१४३- नीलम भदौरिया प्रा० वि० पहरवापुर, मलवां, फतेहपुर

 *मिशन शिक्षण संवाद*
_दिनांक_
*25-05-2017*
‍♂ _*मित्रो,*_ आज हम आपका परिचय *मिशन शिक्षण संवाद* के माध्यम से बेसिक शिक्षा के अथाह सागर से _अनमोल रत्न_ *‍वन्दनीय शिक्षिका बहन नीलम भदौरिया जी* से करा रहे हैं। जिन्होंने अपने प्रकृति प्रेम से विद्यालय का परिवेश, मानवीय प्रेम से विद्यालय में संसाधन और ‍‍वात्सल्यता से विद्यालय में शिक्षण गतिविधियों द्वारा, विद्यालय को अनुकरणीय और अद्भुत बना दिया। किसी विरासत को जितना बनाना कठिन होता है उससे अधिक कठिन होता है उस विरासत को जीवित रखना। लेकिन बहन जी की सकारात्मक सोच ने विद्यालय की प्रत्येक विरासत को न केवल जीवित रखा बल्कि सतत ⬆शिखर की दिशा में अग्रसर भी रखा है। जो हम जैसे हजारों शिक्षकों के लिए अनुकरणीय  एवं प्रेरक हैं जिन्होंने अपने विरासत का स्वयं गला घोंटने में संकोच नहीं समझा।
 _आइये जानते हैं बहन जी के अनुकरणीय, प्रेरक एवं सराहनीय प्रयासों को:---_


 *प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर, विकास खण्ड - मलवां, जनपद - फतेहपुर*
 मैं *‍नीलम भदौरिया, प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर, मलवां, फतेहपुर।*
1999 में विशिष्ट बी0टी0सी0 में मेरा चयन हुआ। डायट से मुझे यह प्रेरणा मिली कि कुछ विशिष्ट ही करना है। उसी प्रेरक भावना के साथ दिसम्बर-1999 में विद्यालय में नियुक्ति हुई। सौभाग्य से प्रधानाध्यापक कर्मठ थे, समय पालन मैंने उनसे ही सीखा। वर्ष 2002 में मेरा विद्यालय आदर्श विद्यालय में चयनित हुआ और अभी तक ये विद्यालय आदर्श विद्यालय की स्थिति में है।
‍कला संगीत में मेरी विशेष रुचि थी। अतः अगले दिन से ही ड्रम द्वारा प्रार्थना, 露‍♀पी.टी. योगा असेंबली में प्रारंभ किया। 論ड्रम की ध्वनि स्वयं निकालकर बच्चों को पारंगत किया। यही नहीं स्वयं ही ढोलक मंजीरा आदि लाकर प्रार्थना में शामिल किया। बालिकाओं को सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग कराना भी सुनिश्चित किया। इसके अतिरिक्त बालिकाओं की शिक्षा के लिए विशेष प्रयास किये। परिणामस्वरूप *मेरे विद्यालय में बालिकाओं की संख्या अधिक है।*
मैंने अपनी सभी रुचियों को  विद्यालय में समाहित कर दिया। जैसे सिलाई -सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ड्रेस सिलने के लिए, ब्यूटीशियन का प्रयोग -विभिन्न प्रतियोगिताओं में बच्चों का मेकअप करने के लिए। संगीत, 論ड्रम, ढोलक, मंजीरा आदि में बच्चों को पारंगत किया। वर्ष 2000 से ही सभी कार्यकलाप जारी हैं। परिणामस्वरूप अब बालसभा का संगीत में प्रस्तुतीकरण भी होता है।
मेरे ससुर जी पौधे को लाते और स्वयं ही पौधे को रोपित करते थे। पड़ोस के लोग उस पेड़ को गिरा देते थे, तो वो दूसरे दिन फिर पौधा लगाया जाता था। मेरे पति जी के सहयोग से वृहत रूप से वृक्षारोपण शुरू हुआ। आज अनगिनत पौधे तथा गमले विद्यालय में विभिन्न प्रकार के लगाए जा चुके हैं। उन पौधों के नाम तक बच्चे याद करते हैं। लगभग 6 रंग के गुलाब के 50 पौधे लगे हुए हैं। मेरे परिवार के सहयोग से माँ सरस्वती की मूर्ति विद्यालय में स्थापित कराई गई। विद्यालय में स्थित शिव जी के मंदिर का जीर्णोद्धार करवा कर उसमें टाइल्स लगवाए।
