१४०- नीता भरंगर, प्रा० वि० नौबिया, गोबर्धन, मथुरा
मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मथुरा से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न वन्दनीय बहन नीता भरंगर जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच की शक्ति से बेसिक शिक्षा में जड़े जमा चुके अनेकों नकारात्मक मिथकों को तोड़ कर दिखा दिया। जिन्हें अभी तक हम जैसे हजारों शिक्षक केवल असम्भव नाम देकर मुँह मोड़ लेते थे। लेकिन बहन जी ने अपनी कार्यकुशलता और समर्पित शिक्षा सेवा से हर असम्भव नाम को सम्भव में बदल कर हम सबके लिए प्रेरक और अनुकरणीय मार्गदर्शन किया।
तो आइये जानते हैं बहन जी के अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयासों की एक झलक:--
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★अकल्पनीय परिवर्तन★
जब मेरा स्थानांतरण प्रोन्नति के उपरांत प्रधानाध्यापक के पद पर प्रा0 वि0 नौबिसा में हुआ था। उस समय विद्यालय की हालत बहुत ही दयनीय व नाजुक थी एवं छात्र नामांकन की स्थिति बहुत ही निराशा जनक थी। जिस गाँव में हमारा प्रा0 वि0 विद्यालय अवस्थित है वह बहुत ही छोटा गाँव है, ऊपर से कुछ सम्पन्न परिवार अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में ही पढ़ाने पर आमादा थे। लेकिन कुछ नया करने की चाह और सकारात्मक सोच की शक्ति ने हमको सम्बल दिया और हमने गाँव के प्रत्येक परिवार को समझाया कि वे अपने पाल्य को प्रा0वि0 में भेजें और उनसे विनम्र आग्रह किया व भरोसा दिलाया कि हम लोग इतनी मेहनत से आपके पाल्यों को पढ़ायेंगे कि आप निजी शिक्षण संस्थाओं को भूल जायेंगे।हमारी मेहनत व प्रयास रंग लाया और हमारे विद्यालय में नामांकन की स्थिति में आंशिक सुधार भी हुआ। जिससे विद्यालय में कुछ चहल पहल भी बढ़ने लगी।
इस छोटी सी चहल-पहल भरी उपलब्धि ने हमारा उत्साह चरम पर पहुँचा दिया। तदुपरान्त हम लोगों ने पाठ्यक्रम में पाठ्य सहगामी क्रियाओं पर बल देते हुए--
""अनुपयोगी सामग्री से उपयोगी सामग्री"
बच्चों के साथ मिलकर बच्चों से ही बनवायी। उससे बच्चों में भी क्रियात्मक रूचि उत्पन्न होने लगी और ज्यादातर बच्चे जो पहले अनियमित विद्यालय आते थे वो सभी नियमित हो गये।
★टूटते मिथक, बदलता बेसिक★
👉 एक मिथक हमारे समाज में व्याप्त है कि सरकारी विद्यालय अच्छे नहीं होते हैं, इस मिथक को तोड़ने के लिए मैंने विद्यालय के प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर व बैनर का सहारा लिया और गाँव व आसपास में जितने पोस्टर व बैनर निजी शिक्षण संस्थाओं के लगे थे उनसे कहीं ज्यादा प्रा0वि0 नौबिसा के लगवाये।
👉 एक और आरोप जो अक्सर प्रा0वि0 के अध्यापकों पर लगाया जाता है कि अध्यापक अपने पाल्यों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में क्यों नहीं पढ़ाते हैं इसी मिथ्या आरोप को निराधार करने के उद्देश्य से मैंने अपने बेटा का नामांकन अपने प्रा0वि0 नौबिसा में करवाया है और उसे नियमित रूप से साथ लेकर विद्यालय आती हूँ। वहीं हमारा बेटा भी शिक्षा ग्रहण कर रहा है।
👉 एक नवाचार के रूप में निजी शिक्षण संस्थाओं को टक्कर देने के उद्देश्य से ही हमने अपने विद्यालय के सभी छात्रों को *स्कूल डायरी* बाँटी गयी उसका बहुत बड़ा लाभ ये हुआ कि अभिभावकों के दिमाग से निजी शिक्षण संस्थाओं का भूत उतरने लगा और साथ ही साथ विद्यालय में हो रहे नियमित शिक्षण, छात्रों को दिये जा रहे गृहकार्य एवं विद्यालय में क्रियान्वित हो रहीं विभिन्न पाठ्यसहगामी क्रियाओं की जानकारी भी अभिभावकों तक पहुँचने लगी।
