८५-राजवीर सिंह प्रभाकर प्रा० वि० बकैनिया दीक्षित, बरखेड़ा, पीलीभीत

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- पीलीभीत से युवा उत्साही अनमोल रत्न शिक्षक भाई राजवीर सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने विभिन्न वादों और विवादों से दूर रहते हुए अपनी सकारात्मक सोच की शक्ति से शिक्षा एवं समाजसेवी को आत्मसात करते हुए, अपने विद्यालय को कुछ समय में जनपद पीलीभीत का आदर्श विद्यालय की श्रेणी में पहुँचा दिया है।
जहाँ शिक्षक कभी समाज के बीच में निर्विवाद, निर्दलीय और सर्वदलीय की पहचान रखता था। समाज की श्रेष्ठता और सम्मान का प्रतीक होता था। वहीं आज हम देख रहे हैं कि बहुत से शिक्षक साथी अपना अधिकतम समय जातिवाद, परिवारवाद, धर्मवाद और चुनाववाद में ऐसे उलझे हैं कि वह अपना ही शिक्षावाद भूल कर सम्मान और स्वाभिमान की खोज करने में लगे हैं। जबकि एक कहाबत हमें निश्चित संदेश देती है कि--
“दुबिधा में दोनों गये माया मिली न राम„
ऐसी स्थिति में गुरुजन न तो अपने शिक्षक धर्म का पालन कर पा रहे हैं और न ही किसी पार्टी का, बल्कि उल्टे समाज को अपने सम्मान के लिए संदेश भी दे रहे हैं। जो सभी जानते हैं कि आज बेसिक शिक्षा पर कितने प्रश्न चिह्न लग रहे हैं।
वहीं कुछ शिक्षक ऐसे भी है जो शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए  अपना धन, ऊर्जा और समय व्यय करके भी रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे ही एक अनमोल रत्न भाई राजवीर जी भी है जो शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए समर्पित और संकल्पित हैं।
तो आइये जानते हैं कि आपके द्वारा किये जा रहे प्रयासों को---


मैं राजवीर सिंह प्रभाकर सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय बकैनिया दीक्षित वि क्षे- बरखेड़ा, जनपद- पीलीभीत में कार्यरत हूँ। यहाँ ऐसे कार्य किये गए हैं जो पहले नहीं होते थे। यहाँ वह सभी कार्य जो स्वयं मेरे द्वारा किये गए हैं क्रमशः निम्नवत हैं-
1.सरस्वती माँ की एक बड़ी तस्वीर की व्यवस्था।प्रार्थना शुरू होने से पूर्व बच्चों से धूपबत्ती प्रज्ज्वलित करवाना।
2.इसके उपरांत तीन बार सामूहिक गायत्री मन्त्र का उच्चारण करवाना।
3.प्रार्थना सभा के उपरांत सामान्य ज्ञान से सम्बंधित रोजाना 40 प्रश्न पूछना जिनके उत्तर बच्चे देते हैं।जिनका उत्तर बच्चे न बता सकें उनके उत्तर स्वयं बताना।
4.मैंने उनके बौद्धिक स्तर में सुधार करने हेतु कक्षा 3,4 व 5 की परख और हमारा परिवेश की पुस्तक से लगभग 250 प्रश्न उत्तर सहित तैयार करके एक रजिस्टर बनाया है।
5.प्रत्येक कक्षा में बच्चों से उनके जूते चप्पल पंक्तिबद्ध लगवाना।
6.प्रत्येक शनिवार को बालसभा करवाना शुरू किया जिसमें उनको अपना परिचय बोलना सिखाया अब बच्चे अपना परिचय हिंदी व कुछ बच्चे अंग्रेजी में बताकर कोई कविता या गीत सुनाते हैं इससे उनकी झिझक दूर हुई है।
7.मध्याह्न भोजन के समय सभी बच्चों को U, O त्रिभुज आयत या वृत्त के आकार में बैठाना। सामूहिक भोजन मन्त्र बुलवाकर उन्हें भोजन करवाना।
