१३३- डॉ नीतू शुक्ला, प्रा० वि० बेथर-१, सिकन्दरपुर कर्ण, उन्नाव
★टी०एल०एम० विशेषज्ञ बहन डॉ नीतू शुक्ला★
मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-उन्नाव से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न टी० एल० एम० विशेषज्ञ वन्दनीय बहन डॉ नीतू शुक्ला जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच के साथ विद्यालय परिवार से भावनात्मक प्रेमाकर्षण विधि को अपना कर अपने विद्यालय की गतिविधियों की दिशा और दशा दोनों को परिवर्तित कर दिखाया।
जहाँ एक ओर बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति की समस्या लगातार बनी रहती है तथा अभिभावकों द्वारा सहयोग न करने की शिकायत बनी रहती है।
वहीं हमारे अनमोल रत्नों ने अपनी सकारात्मक सोच की शक्ति, ईमानदारी से अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित तथा बच्चों और विद्यालय के प्रति भावनात्मक प्रेमाकर्षण से दोनों समस्याओं के समाधान को खोज कर शतप्रतिशत उपस्थिति जैसे कठिन कहे जाने वाले लक्ष्य को प्राप्त कर दिखाया। इसके अतिरिक्त हमारे कई अनमोल रत्न है जिनके विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में अभिभावकों का पूर्ण सहयोग के साथ आर्थिक सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। हम सब को बेसिक शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए ऐसी ही नीतियों की जरूरत है।
तो आइये देखते हैं बहन जी द्वारा किये गये प्रयासों की कुछ झलकियाँ:--
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1859265971017658&id=1598220847122173
मैं डॉ नीतू शुक्ला प्रा० वि० बेथर प्रथम वि० क्षे० सिकन्दरपुर कर्ण (उन्नाव) में प्रधान शिक्षिका के पद पर कार्यरत हूँ। वर्तमान विद्यालय में अप्रैल 16 में कार्यभार ग्रहण किया। विद्यालय की स्थिति अत्यंत ख़राब थी। एकल विद्यालय होने के कारण शैक्षिक वातावरण अनुकूल न था। विद्यालय में कोई भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी जो की एकल विद्यालय होने के कारण स्वाभाविक था। इस व्यवस्था को सुधारना एक कठिन कार्य था। भौतिक परिवेश के साथ-साथ शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कठिन प्रयासों की आवश्यकता थी।
यह सब समझते हुए अत्यंतधैर्य व् सहनशीलता के साथ मैंने धीरे-धीरे प्रयास करना प्रारम्भ किया।विद्यर्थियों की नियमित उपस्थिति की समस्या, शैक्षिक अभिलेखों का रख -रखाव, शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, रुचिकर शिक्षण के साथ-साथ विद्यालय के भौतिक परिवेश में सुधार आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया। कक्षा -कक्ष को अनुकूल, मनोरंजक व् रुचिकर बनाने के लिए तरह तरह की सामग्रियों का स्वयं निर्माण किया। रंग-बिरंगी पेंटिंग फोटोज विभिन्न प्रकार के चार्ट बनाये। दीवारों पर विभिन्न शैक्षिक विषयों से सम्बंधित सामग्री पेंट कराया।
अपने विद्यालय को व्यवस्थित करने के लिए मैंने बहुत कठिन प्रयास किया जो निर्बाध रूप से अभी तक चल रहा है। विद्यालय के छात्र-छात्रायें अब विद्यालय आने में रुचि लेने लगे हैं। विद्यालय में समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं (खेल व् क्रीड़ा प्रतियोगिता तथा चित्रकला व् लेखन प्रतियोगिता) का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी छात्र/छात्रायें उत्साह के साथ प्रतिभाग करते है एवम अच्छा प्रदर्शन करने पर उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप मैं पुरस्कार भी देती हूँ जिससे उन्हें भविष्य में और अच्छा करने का प्रोत्साहन मिलता रहे। मेरी कोशिश रहती है कि प्रधान शिक्षिका होने के नाते अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद मैं विद्यालय के लिए कुछ नया करूँ। ऐसा करने से मुझे बहुत सुखद अनुभूति होती है। मेरा प्रयास यह है कि अपने विद्यालय को आदर्श विद्यालय बना सकूँ। मैं भावनात्मक रूप से अपने विद्यार्थियों से जुड़ाव महसूस करती हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि मेरे विद्यार्थी जीवन में सदैव उन्नति करें, अपना एक अलग मुकाम हासिल कर सकें और इस दिशा में मेरा प्रयास जारी है।
यह सब समझते हुए अत्यंतधैर्य व् सहनशीलता के साथ मैंने धीरे-धीरे प्रयास करना प्रारम्भ किया।विद्यर्थियों की नियमित उपस्थिति की समस्या, शैक्षिक अभिलेखों का रख -रखाव, शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, रुचिकर शिक्षण के साथ-साथ विद्यालय के भौतिक परिवेश में सुधार आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया। कक्षा -कक्ष को अनुकूल, मनोरंजक व् रुचिकर बनाने के लिए तरह तरह की सामग्रियों का स्वयं निर्माण किया। रंग-बिरंगी पेंटिंग फोटोज विभिन्न प्रकार के चार्ट बनाये। दीवारों पर विभिन्न शैक्षिक विषयों से सम्बंधित सामग्री पेंट कराया।
अपने विद्यालय को व्यवस्थित करने के लिए मैंने बहुत कठिन प्रयास किया जो निर्बाध रूप से अभी तक चल रहा है। विद्यालय के छात्र-छात्रायें अब विद्यालय आने में रुचि लेने लगे हैं। विद्यालय में समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं (खेल व् क्रीड़ा प्रतियोगिता तथा चित्रकला व् लेखन प्रतियोगिता) का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी छात्र/छात्रायें उत्साह के साथ प्रतिभाग करते है एवम अच्छा प्रदर्शन करने पर उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप मैं पुरस्कार भी देती हूँ जिससे उन्हें भविष्य में और अच्छा करने का प्रोत्साहन मिलता रहे। मेरी कोशिश रहती है कि प्रधान शिक्षिका होने के नाते अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद मैं विद्यालय के लिए कुछ नया करूँ। ऐसा करने से मुझे बहुत सुखद अनुभूति होती है। मेरा प्रयास यह है कि अपने विद्यालय को आदर्श विद्यालय बना सकूँ। मैं भावनात्मक रूप से अपने विद्यार्थियों से जुड़ाव महसूस करती हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि मेरे विद्यार्थी जीवन में सदैव उन्नति करें, अपना एक अलग मुकाम हासिल कर सकें और इस दिशा में मेरा प्रयास जारी है।
मित्रो आपने देखा कि कहीं न कहीं विचारों का हमारे कार्यों पर असर पड़ता है इसीलिए कहा जाता है कि -- विचार बदलोगे, व्यवहार बदल जायेगा। ऐसा ही बहन जी ने विचार परिवर्तन से विद्यालय परिवर्तन की दिशा बदल दी।
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से डॉ नीतू शुक्ला जी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
_आओ हम सब हाथ मिलायें।_
_बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
_बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।
☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
04/03/2017
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
04/03/2017
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