९२- डॉ० विभा शुक्ला प्रा० वि० पुरानी बाजार, बदलापुर, जौनपुर
मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- जौनपुर से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न वन्दनीय बहन डॉ विभा शुक्ला जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच की शक्ति से बेसिक शिक्षा की विषम परिस्थितियों के कारण विद्यालय की मुरझाई व्यवस्था को बच्चों की खुशियों और अभिभावकों के विश्वास के साथ पुनः हरा भरा कर हम सब को अपने कर्तव्य की शक्ति का संदेश दिया।
तो आइये जानते हैं कि आपने कैसे बेसिक शिक्षा के एक विद्यालय को विश्वास का प्रतीक बनाया:--
सर जी मेरी नियुक्ति विशिष्ट बी० टी० सी० के तहत सन्- 1999 में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। अब हमारी जिम्मेदारी थी कि बच्चों को कैसे अच्छी शिक्षा दी जाये, बच्चों को कैसे विद्यालय से जोड़ा रखा जाय तथा शासन से प्राप्त सुविधाओं को उन तक कैसे पहुँचाया जाय। ऐसे कौन से कारण है जिससे अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन प्राइवेट स्कूल में कराना चाहते हैं।
इन सब समस्याओं के लिए के समाधान के लिए हमने अपने सहयोगी विद्यालय परिवार के साथ बैठक कर कारण और अनके निवारण पर विचार करते रहे।
इसके साथ ही हमने बच्चों को पढ़ाने के लिए उनके मानसिक स्तर के अनुसार शिक्षा देना शुरू किया और नये- नये शिक्षण के तरीकों का उनके ऊपर प्रयोग करना शुरू किया। इसी के साथ बच्चों के अभिभावकों को भी बैठक कर शिक्षा और शिक्षण के साथ अपने द्वारा किये जा रहे बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रयासों से अवगत कराया। उनको बताया कि बच्चे विद्यालय आप समय से भेजें तथा होमवर्क आदि में बच्चों का सहयोग करें हम सब मिल कर प्राइवेट स्कूल से अच्छी शिक्षा और सुविधा आपके बच्चों को देने का प्रयास करेंगे। इन्हीं सब प्रयासों और कोशिशों से धीरे- धीरे अभिभावक विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था से संतुष्टि और विश्वास के साथ जुड़ते गये।
इसी बीच 2011 में हमारा प्रमोशन UPS सिंगरामऊ में सहायक अध्यापक के पद पर हो गया। लेकिन इससे विद्यालय का स्टाफ, बच्चे और अभिभावक कोई भी खुश नहीं था। सभी दुखी हुए जिससे हमारा भी स्कूल छोड़ कर जाने का मन नहीं कर रहा था। मन बहुत विचलित हो रहा था। लेकिन बेबस और दुखी मन से हमने 24 जनवरी- 2011 अपने नये विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। लेकिन मन में प्राथमिक विद्यालय पुरानी बाज़ार के बच्चों के प्रति आकर्षक और वायदा सोचकर अपने पुराने विद्यालय वापस जाने की कोशिक शुरू कर दी। क्योंकि वहाँ प्रधानाध्यापक का पद भी रिक्त था। हमारी कोशिश कामयाब हुई। हमारा संशोधन प्रा वि पुरानी बाज़ार के लिए प्रधानाध्यापक पद पर कर दिया। अब हम सब बहुत खुश थे लेकिन इसी के साथ हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गयी।
इसके साथ ही हमने बच्चों को पढ़ाने के लिए उनके मानसिक स्तर के अनुसार शिक्षा देना शुरू किया और नये- नये शिक्षण के तरीकों का उनके ऊपर प्रयोग करना शुरू किया। इसी के साथ बच्चों के अभिभावकों को भी बैठक कर शिक्षा और शिक्षण के साथ अपने द्वारा किये जा रहे बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रयासों से अवगत कराया। उनको बताया कि बच्चे विद्यालय आप समय से भेजें तथा होमवर्क आदि में बच्चों का सहयोग करें हम सब मिल कर प्राइवेट स्कूल से अच्छी शिक्षा और सुविधा आपके बच्चों को देने का प्रयास करेंगे। इन्हीं सब प्रयासों और कोशिशों से धीरे- धीरे अभिभावक विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था से संतुष्टि और विश्वास के साथ जुड़ते गये।