जानवरों का अतिक्रमण भी बहुत था। विद्यालय में बारात रूकती थी। ये व्यवस्था भी समाप्त कराई गयी,  जिसमें मुझे स्थानांतरण तक की धमकियां मिली, परंतु अंत में ये अतिक्रमण रोकने में मुझे सफलता मिली। ग्राम प्रधान जी के सहयोग से विद्यालय में खडंजा भी लगवाया गया।  विद्यालय में अति उत्तम शौचालय का निर्माण -बच्चों एवं स्टॉफ के लिए करवाया ।
नामांकन प्रक्रिया अप्रैल माह में ही पूर्ण हो जाती है। बच्चों के सर्वांगीण विकास में निरंतर प्रयास किये जाते हैं। बालिकाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रदेश में दो बार 雷कांस्य पदक तथा मंडल में 7 बार 磊स्वर्ण पदक तथा जनपद  में  8 磊स्वर्ण पदक समूहगान, एकांकी में जीते जा चुके हैं।वर्ष 2000 में जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया जो शिक्षण सामग्री अर्थात टी.एल.एम. में था।
मिशन पहचान में जनपद स्तर पर दो बच्चे चयनित हुए। *डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विद्यालय में कक्षा 5 के  छात्र का चयन भी हुआ।*
विद्यालय में अपने स्वयं के पास से ही  बाउंड्री ऊंची करवाकर विद्यालय की सुरक्षा हेतु कदम भी उठाये।
विद्यालय के भव्य गेट और खंभे आदि का कार्य और भौतिक परिवेश से जुड़े कार्य भी  मेरे पति द्वारा  विद्यालय में करवाये गए। विद्यालय में उत्तम शैक्षिक सम्प्राप्ति  है । वर्ष 2015-16 में ये विद्यालय जनपद के उत्कृष्ट विद्यालय में चयनित हुआ जिसके परिणामस्वरुप लखनऊ में *बेसिक शिक्षा मंत्री* द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार मिला।
पुरस्कार धनराशि से विद्यालय में फर्नीचर, प्रोजेक्टर  आदि की  व्यवस्था की गई। विद्यालय के प्रति लोगों को आकर्षित करने हेतु मैंने अपने पूरे विद्यालय में पुट्टी कराई। विद्यालय में सुंदर-सुंदर शैक्षिक  कार्टून बनवाए तथा चहारदीवारी को विभिन्न रंगों में रंगवाया, जिसके परिणाम स्वरुप मांटेसरी के छात्र वहां से पलायन कर मेरे विद्यालय में नामांकित हो रहे हैं । गांव की महिलाएं-पुरुष मेरे द्वारा बताये गए कार्यों को अपना रहे हैं, जैसे-वृक्षारोपण और पॉलीथिन का कम प्रयोग।
स्वयं घर का इनवर्टर लाकर किराए की बैटरी लेकर प्रोजेक्टर से शिक्षण कार्य कराया जाता है। विद्यालय स्टाफ, बच्चे ‍रसोईया सभी अपने कार्यों और दायित्वों को पूर्ण निष्ठा से निभा रहे हैं।
विद्यालय में वर्तमान में 90% से अधिक उपस्थिति रहती है। सभी 158 बच्चों को उनके आई-कार्ड भी स्वयं बनवा के वितरित करवाया ताकि उनको उनकी पहचान मिल सके। इस वर्ष अप्रैल में अब तक कुल 162 छात्रों का नामांकन हुआ है।
कहा भी गया है -
_"यूं ही नहीं गिरते ख्वाहिशों के फूल झोली में,_
_कर्म की शाख को खुद ही हिलाना पड़ता है,_
_कुछ नहीं होगा अंधेरे को कोसने से,_
_अपने हिस्से का दिया स्वयं ही जलाना पड़ता है।"_
प्रतिवर्ष वार्षिकोत्सव के अवसर पर सारे बच्चों को पूरे विद्यालय की ओर से पुरस्कार दिए जाते हैं।
इसके साथ ही सभी अभिभावकों को पुरस्कृत किया जाता है।
*‍नीलम भदौरिया*
 _बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने एवं हम सब को गौरान्वित करने के लिए *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से बहन जी को एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!_
 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।
☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थानक दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
*साभार:* _शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
25/05/2017
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