत्न शिक्षक भाई शिवम शर्मा जी द्वारा कन्या जूनियर हाईस्कूल मंसूरनगर, पिहानी जनपद- हरदोई का आखों देखा विवरण आपके सामने प्रस्तुत है।
आइये ले चलते हैं आज आपको एक विद्यालय की सैर पर, जी हाँं एक सरकारी विद्यालय की सैर पर।
कहने को तो ये सरकारी विद्यालय था लेकिन किसी मामले में प्राइवेट जैसे सुविधा देने वाले विद्यालय से कम नहीं है।
नाम है उस विद्यालय का :-
कन्या जूनियर हाई स्कूल , मंसूर नगर पिहानी , हरदोई।
विद्यालय में हेड का कार्यभार है बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न बहन विजया अवस्थी जी के पास है। हमें भी इसी विद्यालय में 23 -02-17 को एक दिन के लिए गेस्ट टीचर के रूप में काम करने का मौका मिला। बहन विजया अवस्थी जी के द्वारा एक दिन के लिए उनके विद्यालय में कुछ एक्टिविटीज कराने के लिए उन्होंने invite किया था। उसी में मौका मिला उनके बच्चों के साथ काम करने का।
आइये अब बताता हूँ आपको आखिर क्या मैंने पाया उनके विद्यालय में :- 


1. विद्यालय का सुन्दर, साफ, स्वच्छ और सुसज्जित परिवेश।
2. परिवेश से भी बड़ी चीज वहाँ के बच्चे, कहने को तो वह बालिका विद्यालय है, लेकिन सच में किसी मामले में उनकी बालिकाएं, बालकों से कम नहीं।
3. बच्चों के अंदर ऐसी - ऐसी खूबियां देखकर, इतनी खुशी थी चेहरे पर जो शायद ही शब्दों में मैं बयां कर पाऊँ।
4. शुरुआत हुई मेरी उनकी असेंबली से, असेंबली में उनके द्वारा की गयी प्रेयर्स का कॉम्बिनेशन, राष्ट्रीय गीत व् गान का जबरदस्त कॉम्बो पैक। कुछ अलग था हर जगह से,जहाँ तक अभी मैंने पाया है कुछ विद्यालयों के हिसाब से।
5. प्रेयर के बाद उनके द्वारा की गयी पी टी एक्सरसाइजेज। एकदम अलग तरह की पी० टी० , जो दिखने में इतनी आकर्षक थी , ध्यान खीचने वाली लोगों का , बॉडी के हर एक पार्ट्स को ध्यान में रखकर प्लान की गयी थी उनकी ये पी०टी०।
पी० टी० देखा तो थोड़ी खुशी और मिली क्योंकि यहाँ मैंने भी कुछ सीखा, कुछ अलग तरह की पी०टी०।
6. असेंबली में ही maam ने मौका दिया मुझे खुद को इंट्रोड्यूस करने का । फिर क्या भाई बातें हुई हमारी और बच्चों की। फिर बात- बात में ही हमने अपनी क्लास शुरू करने का माहौल बनाया और चौका लगाते हुए पूछ ही डाला उनसे कि क्या कोई एक्शन सांग सीखेंगे वो मुझसे, तो जवाब आया - जी सर , और सबसे बड़ी चीज उन्होंने डिमांड की - हिंदी की बाद में, पहले इंग्लिस की।
हमने कहा बिल्कुल। शुरू हो गयी हमारी क्लास इस तरह।
हमने 2 एक्शन सांग सीखाने की कोशिश की उस दिन।
7. Ma'am ने फिर उसके बाद स्कूल का मुआयना करवाया , हर एक चीज दिखाई उन्होंने विद्यालय की।बहुत अच्छा लगा कि कुछ टीचर्स ऐसे भी हैं जो सच में ऐसा कर रहे हैं बच्चों को इतना कुछ दे रहे हैं।
8. विद्यालय में ही बच्चों के द्वारा बनायी गयी एक से बढ़कर एक चीज का कायल बना दिया उन्होंने , और लगभग सभी चीजे waste मटेरियल से।
9. स्कूल का डिसिप्लिन भी काफी अच्छा लगा ,चाहे वो बच्चों में , टीचर्स में , सपोर्ट स्टाफ़ में या और किसी में।
10. वही पर एक चीज और देखी और shocked रह गया मैं देखकर वह था मेडल्स , शील्ड , ट्राफी की भरमार। इतने सारे शील्ड देखकर लग रहा था किसी दूकान पर आ गया हूँ शायद। लेकिन नहीं वह सब उन बच्चों व् उनके टीचिंग स्टाफ़ का कमाल था जो उन्होंने ये सब जीता व् पाया हुआ था।