👉 छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर को ऊँचा करने के उद्देश्य से प्रत्येक विषय का माह में दो बार सत्र परीक्षा का आयोजन कराया। बच्चों में अनुशासन को स्थायी करने के उद्देश्य से अनुशासित व्यवहार को प्रस्तुत करते हुए बच्चों को अनुशासन का महत्व बताया एवं दैनिक प्रार्थना सभा में योग, मंत्रोच्चारण व नैतिक शिक्षा के साथ-साथ पीटी अभ्यास भी कराया गया। बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से समय-समय पर विद्यालय स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता व साँस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। छात्र एवं छात्राओं को बाहरी परिवेश से जोड़ने के उद्देश्य से मथुरा वृंदावन के साथ साथ गोकुल, गोवर्धन व नन्दगाँव, बरसाना की पौराणिक व धार्मिक महत्व के पर्यटन स्थलों का शैक्षिक भ्रमण कराया और साथ ही साथ पूरे जनपद में मध्याह्न भोजन वितरित करने वाली संस्था *अक्षय पात्र* का भ्रमण भी विद्यालय परिवार ने अपने खर्च पर कराया है।
👉 बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न अवसरों पर प्रोत्साहन के रूप में पानी की बोतल, रंगों की पैकेट, डिक्शनरी, काॅपी व पेन का वितरण भी समय-समय पर विद्यालय परिवार की ओर से वितरित किया जाता रहा है।
🥀👉🥀🥀🥀🥀समय-समय पर शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी व विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ सकारात्मक समन्वय ने हमको अभिप्रेरित किया जिसके फलस्वरूप हमने खुद मेहनत करके पूरे विद्यालय को एक नये कलेवर में ढालने के लिए खुद ही विद्यालय की दीवारों पर पेन्टिंग की है व अब हम बहुत ही संतुष्टि के साथ कह सकते हैं कि *हमारा विद्यालय किसी भी मायने में किसी भी निजी शिक्षण संस्थान से कम नहीं है और न ही हमारे विद्यालय में अध्ययनरत छात्र किसी से कम हैं* और उसी का परिणाम है कि हम एक सकारात्मक परिवर्तन करने में सक्षम हुए।
अन्त में हमारे प्रेरणा स्रोत, हमारे पथिक एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मथुरा के प्राचार्य- *श्री मुकेश अग्रवाल जी* का बहुत ही प्रचलित कथन-
*"लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।*
*कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।।"*
💐💐 *धन्यवाद* 💐💐
🙏 भवदीय 🙏
*श्रीमती नीता भरंगर* (प्रधानाध्यापिका)
प्रा0वि0- नौबिसा
वि0ख0-गोवर्धन
जनपद-मथुरा
संकलनकर्ता:डॉ० अनीता मुदगल
टीम मिशन शिक्षण संवाद उत्तर प्रदेश।
मित्रो आपने देखा कि किस प्रकार बहन नीता जी ने अपनी कोशिश से बेसिक शिक्षा के नकारात्मक सागर को पार कर, हम सबका गर्व और गौरव के साथ बेसिक शिक्षा में परिवर्तन की लहर के लिए प्रेरित कर मार्गदर्शन किया।
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से बहन नीता भरंगर एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को सतत उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत शभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
_बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।
☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
13/03/2017
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