१०४- रीता, प्रा० वि० ईश्वरपुर, सैदनगर, रामपुर

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- रामपुर से बेसिक शिक्षा की अनमोल एवं आदर्श शिक्षिका बहन रीता जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच की शक्ति से मानवता की सर्वोच्च शक्ति शिक्षा को मजबूत करने के लिए कबाड़शाला और गाँव के लिए शौचालय बन चुके विद्यालय को पुनः एक आदर्श विद्यालय के रूप में बनाने में सफलता पायी है।
जहाँ आज शिक्षकों का एक वर्ग दिन रात अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए सक्रिय है, लेकिन फिर भी शिक्षकों के अधिकार दिनों - दिन हम सब से दूर होते चले जा रहे हैं। लेकिन इसका शायद एक महत्वपूर्ण कारण है जिसे यह अधिकारों के रक्षक भाई सुनना पसन्द नहीं करते हैं जिससे कर्तव्य करने वाले शिक्षकों को ही बेसिक शिक्षा की सभी अव्यवस्थाओं का दोषी बताते रहते हैं। लेकिन शायद वह यह भूल जाते हैं कि सत्य में बस यही एक शक्ति है। कि वह अन्त तक हार नहीं मानता हैं। जबकि स्पष्ट है कि कर्तव्य और अधिकार दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हे़ैं। यदि आप एक पक्ष को लेकर कितने भी शक्तिशाली बन जाओ। बेसिक शिक्षा के पतन को रोक नहीं सकते हो। जब तक कर्तव्य और अधिकारों का सन्तुलन नहीं बनाना सीखोगे। इसलिए निवेदन है-
प्रेम और प्रोत्साहन की शक्ति से अब आगे बढ़लो।
कर्तव्य की तलवार से अधिकारों को वश में करलो।
जो सत्य है उसे स्वीकार करलो।
समय की तेज गति के साथ बदलो।
वहीं हमारे मिशन शिक्षण संवाद के अनमोल रत्न बहन जी जैसे हजारों शिक्षक कर्तव्य और सकारात्मक सोच की शक्ति से बेसिक शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान को मजबूत करने में लगे हैं।
आइये जानते है बहन जी के विद्यालय के विकास की कहानीः--


सर जी मेरी नियुक्ति से पहले यह अव्यवस्थित विद्यालय था। जहांँ न तो बच्चे किताब पढ़ पाते थे और न ही गिनती, पहाड़ा बता पाते थे। भवन भी पुराना था जिसकी साफ- सफाई भी नहीं होती थी। विद्यालय परिसर गाँव के लोगों का शौचालय बना हुआ। बच्चों के अभिभावक बच्चों को विद्यालय न भेज कर मदरसा में भेजना पसन्द करते थे। लेकिन हमें कुछ करना था परिवर्तन के लिए। इसलिए प्रयास शुरू किए। धीरे - धीरे विद्यालय में परिवर्तन आना शुरू हुआ। हमें अपने काम पर और अभिभावकों को विद्यालय पर विश्वास बढ़ने लगा। जिससे आज हमारा स्कूल अनेकों पेड़- पौधे के साथ हरा भरा है। कबाड़ बनी ऑफिस, आज सुसज्जित होकर सकारात्मक विश्वास जगाती है। कक्षा कक्षों सहित पूरा स्कूल हमने बच्चों की पसन्द के अनुरूप सुसज्जित किया है। पढ़ाई में अब हमारे बच्चे अंग्रेजी में आपको अपना पूरा परिचय बता सकते हैं। प्रार्थना से लेकर, आज का समाचार, आज का विचार, प्रतिज्ञा आदि सभी गतिविधियाँ स्कूल में होती हैं। अभी हमने बच्चों को स्वेटर विवरण भी किया था। जिसे पहन कर बच्चे बहुत खुश एवं आकर्षक लग रहे थे। बच्चों के माता- पिता भी खुश थे। बच्चों को नीलम दिवाकर द्वारा कलात्मक गतिविधियाँ बहुत ही अच्छे ढंग से करायी जाती हैं। हमने बच्चों को कला और क्राफ्ट सिखाया। जिससे में पेपर से जिराफ, वटर फ्लाई, क्रिसमस ट्री, मोर आदि अनेकों चीजें बनाना सिखाया गया है। आज विद्यालय में आर्ट और क्राफ्ट मेला में बच्चों द्वारा बनायी गयी विभिन्न कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया। तथा बच्चों को आई कार्ड का वितरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर द्वारा किया गया। जिसे फोटो के माध्यम से देख सकते हैं।
रीता (इ प्र अ)
प्रा० वि० ईश्वरपुर
वि० ख०- सैदनगर
जिला- रामपुर
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से रीता बहन जी के सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
24/12/2016

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