१२९- मौहम्मद यासीन, पू०मा०वि० गढ़ी दौलतपुर, कांधला, शामली

📝 *मिशन शिक्षण संवाद*
_दिनांक_
*26-02-2017*

🙋🏻‍♂ _*मित्रो,*_ आज हम आपका परिचय *जनपद- शामली* से बेसिक शिक्षा में बहुमुखी प्रतिभा के धनी _🔷अनमोल रत्न_ शिक्षक भाई *👨🏻‍🏫मौहम्मद यामीन जी* से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच, मेहनत, लगन, शिक्षा के प्रति समर्पित भाव से हम सब के लिए अनेकों नवाचार के साथ विद्यालय प्रबन्धन से लेकर शिक्षण अधिगम तक की अनेकों गतिविधियों और उपलब्धियों को प्रयोगात्मक ढंग से सिद्ध करके प्रस्तुत किया है।

✊🏼 जहाँ कभी-कभी सरकार, शासन और समाज अपनी असहयोगात्मक गतिविधियों से बेसिक शिक्षा के शिक्षक को हतोत्साहित भी कर देती है लेकिन धन्य है यह भारत भूमि जहाँ सदैव से अनेकों महापुरुष शिक्षक रहे हैं जो प्रत्येक प्रतिकूल परिस्थिति को भी अनुकूल परिस्थिति में बदलने की शक्ति रखते हैं। ऐसे ही है हमारे अनमोल रत्न शिक्षक भाई *मौहम्मद यामीन भाई* जिन्होंने प्रत्येक विषम को सम में बदल कर शून्यवत हो चुके विद्यालय को आदर्श और यादगार परिस्थितियों में परिवर्तित कर हम सबको गौरान्वित होने का अवसर प्रदान किया। यही नहीं, आपकी कुछ गतिविधियों को ही हम यहाँ लिख सके हैं उपलब्धियों के लिए हमारा पेज छोटा पड़ गया। जिन्हें समयानुसार आपके सामने लाया जायेगा।

😊 _तो आइये जानते है यामीन जी के बेसिक शिक्षा में परिवर्तनशील सफ़र को:--_

👉🏼 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1856766287934293&id=1598220847122173

💁🏻‍♂ *पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी दौलत, विकास क्षेत्र-कांधला, जनपद-शामली*

🙏🏼 मेरा नाम *मौहम्मद यामीन* है। मेरी प्रथम नियुक्ति 13 दिसंबर-1994 को उर्दू अध्यापक के रूप में _प्राथमिक विद्यालय गंगेरु विकास क्षेत्र-कांधला जनपद-शामली (पूर्व में मुजफ्फरनगर)_ में हुई थी। उसके बाद 2002 में मेरी पदोन्नति विज्ञान अध्यापक के रूप में उच्च प्राथमिक विद्यालय चढ़ाव विकास क्षेत्र-कांधला जनपद-शामली में हुई। प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाई स्कूल चढ़ाव के मेरे उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए कुछ समय के लिए 2009 में अस्थायी रूप  से मुझे ब्लॉक-कांधला के ही ऐसे स्कूल _पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी दौलत_ में समायोजित कर दिया गया जहाँ कोई अध्यापक नहीं जाना चाहता था। उस स्कूल की न तो भौतिक स्थिति अच्छी थी और न ही गाँव के लोग अपने बच्चों को विद्यालय में पढ़ाना चाहते थे।इस गाँंव गढ़ी दौलत में मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण यहाँं बदरूल उलूम के नाम से बहुत बड़ा  मदरसा स्थापित है और लोगों की मानसिकता बच्चों को मदरसे में पढ़ाने की ही थी। अत: मेरा स्थानांतरण  ग्राम गढ़ी दौलत के बच्चों का नामांकन परिषदीय विद्यालय में कराने, लोगों को प्रोत्साहित करने एवं  शैक्षिक स्थिति सुधारने हेतु कर जिस गया।

