१०८- मनोज कुमार सिंह, प्रा० वि० सैरागोपालपुर, पिण्डरा, वाराणसी
मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से साहित्य की नगरी जनपद-वाराणसी से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक भाई मनोज कुमार सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपने आदर्णीय पिता के पदचिह्नों पर चल कर बेसिक शिक्षा को नई दिशा और नई सोच प्रदान करने का सराहनीय प्रयास किया। आपके काम करने का ढंग और बेसिक शिक्षा के सतत उत्थान के लिए नये-नये प्रयास हम सब के लिए अनुकरणीय हो गये।
आइये जानते है आपके जीवन की एक घटना और बेसिक शिक्षा की बदलती दिशा:---
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मैं मनोज कुमार सिंह प्र. अ. प्रा. वि. सैरागोपालपुर पिण्डरा, वाराणसी से।
अपने कथानक की कड़ी में अपनी सोच अपने अतीत, अपने आदर्श पिता जी, आदर्श शिक्षक एवं अन्य अनुभवों को समाहित करते हुये अपने कर्म क्षेत्र की योजनाओं को मूर्त रूप देते हुए आगे बढ़ने की कड़ी में -मुझे याद है जब मैं कक्षा- 1 में पढ़ता था एक घटना घटित हुई जिसने मुझे बदल दिया। हर विद्यालय हर कक्षा की तरह मेरे भी कक्षा का मानीटर जो मुझे मार दिया मैं बहुत परेशान था उसी दिन कक्षाध्यापक द्वारा मात्रा याद कर आने को कहा गया। मेरे पिताजी स्वयं ब्लाक के आदर्श अध्यापक थे, मैंने उनसे मात्रा याद करने में सहयोग लिया और फर्राटेदार मात्रा याद कर लिया। सुबह स्कूल में प्रश्नों का धड़ाधड़ उत्तर दिया। फिर क्या? मैं भी अब नया मानीटर, फिर बदला और अनवरत आगे बढ़ने का जज्बा किसी चीज को कभी असंभव नहीं समझा सदैव चैलेंज को इंज्वाय कर परास्त करता रहा। यही फलसफा मैं अपने छात्रों व अध्यापकों पर लागू करता रहा। हाँ एक डिमेरिट को सदैव याद रखा कि कक्षा में कभी मानीटर या विशेष छात्र कभी नहीं नियुक्त करना चाहिए। जिससे कमजोर छात्र भगोड़ा हो जाता है। मध्यम छात्र कमजोर तथा तेज बस आत्मसंतुष्टि मात्र का रह जाता है। मैंने सदैव कक्षा में इस सिद्धांत पर कार्य किया कि मेरे कक्षा में ना कोई तेज, ना कमजोर /गदहा लड़का होगा और ना ही कोई मानीटर होगा सभी तेज सभी मानीटर होंगे। इसी व्यवस्था को विद्यालय में लागू करते हुये पूर्व में गठित बाल संसद जो सिर्फ कागज पर था, पुनर्जीवित किया और इसकी उपसमिति को भी बनाया सभी को जिम्मेदारी समझाते हुये सभी उपसमिति का एक नोडल शिक्षक नियुक्त किया। उसी उपसमिति में से एक एमडीएम समिति के बच्चों व नोडल द्वारा विद्यालय में किये गये क्रियाकलाप का विडियो भी देखा जा सकता है। प्रा. वि. सैरागोपालपुर में कक्षा-1में शिक्षा मित्र श्रीमती नगीना सिंह द्वारा कक्षा शिक्षण में मेरे द्वारा उपलब्ध कराये गये सीबीएसई बोर्ड की किताब के सहयोग से पूर्ण मनोयोग से शिक्षण कार्य करते हुये। विडियो में देख सकते हैं।
सर यह सब नये सत्र की तैयारी के अन्तर्गत शौचालय पम्पलेट पोस्टर प्रत्येक बच्चों के लिये डायरी, स्कूल कैम्पस के पेड़ों को आकर्षक बनाना, बच्चों का एडमिशन फार्म, विद्यालय में उपलब्ध शैक्षणिक व खेल सामग्री, अध्यापकों द्वारा निर्मित टीएल एम, खेल टीचर बच्चों के साथ, बच्चों को अच्छी उपस्थिति व शैक्षिक स्तर पर अच्छा परफार्मेंस पर पुरस्कार आदि। दरअसल भाई जी बसंत पंचमी को एक बड़े कार्यक्रम के माध्यम से सभी अभिभावकों ग्रामीणों क्षेत्र के प्रमुख लोगों विशिष्ट अधिकारियों को बुलाने का विचार है जिसमें संचालन से लेकर कार्यक्रम को आकर्षक बनाने की समस्त जिम्मेदारी छात्रों को दिया गया है।संचालन के लिये अंग्रेजी में तैयारी कर रहा है। भाषण ड्विवेट सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यालय की सुविधाओं व शैक्षिक स्तर पर भी चर्चा करेंगे। भाई जी वर्तमान में समस्त ग्रामीणों आदर भाव व क्षेत्र में सम्मान बढ रहा है बेसिक की क्षमता को सलाम किया जा रहा है।
साभारः मनोज कुमार सिंह
मिशन शिक्षण संवाद वाराणसी
मित्रो आपने देखा कि सर जी के विद्यालय की गतिविधियाँ और बच्चों की उपलब्धियाँ हम सबके साथ बेसिक शिक्षा के लिए गर्व और गौरव का अनुभव हुआ। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
👉मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
विमल कुमार
कानपुर देहात
24/01/2017
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