8.विद्यालय आते समय, घर वापस जाते समय, पानी पीने, पेशाब जाने, कक्षा में अंदर आने या कक्षा से बाहर जाने के लिए अंग्रेजी में बोलना सिखाना।
9.राष्ट्रीय पर्व व नववर्ष समारोह पर मेरे द्वारा बच्चों से सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयार कराना तथा पुरस्कार वितरण।
10.विद्यालय में पहली बार महापुरुषों की जयंती धूमधाम से मनवाना।
11.अपने इंचार्ज महोदय की सहमति से अभिभावक बैठक की शुरुआत करायी जो अब प्रतिमास करायी जाती है। इसके कराने से बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है।
12.सभी बच्चों का जन्मदिन उत्साह पूर्वक मनाना। मैंने जुलाई माह में 31 बच्चों का जन्मदिन मनाया जिसमें स्वयं मेरे द्वारा सभी 31बच्चों को 10-10 रूपये वाली कॉपी दी गयी और विद्यालय के सभी बच्चों को टॉफियाँ दी गयीं।
13.छुट्टी होने से 20 मिनट पूर्व सभी बच्चों को पंक्तियों में बिठाकर उनसे गिनती पहाड़े दिनों महीनों जानवरों रंगों आदि के नाम बुलवाये जाते हैं उसके बाद नारे बुलवाकर छुट्टी करायी जाती है।
14.अपने जन्मदिन पर लोग पार्टी के बहाने बहुत खर्च करते हैं। लेकिन मैंने कुछ हटकर एक नई पहल की। मैंने अपने जन्मदिन एक अगस्त 2016 से सभी बच्चों को पेंसिल रबर शार्पनर की व्यवस्था अपने पास से की है अब कोई बच्चा ये सामान  घर से लेकर नहीं आता है।विद्यालय में उनको ये वस्तुएं मेरे द्वारा प्रदान की जा रही हैं। इससे बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है।
15.जो बच्चे लगातार विद्यालय आते हैं उन सभी को अगले माह की 1 या 2 तारीख को मेरे स्वयं के द्वारा प्रार्थना स्थल पर पेंसिल रबर शार्पनर या कापी से पुरस्कृत किया जाता है। ये भी अगस्त 2016 से शुरुआत है।
16.मैंने विद्यालय में बच्चों की मदद से ईंटों की क्यारी बनाई उसमें सदाबहार तुलसी मनीप्लान्ट दस बजिया जैसी फुलवारी लगाई। उससे प्रेरित होकर मेरे साथी भी सक्रिय हुए अब मेरे और साथी रामपाल जी द्वारा विद्यालय में चारों ओर ईंटों की क्यारी बनाकर उसमें गेंदे सदाबहार तुलसी दस बजिया केले आदि के पेड़ों से सजाया गया है।इसमें बच्चों का सर्वाधिक योगदान है जो इसमें प्रतिदिन पानी डालने का कार्य करते हैं। गांव वालों का भी सहयोग  है।
17.कक्षा में TLM व महापुरुषों के चित्र की व्यवस्था है जिससे रोचकता से पढ़ाई हो सके।
18.मैंने अपने पास से सभी बच्चों को उनके लिए आई कार्ड बनवाकर दिए हैं जिन्हें मिलने के बाद से वे बहुत खुश हैं। उनकी सुंदरता भी बढ़ गयी है।
19.बीती दीवाली पर मैंने अपने यहां दीपावली महोत्सव मनाया। जिसमें दीपक जलवाकर माँ लक्ष्मी जी की पूजा करायी। मैं बच्चों के लिए बाजार से पटाखे व फुलझडिया ले गया था। उनसे पटाखे चलवाए। घर के लिए भी उनको पटाखे व फुलझड़ियाँ दिए। अंत में सबको जो मैं बाजार से उनके सभी के लिए चार किलो जलेबियाँ ले गया था। बच्चों रसोइयो और समस्त अध्यापकों में बंटवाई। बच्चों ने खूब आनंद लिया।