😟जिस समय मेरा स्थानांतरण गढ़ी दौलत में हुआ पूर्व माध्यमिक विद्यालय की स्थिति खंडहर जैसी थी जहाँ बच्चों का नामांकन और उपस्थिति न के बराबर थी स्कूल की कोई बाउंड्रीवाल नहीं थी ना ही पक्का फर्श, दीवारों पर प्लास्टर, कमरों में खिड़की-दरवाजे यहाँ तक कि ब्लैक बोर्ड आदि की भी कोई सुविधा नहीं थी। मिड डे मील भी प्राथमिक विद्यालय से बनकर आता था और विद्यालय की भूमि में ही लोग अपने घरों का कूड़ा-कचरा आदि फेंकते थे अपनी पुराली और उपले आदि वही रखते थे। हमने प्रशासन से स्कूल की दशा सुधारने के लिए निवेदन किया परन्तु काफी प्रयास के बाद भी कुछ नहीं हुआ। सौभाग्य से 2012 विधानसभा चुनाव से कुछ माह पूर्व 2011 में ग्राम पंचायत गंगेरू में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी का आगमन सुनिश्चित होने के कारण ग्राम पंचायत के पाँचों गाँव में युद्ध स्तर पर विकास कार्य प्रारंभ हुआ जिसका लाभ हमारे विद्यालय को भी हुआ लेकिन जल्दबाजी में कार्यों की खानापूर्ति हो गई और जो कार्य 6 वर्षों में नहीं हुआ वह एक हफ्ते में पूरा कर दिया गया। उसका नुकसान यह हुआ कि कुछ महीने बाद पहली बारिश में ही बाउंड्रीवाल कई से जगह टूट कर गिर गई।

हमारा असली उद्देश्य था नामांकन प्रक्रिया को शत-प्रतिशत पूरा किया जाए और साथ ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं का शतप्रतिशत ठहराव हो... उसके लिए हमने कई बार ग्राम शिक्षा समिति विद्यालय प्रबंध समिति और गाँव के गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग से  माता-पिता-अभिभावकों और ग्रामवासियों को समझाने का सार्थक प्रयास किया। इसका सुखद परिणाम जल्दी ही सामने आने लगा। गाँव वालों ने हमारी नेक नियत और मेहनत को देखते हुए हमारे ऊपर विश्वास किया।

     सितंबर-2011 में स्कूल के इंचार्ज अध्यापक *मौहम्मद यूसुफ* का इंतकाल हो गया और स्कूल में अन्य अध्यापक न होने के कारण मुझे इस विद्यालय का प्रभारी बना दिया गया। गांव वालों ने मेरे ऊपर विश्वास करके अपने बच्चों का नामांकन हमारे विद्यालय में कराया 2012 में जहांँ 36 बच्चों का नामांकन हुआ 2013 में 48, 2014 में 66, 2015 में 93 तथा सत्र 2016-17 में आज विद्यालय में 113 बच्चों का नामांकन है। विद्यालय में तीन अध्यापक कार्यरत् हैं। हमारी मेहनत को एक ही रूप से आप सार्थक रूप में देख सकते हैं कि मेरे विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति रहती है और जो भी अधिकारी या गैर सरकारी संस्थाओं के लोग यहाँं विद्यालय भ्रमण पर आते हैं वे बच्चों की उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं। हमने अपने पूरे स्टाफ और विद्यालय प्रबंध समिति, ग्राम शिक्षा समिति, अभिभावक संघ के साथ मिलकर बहुत सारे नवाचार किए जिस कारण आज बच्चों की उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता को हम उच्च श्रेणी मे लेकर आये। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद जब फीस को बिल्कुल समाप्त कर दिया गया तो लगभग स्कूल की सभी गतिविधियां समाप्त सी हो चुकी थी। हमने अपने प्रयास और अपने खर्च पर जिला स्तरीय खेल स्पर्धा शुरू कराई और 29 अगस्त 2014 को राष्ट्रीय खेल दिवस पर *🤸🏻‍♂'खेल उत्सव'* के नाम से खेल प्रतियोगिता प्रारंभ होने के बाद ही शायद शासन स्तर पर पुन: ब्लॉक एवं जनपद स्तरीय खेल प्रारंभ हुए इसके साथ ही हमने अनेक प्रमुख दिवसों पर शैक्षिक प्रतियोगिताओं शुरूआत की जैसे *भारतीय 🔢गणितज्ञ रामानुजन जी के जन्मदिन पर तीन वर्षों से लगातार गणित सप्ताह, सी वी रमन जी व एपीजे अब्दुल कलाम जी के जन्मदिन पर विज्ञान प्रदर्शनी, क्विज, भाषण प्रतियोगिता तथा स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन के द्वारा बच्चों के ज्ञान एवं उत्साहवर्द्धन का प्रयास कर रहे हैं* जिनमें अधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा बच्चों की हर विषय के प्रति शैक्षिक गुणवत्ता एवं अन्य गतिविधियों में उनकी रुचियों से प्रशंसा के पात्र बने जिस कारण विद्यालय की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई इसका परिणाम यह हुआ कि प्राइवेट स्कूलों से अभिभावकों का मोह भंग होने लगा और वे अपने बच्चों का नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा कर हमारे विद्यालय में नामांकन कराने लगे। 1⃣इस प्रकार पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी दौलत जनपद शामली मे सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।  इसी कारण एक वर्ष पहले *जब राष्ट्रीय राज्य अध्यापक पुरस्कारों के आवेदन की प्रक्रिया शुरु हुई तो विकास क्षेत्र-कांधला के खंड शिक्षा अधिकारी योगेश कुमार गुप्ता और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजदेव सिंह जी ने मौहम्मद यामीन के नाम का प्रस्ताव पुरस्कार हेतु राज्य राज्य सरकार को भेजा और साक्षात्कार के बाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी दौलत के सहायक अध्यापक( प्रभारी प्रधानाध्यापक) मौहम्मद यामीन का चयन 🏆राज्य अध्यापक पुरस्कार-2015 के लिए हुआ और 5 सितंबर-2016 को लखनऊ में मौहम्मद यामीन को राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।*

