१४९- यासमीन आरा, प्रा० वि० बोक्टा, सहजनवां, गोरखपुर
*मिशन शिक्षण संवाद*
_दिनांक_
*01-06-2017*
_दिनांक_
*01-06-2017*
♂ _*मित्रो,*_ आज हम आपका परिचय *मिशन शिक्षण संवाद* के माध्यम से *जनपद- गोरखपुर* से बेसिक शिक्षा की _अनमोल रत्न_ *बहन यासमीन आरा जी* से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और सहयोगात्मक व्यवहार से मात्र 60 बच्चों वाले विद्यालय को सुसज्जित और सराहनीय बना दिया। जो हम सब के लिए एक अनुकरणीय प्रयास है। ♂क्योंकि बेसिक शिक्षा के अधिकतर विद्यालयों की एक बहुत बड़ी समस्या है शिक्षकों के बीच आपसी सामन्जस्य का न होना। हमारा मानना है कि बेसिक शिक्षा की वर्तमान विषम परिस्थितियों में भी यदि विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के अन्दर टीम भावना के साथ काम करने की सकारात्मक सोच आ जाये, तो विद्यालय की प्रत्येक विषम परिस्थितियाँ, अवसर के रूप में बदल कर सहयोगी हो सकती है।
_तो आइये जानते हैं बहन जी के सहयोगात्मक टीम भावना से काम करने के शिखर प्रयास:-_
*प्राथमिक विद्यालय बोक्टा, विकास खण्ड - सहजनवां, जनपद - गोरखपुर*
मैं *प्राथमिक विद्यालय बोक्टा, सहजनवां* में 2008 में स० अ० के पद पर कार्यरत हुई। उस समय 60 बच्चे नामांकित थे पर 15 बच्चों से ज्यादा नहीं आते थे| विद्यालय में एक मात्र इंचार्ज थीं| विद्यालय की व्यवस्थाएँ व्यवस्थित न होने के कारण विद्यालय से बच्चों को कोई लगाव नहीं था। हमने प्रयास किया, बच्चों को पढ़ाते, उन्हें गृहकार्य देते| कॉपी ✏पेन्सिल देते, अभिभावक-शिक्षक बैठक बुलाते| जिससे परिवर्तन आना शुरू हुआ| 2009 में पावर गिड की तरफ से बच्चों के लिए बेंच लगाया गया, तो 2010 में झूला| इस सब प्रयास से बच्चों का मन लगा तो संख्या भी बढ़ी, टाउन एरिया होने के कारण गरीब बच्चे ही आते हैं| जिन्हें हम सबने मेहनत करके विद्यालय में रुकना भी सिखाया।
2013 में हमारी पदोन्नति हुई, जिसमें मुझे पुनः इसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ| इसके बाद फिर बच्चों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए ड्रेस के साथ जूता-मोजा, आई-कार्ड दिया| इसके बाद विद्यालय के परिवेश और भौतिक संसाधनों पर काम शुरू किया| जिसमें मैंने ऑफिस सही किया, उसमें टेबल-चेयर लगवाया, मैट बिछवाया| विद्यालय परिसर में पौधे लगाये, तीन का स्टाफ था हमारा, 欄मित्र की तरह हम मिलकर काम करते रहे| बच्चों को पढ़ाने के साथ उनको प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करते, ताली बजवाते| अपनी खुशियों में बच्चों को भी शामिल करते हैं, टाफी- चॉकलेट, गोल गप्पा-चाट उनके लिए अच्छे खाने बनवाना आदि| विद्यालय में बच्चों के लिए बैट-बाल, बैडमिंटन, रस्सी, ⚽फुटबॉल, कैरमबोर्ड है| स्मार्ट क्लास है, उसमें मैट शिक्षिकाओं ने लगवाया अभी बच्चों को डायरी दी| बच्चों ने जिला स्तरीय ♀क्रीड़ा प्रतियोगिता में सांस्कृतिक प्रोग्राम *(मिले सुर मेरा तुम्हारा)* दिया जिसे बहुत सराहा गया, बच्चे बहुत खुश हुये| हर क्लास में पंखा है, दो पंखा गाँव के एक व्यक्ति ने दिया तो एक पंखा हमारी शिक्षिका ने लगवाया| कोई भी अकेले कुछ नही कर सकता, बिना सहयोग और टीम भावना के। 珞मैं धन लगाती हूँ तो हमारी शिक्षिकायें पूरे मन से मेहनत करती हैं| हमारी कोशिश है गाँव के ज्यादा बच्चे हमारे विद्यालय मे आये| 4 का स्टाफ है और हम परिवार की तरह रहते हैं |अभी बच्चों के लिए मैंने डाइनिंग टेबल बनवाया है|बच्चे बहुत खुश हुये| _समय- समय पर मैंने *बेसिक शिक्षा अधिकारी को और खण्ड शिक्षा अधिकारी* को बुलाया जिससे हमारा और बच्चों का मनोबल बढ़े|_ सत्र के अन्त में मैंने शिक्षिका और बच्चों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दिलवाया| रसोइयों को साड़ी भी हर साल देते हैं|
विद्यालय बन्द होने के पहले दो दिन का ⛷समर कैम्प लगाया जिसमें बच्चों ने बहुत मस्ती की| 2016 में *जाग्रति फाउन्डेशन* की तरफ से *सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक एंव बेसिक शिक्षा अधिकारी* के द्वारा सम्मानित किया गया|
विद्यालय बन्द होने के पहले दो दिन का ⛷समर कैम्प लगाया जिसमें बच्चों ने बहुत मस्ती की| 2016 में *जाग्रति फाउन्डेशन* की तरफ से *सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक एंव बेसिक शिक्षा अधिकारी* के द्वारा सम्मानित किया गया|
_धन्यवाद_
*यासमीन आरा (प्र०अ०)*
_*प्रा० वि० बोक्टा*_
_*वि०खण्ड- सहजनवां*_
_*जिला- गोरखपुर*_
*यासमीन आरा (प्र०अ०)*
_*प्रा० वि० बोक्टा*_
_*वि०खण्ड- सहजनवां*_
_*जिला- गोरखपुर*_
_मित्रों आपने देखा कि बहन जी की सकारात्मक और सहयोगात्मक सोच ही विद्यालय को नयी दिशा देकर, दशा बदलने की ओर अग्रसर है।_
_*मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से बहन जी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत बहुत शुभकामनाएं!_
_*मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से बहन जी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत बहुत शुभकामनाएं!_
मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
_आओ हम सब हाथ मिलायें।_
_बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
_बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।
☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थानक दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
*साभार:* _शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
01/06/2017
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
01/06/2017
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