फिर हमने अगले सत्र में बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेन्स से रिलेटेड एक्टिविटी शुरू की। उन्हें सेल्फ डिफेन्स के महत्त्व से अवगत कराया गया व् इसके अर्थ को बताया गया। चूँकि सेल्फ डिफेंस की क्लास की शुरुआत के लिए पहले कुछ स्टेप्स होते हैं इसीलिए उन स्टेप्स को फॉलो करते हुए उन्हें meditation,  warm up और स्ट्रेचिंग वगैरह करायी गयी।
लंच के बाद बच्चों से बातचीत का सत्र शुरू हुआ , जिसमें उन्होंने कुछ बातें शेयर की व् उन्होंने कुछ पोयम्स वगैरह प्रस्तुत की।
इसी के जस्ट बाद उन्हें सोलर सिस्टम व् सूर्य से दूरी के आधार पर स्थित ग्रहों के नाम कैसे याद किया जाए, बताया गया।
आखरी सत्र में बच्चों ने एक बहुत ही खूबसूरत डांस - " जय हो " गाने पर प्रस्तुत किया।
इन बच्चों में सबसे अलग बात ये थी कि ये इतने कॉन्फिडेंट और independant नजर आ रहे थे जो इन्हें और विद्यालय से अलग कर रही थी ,एक अनजान टीचर जो कि सिर्फ एक दिन के लिए उनके विद्यालय में आया है उससे वो लोग इतना घुल मिल कर बात कर रहे थे वो प्रमाण था कि बच्चों की हर एक स्किल्स पर काफी काम हुआ है यहाँ।
जाते-जाते तो बच्चों ने एक ऐसी याद दे दी जिसे चाह कर भी कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने पता नहीं कब किया ऐसा , शायद तब जब हम टीचर्स लंच कर रहे थे उन्होंने बेहद खूबसूरत "थैंक यू कार्ड" गिफ्ट किया मुझे और आगे फिर आते रहने के लिए invite किया। उस कार्ड में उन्होंने एक मेसेज भी छोड़ा मेरे लिए , हाँ उनके इस काम में उनकी टीचर ने जरूर हेल्प की होगी। लेकिन फिर भी बहुत अच्छा लगा उनसे वो गिफ्ट पाकर।
जाते-जाते विजिटर रजिस्टर में maam ने कुछ लिखने को कहा, वैसे तो बहुत कुछ था उन बच्चों के लिए, लेकिन शार्ट में बस यही एक बात यहाँ कहना चाहूँगा जो लिखी वहाँ कि ये बच्चे बहुत अलग हो चुके हैं अब बाकी स्कूल से, ये अब उस लेवल पर हैं जिन्हें समाज में बाहर लाना बेहद जरूरी हो गया है जिससे समाज में एक message जाए कि सरकारी स्कूल के बच्चे खराब नही होते , अब उन्हें मौका मिले कुछ एक्टिविटीज करने का बाहर ताकि उनमे भी एक अलग कॉन्फिडेंस पैदा हो सके।
अंत में उन बच्चों के लिए बहुत आशीर्वाद और उस स्टाफ के लिए भी बहुत शुभकामनाएं कि बस वह आपना काम यूँही करते रहे और खुशिया पाते रहे, खुशिया देते रहे ।
आप के समक्ष उस विद्यालय की कुछ बेस्ट पिक्चर्स और अपनी कुछ यादों को जरूर शेयर करना चाहूँगा।
साभारः शिवम शर्मा
मिशन शिक्षण संवाद हरदोई
मित्रो आपके पास भी, यदि किसी विद्यालय के भ्रमण की कहानी हो तो हमें अवश्य भेजें। क्योंकि हमें पता है कि बेसिक शिक्षा के इस अथाह सागर में अभी हजारों अनमोल रत्न छिपे हुए है जहाँ तक सोशलमीडिया की अभी पहुँच नहीं है। इसलिए आपसे निवेदन है कि बेसिक शिक्षा में सकारात्मक सोच के इस महायज्ञ में सहयोगी अवश्य बनें और अपने आस- पास के आदर्श और अनमोल रत्न शिक्षक तथा विद्यालयों की फोटो और विवरण मिशन शिक्षण संवाद के WhatsApp no-9458278429
तथा ईमेल- shikshansamvad@gmail.com पर अवश्य भेजें।
विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
03/03/2017

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