    _👨🏻‍🏫मौहम्मद यामीन के द्वारा किेये गये नवाचार इस प्रकार हैं:--_

👉1- *होम टाइम टेबल-* इसमें बच्चों को  स्कूल के साथ-साथ घर पर  समय का सदुपयोग बताते हुए घरेलू शैक्षिक टाइमटेबल बनवाया गया। अधिकतर अभिभावक बच्चों से घर के कार्य की अपेक्षा करते हैं। इसमें बच्चा घर के सारे काम करने के बाद समय पर अध्ययन कार्य करता है।
👉2- *दीन-दुनिया-* इसमें  मदरसा शिक्षा के साथ-साथ सांसारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए  ग्राम वासियों और मदरसे के प्रबंधकों के साथ समन्वय स्थापित कर  स्कूली शिक्षा के महत्व को समझाया गया और मदरसे के  अध्यापकों द्वारा विद्यालय के विभिन्न आयोजनों में उनकी उपस्थिति से ग्राम वासियों  को प्रोत्साहित किया गया
👉3- *पूर्व कक्षा शिक्षण-* बच्चों को अगली कक्षा में सुविधा हेतु अच्छा उपरांत  अगली कक्षा के कोर्स की कुछ मुख्य बातें पहले ही समझा कर उनको अगली कक्षा के लिए तैयार किया जाता है।
👉4- *बाल संसद-* 2015 से ही बच्चों में  देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था  के महत्व को समझाते हुए तथा उत्तरदायित्व की भावना के लिए बाल संसद अर्थात बार केविनेट का चुनावी प्रक्रिया के रूप में गठन किया गया।
👉5- *खेल उत्सव-* जैसा कि मैं पहले ही बता चुका हूं शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शिक्षा को निशुल्क कर दिया गया आते हैं कोई भी शैक्षिक गतिविधि जिसमें अच्छा खर्चा आता हूं विद्यालय में ना के बराबर होने लगी आते हमने 2015 में खेल उत्सव के नाम से खेल प्रतियोगिता प्रारंभ की।
👉6- *अर्थ वाटर(Earth W.A.T.E.R.)-* आज जिस प्रकार से  पर्यावरण की एक ज्वलंत समस्या विश्व के सामने है  उसमें बच्चों को जागरुक करने के लिए पर्यावरण हितेैषी कार्य प्रारंभ किए गए। जिसमें अर्थ वाटर के नाम से पर्यावरण संतुलन, संरक्षण और जागरुकता हेतु कार्य प्रारंभ किया गया। अर्थ वाटर में वाटर जल ना होकर अंग्रेजी के अक्षर _W से वाटर(जल), A से एयर(वायु),T से टेंपरेचर(वैश्विक तापमान) ,E से एनर्जी (ऊर्जा संरक्षण),R से रिवोल्यूशन (क्रांति)को शुरू किया गया।_
👉7- *प्रशस्ति पत्र-कलर रिजल्ट-* इसमें बच्चों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र और प्राइवेट स्कूलों की तरह उनका शैक्षिक परिणाम आकर्षक रिजल्ट कार्ड के रुप में दिया गया कार्ड छात्र प्रार्थना पत 100 प्रतिशत छात्र उपस्थिति को प्रोत्साहित करने के लिए  बच्चों में  छुट्टी का।
👉8- *छात्र प्रार्थना पत्र-* बच्चों में अनुशासन की भावना  का विकास किया गया जिससे बच्चा  यदि अवकाश पर रहता है या मध्यवकाश चाहता है तो स्कूल के अध्यापकों एवं उनके अभिभावकों को उसका ज्ञान रहता है
👉9- *ड्रेस कोड व आई कार्ड-* जैसा की सरकारी व्यवस्था में सुविधाओं को देने में अक्सर देरी हो जाती है, उसके लिए हमने अभिभावकों को मानसिक रुप से बच्चों को उनके बच्चों की ड्रेस और जूते आदि के लिए पहले ही तैयार कर लेते हैं ताकि बच्चा एक जैसी ड्रेस में आकर स्कूल का अनुशासन और आकर्षण बनाए रखें और बच्चों एवं अभिभावको में यह हीन भावना पैदा ना हो कि मेरा बच्चा किसी निम्न स्तरीय स्कूल में पढ़ रहा है और बच्चों को आकर्षक कलरफुल आई कार्ड भी उन्ही के खर्चे से तैयार करा कर प्रदान किए जाते हैं
👉10- *स्वयं सहायता विद्यार्थी समूह-* इसमें गांव के पढ़ने वाले बच्चे एवं आठवीं कक्षा पास कर चुके बच्चों को मिलाकर  उनका समूह तैयार किया जाता है और वह आपस में स्कूल समय के बाद एक स्थान पर एकत्रित होकर एक दूसरे की शैक्षिक सहायता करते हैं दिवस समारोह विभिन्न दिवस के महत्व को विद्यार्थियों को समझाने के लिए उन का आयोजन कराया जाता है
👉11- *गणित सप्ताह-* इसके अन्तर्गत सबसे कठिन समझे जाने वाले विषय गणित को हर वर्ष गणित दिवस के अवसर पर एक सप्ताह तक विभिन्न विद्यालयों के गणित के अध्यापकों द्वारा सरल वह रोचक तरीके से बच्चों को समझाकर गणित के प्रति उनमें रूचि पैदा कर प्रोत्साहित किया जाता है।

