८१- सरिता राय पू०मा०वि० केराकतपुर काशी विद्यापीठ वाराणसी

मित्रो आज हम मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से आपका परिचय देवों के देव महादेव की नगरी एवं साहित्य की जननी कही जाने वाली वाराणसी की पवित्र भूमि से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सरिता राय जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी कार्य कुशलता और सकारात्मक सोच से अपने विद्यालय को सदैव नई दिशा और पहचान देने का प्रयास किया। जिससे आपने उन अनेकों व्यवस्थाहीन कहे जाने वाले सरकारी विद्यालयों से हटकर सामाजिक विश्वास के प्रतीक के रूप में विद्यालय को गति प्रदान की है जो हम सब के लिए अनुकरणीय है।
तो आइये जानते है कि विद्यालय की कहानी, बहन जी के शब्दों में:---


30 मई 2015 को हमारे विद्यालय की प्र०अ० ने हमें विद्यालय में सबसे जूनियर होने के बाबजूद विद्यालय का चार्ज जिस विश्वास और उम्मीद के साथ दिया था उसे हमने अपनी यथा सम्भव क्षमताओं के अनुसार पूरा करने का प्रयास किया। सबसे पहले हमने विद्यालय की विद्युत व्यवस्था को ठीक कराया जो लगभग दो वर्षों से केवल कटे होने के कारण विद्युत विहीन विद्यालय था। स्कूल का फर्नीचर लगभग टूट चुका था जिससे बच्चों को टाटपट्टी पर बैठक की स्थिति बन गयी थी। इसके लिए हमने 26 जनवरी को वाराणसी के फेमस न्यूरोलॉजिस्ट डॉ० अंसारी जी को विद्यालय में आमंन्त्रित किया।  उन्होंने विद्यालय के विकास के लिए 5000 रुपये दिए। इसके साथ ही सभी स्टाफ ने भी एक - एक हजार रुपये देकर सहयोग किया। जिससे दस हजार रुपये द्वारा विद्यालय में कुछ फर्नीचर तैयार हो गया। अब बच्चों के बैठने की परेशानी नहीं रही। इसके साथ ही शिक्षण कार्य समय से कराया। तथा प्रार्थना सभा में प्रातः आधा घण्टा प्रतिदिन बच्चों को सामान्य ज्ञान का अभ्यास कराया। इससे बच्चों में सामान्य ज्ञान का स्तर बहुत अच्छा है, जिसके हमने वीडियो भी बनाये हैं। शिक्षण के नया रूप देने के लिए हमने कुछ पिटारों का निर्माण भी किया है। जिनमें अंग्रेजी की मीनिंग व स्पेलिंग याद करने प्रतियोगी व्यवस्था बन कर तैयार होती है। इसमें रोज बच्चे एक स्पेलिंग और नाम लिखी चिट डालते हैं, माह के अन्त में वह खुलता है। जो बच्चा पिटारा में एकत्रित सभी स्पेलिंग सही बताता है उसे पुरस्कृत किया जाता है। इसी तरह मैथ के सूत्रों का पिटारा और फाइल भी बना है। विज्ञान में रुचिकर शिक्षण के लिए बहुत सारे मॉडल और चार्ट भी बनाये गये हैं। सबसे अधिक उपस्थिति वाले बच्चों को भी पुरस्कार दिया जाता है। बच्चों को विद्यालय में अपने सुझाव और शिकायत के लिए भी पिटारा बनाया गया है। जिसमें बच्चों का नाम गोपनीय रखा जाता है।
जनपदीय क्रीड़ा प्रतियोगता में विद्यालय के बच्चों को अंताक्षरी में द्वितीय पुरस्कार एवं सिल्वर मैडल भी प्राप्त हुआ है। कल  01/12/2016  को ब्लॉक स्तरीय विज्ञान/ गणित मेला में निबन्ध, चित्रकला एवं लघु नाटिका में हमारा विद्यालय प्रथम रहा है।
सरिता राय
पू० मा० विद्यालय केराकतपुर
वि० खण्ड- काशी विद्यापीठ
जनपद- वाराणसी
मित्रो आप ने देखा कि प्रयास करने वालों को परिवर्तन अवश्य मिला है। जैसा कि बहन जी ने अपने छोटे- छोटे प्रयासों से प्रगतिशील विद्यालय बनाया है।
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से बहन जी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
02/12/2016

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