इसी बीच 2011 में हमारा प्रमोशन UPS सिंगरामऊ में सहायक अध्यापक के पद पर हो गया। लेकिन इससे विद्यालय का स्टाफ, बच्चे और अभिभावक कोई भी खुश नहीं था। सभी दुखी हुए जिससे हमारा भी स्कूल छोड़ कर जाने का मन नहीं कर रहा था। मन बहुत विचलित हो रहा था। लेकिन बेबस और दुखी मन से हमने 24 जनवरी- 2011 अपने नये विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। लेकिन मन में प्राथमिक विद्यालय पुरानी बाज़ार के बच्चों के प्रति आकर्षक और वायदा सोचकर अपने पुराने विद्यालय वापस जाने की कोशिक शुरू कर दी। क्योंकि वहाँ प्रधानाध्यापक का पद भी रिक्त था। हमारी कोशिश कामयाब हुई। हमारा संशोधन प्रा वि पुरानी बाज़ार के लिए प्रधानाध्यापक पद पर कर दिया। अब हम सब बहुत खुश थे लेकिन इसी के साथ हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गयी।
अब विद्यालय में शिक्षण के साथ परिवेश का सौन्दरीकरण करना हमारा जुनून बन गया था। इसके लिए मैदान का समतलीकरण कराया। विद्यालय प्रांगण में थालों का निर्माण कर वृक्षारोपड़ कराया। विद्युतीकरण कराया। नये ढंग से विद्यालय भवन का पुताई और पेन्टिंग कराई। सभी कक्षा- कक्षों को आवश्यक टी० एल० एम० से सुसज्जित किया। विद्यालय में प्रार्थना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु माइक, पी० टी० हेतु ड्रम, खेल- कूद हेतु समस्त सामग्री, मिड डे मील में प्लेट- ग्लास की पर्याप्त व्यवस्था है। जिसमें विद्यालय के स्टाफ का पूर्ण सहयोग है। इसी के साथ अच्छी गुणवत्तायुक्त शिक्षा को पूरा करना शुरू किया। इन सभी कार्यों को पूरा करने में समुदाय के लोगों के साथ - साथ अभिभावकों, विद्यालय स्टाफ, बी आर सी, एन पी आर सी आदि के साथ ग्राम प्रधान जी का अच्छा सहयोग मिला। विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता से संतुष्ट होकर बच्चों के अभिभावक विद्यालय से जुड़ते गये जिससे वर्ष- प्रतिवर्ष बच्चों का नामांकन बढ़ता गया। हमें गर्व होता है जब कॉन्वेन्ट स्कूल के बच्चे हमारे स्कूल में एडमीशन लेते हैं।
सत्र- 2015-16 में BEO बदलापुर के द्वारा विद्यालय को ब्लॉक का आदर्श विद्यालय घोषित किया गया। जिलाधिकारी जौनपुर की एक पहल थी कि बेसिक स्कूल को मॉडल स्कूल बना कर शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारा जाए। ऐसे में विद्यालय को अप्रेल-2016 में मॉडल स्कूल का भी दर्जा मिला। इस समय विद्यालय में 330 बच्चे विद्यालय में नामांकित होकर अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके लिए समस्त अभिभावकों, शिक्षकों बदलापुर, सेवानिवृत्त शिक्षक और समुदाय का प्रोत्साहन मिलता रहा। अन्त में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सहयोगी मो० जमील अहमद, प्रगति बहन जी, दीपिका बहन जी, अरविन्द सर, शोभावती बहन जी, के साथ- साथ शिक्षा प्रेरक रानी सिंह एवं साहिन कौसर जिनके कारण विद्यालय प्रगति पथ पर है और सबसे सबसे अच्छा सहयोग देने के लिए अध्यक्ष smc मो० सिराज अहमद बधाई के पात्र हैं। विद्यालय को आगे बढ़ाने में BEO महोदय श्री अशोक यादव, श्री आशीष पाण्डेय आदि का भी अतुलनीय सहयोग रहा। आगे आप सबके सहयोग की आकांक्षा के साथ---
डॉ विभा शुक्ला प्र० अ०
प्रा० वि० पुरानी बाज़ार
बदलापुर, जौनपुर
डॉ विभा शुक्ला प्र० अ०
प्रा० वि० पुरानी बाज़ार
बदलापुर, जौनपुर
मित्रो आपने देखा कि एक बहन ने किस प्रकार शिक्षक के शिक्षण कौशल से सभी का सहयोग लेकर विद्यालय को आदर्श स्थिति तक पहुँचा दिया। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से बहनजी और सहयोगी विद्यालय परिवार को कोटि कोटि नमन के साथ विद्यालय की उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
विमल कुमार
कानपुर देहात
23/11/2016
विमल कुमार
कानपुर देहात
23/11/2016
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