साथियों इस तरह रहा मेरा पूरा एक वर्ष का कार्यकाल (6नवम्बर2015 से 5 नवम्बर 2016तक)।                              
एक वर्ष सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर मेरा दूसरे वर्ष का पहला और जरूरतमन्द बच्चों के लिए महत्वपूर्ण कार्य। मैंने देखा सर्दी पड़ने लगी है लेकिन कुछ बच्चे अभी भी बिना स्वेटर के ही आते हैं पूछने पर पता लगा कि उनके पास हैं ही नहीं। मुझे बहुत दुःख हुआ। मैंने तभी प्रण किया कि मैं सभी बच्चों को अपनी तरफ से स्वेटर दूंगा। मन्दिरों में दान करने से तो ये ही ठीक है। मैंने अपना विचार अपने इंचार्ज और साथी सहायक को बताया तो उन्हें आश्चर्य हुआ।मेरी अडिग विश्वाश को देखते हुए उन्होंने कहा ठीक है आपके बच्चे अभी छोटे हैं जब बड़े हो जायेंगे तो खर्चा पता लगेगा। मैंने कहा कोई बात नहीं जब बच्चे बड़े होंगे तो मेरी सोच भी बड़ी होगी।आखिर मैंने अपने यहां पढ़ रहे 101 में से लगातार आने वाले 96 बच्चों के लिए ओसवाल के स्वेटर खरीदे और अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री लक्ष्मी नारायण जी के हाथों सभी बच्चों को 22 नवम्बर 2016 को स्वेटर वितरण करा दिए। इसमें अतिथिगण का स्वागत व  जलपान की व्यवस्था हेतु मेरे इ०प्रधानाध्यापक जी व साथी अध्यापक जी का एक हजार रूपये का सहयोग रहा।
मजे की बात तो ये हुई कि कार्यक्रम में बच्चों ने अपना परिचय अंग्रेजी में क्या दिया।बाहर से आये प्राइवेट स्कूल के बच्चे कह रहे थे कि बच्चे अंग्रेजी बोलते हैं। गांव वाले अपने बच्चों को इस तरह बोलता देखकर बहुत प्रसन्न हुए।  
25 दिसम्बर मनाने हेतु कोल्डड्रिंक की खाली ग्रीन बोतलों से बच्चों के सहयोग से क्रिसमस ट्री तैयार किया गया।उसे गुब्बारे व रंगीन पट्टी आदि से सजाकर बच्चों के समक्ष प्रस्तुत कर उन्हें कम खर्चे में त्योहारों पर सजावट करना तथा सभी धर्मों के त्योहारों का सम्मान करने का सन्देश दिया। बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किये।।                
अब बारी है गणतन्त्र दिवस की। तैयारी जोरों पर है। इस अवसर पर कुछ बच्चों को जूते व मोज़े व उनके उपयोग में आने वाली वस्तुएं भेंट की जाएँगी यदि सबकुछ ठीक रहा....।आप सभी लोगों का सहयोग रहा तो शिक्षा के उत्थान के लिए हम सदैव प्रयासशील रहेंगे।
धन्यवाद.... राजवीर सिंह प्रभाकर सहायक अध्यापक प्रा वि बकैनिया दीक्षित वि क्षे बरखेड़ा जनपद पीलीभीत।
मिशन शिक्षण संवाद पीलीभीत-7409273565
मित्रो आपने देखा कुछ करने का उत्साह, जो एक वर्ष में कहाँ से कहाँ पहुँच चुका है। यही हैं शिक्षावादी और मानवतावादी सोच के प्रतीक भाई राजवीर जी।
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से शिक्षा का उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए काम करने वाले भाई राजवीर सिंह जी एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
09/01/2017

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