   📝 *विशेष:*1- गढी दौलत मुस्लिम बाहुल्य गाँव हैं ।गाँव के लोग लड़कियों को स्कूलों में नहीं भेजते थे।हमारे प्रयास से आज विद्यालय में 113 बच्चों  में से 42 लडकियाँ नामांकित हैं। विद्यालय में महिला अध्यापिका नही है फिर भी हमने 'मीना मंच' का गठन किया। 'मीना की दुनिया' रेडियों प्रसारण के उपरांत शैक्षिक गतिविधियों से लडकियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढाने का प्रयास किया।
📝2-मेरे विद्यालय में किसी प्रकार का जातिवाद नहीं है। यहाँ भाईचारे की अनोखी मिसाल है जहाँ सभी जातियों के बच्चे चाहे सामान्य, अनुसूचित, पिछड़ी और मुस्लिम कोई भी हो, एक ही स्थान पर बर्तन रखते हैं और अगले दिन वहीं से उठाकर भोजन करते हैं। कभी-कभी तो एक ही बर्तन में खाना खा लेते हैं।

   इन सभी उपरोक्त विशेष कार्यों एवं नवाचारों के द्वारा आज विद्यालय का नाम जनपद शामली के उत्कृष्ट विद्यालयों में सर्वोच्च स्थान पर गिना जाता है।
🙏🏼 _धन्यवाद_
*मोहम्मद यामीन,*
_पू० मा० विद्यालय गढ़ी दौलत_
_वि० खण्ड-कांधला_
_जनपद- शामली_
                             
👏🏼 _मित्रों, आपने देखा कि मित्रो आप ने देखा कि किस प्रकार अपनी प्रगतिशील सकारात्मक सोच से एक एक परिवर्तन करते हुए विद्यालय की विकास यात्रा को मंजिल की ओर बढ़ाया जा रहा है।_
_*📝मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से भाई *मौहम्मद यामीन* जी एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामना के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!_

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_

👉🏼 *नोटः-* यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो *बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।*

☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  *Whatsapp No.*- *9458278429* ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_

*साभार:* _🗣शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
26/02/2017

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