११२- अशोक कुमार मिश्र, प्रा० वि० घरांव, ज्ञानपुर, भदोही

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-भदोही से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न भाई अशोक कुमार मिश्र जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच के प्रयास से 10 से 20 बच्चों की उपस्थिति वाले विद्यालय को आज 95 प्रतिशत उपस्थिति वाला विद्यालय बना दिया। यही नहीं विद्यालय का चहुँमुखी विकास करते हुए साहित्य, सामाजिकता, संगीत और कला का केन्द्र बना दिया। आज विद्यालय की पहचान जनपद के श्रेष्ठ विद्यालयों की श्रेणी में बन गया है, बन भी क्योंकि न जाये जिस पंचायत के न्याय पंचायत समन्वयक और विद्यालय का स्टाफ सहयोगी हो, वहाँ तो कोई काम असम्भव हो ही नहीं सकता है।

तो आइये जानते है भाई अशोक जी की मेहनत, लगन और आपसी सहयोग की मिशाल बन चुकी कहानी को आपके शब्दों में:---

मैं अशोक कुमार मिश्र प्रा० वि० घरांव ज्ञानपुर भदोही में 19 जनवरी 2015 को कार्यभार ग्रहण किया। विद्यालय में 107 नामांकित बच्चों में 10 से 20 बच्चे आते थे वे भी भोजन करके चले जाते थे। विद्यालय भवन ऐसे लग रहा था जैसे बहुत पहले रंगाई- पुताई किया गया था। विद्यालय में एक झाडू भी नहीं थी। विद्यालय में दो शिक्षक एवं दो शिक्षा प्रेरक थीं। मेरे समक्ष दो चुनौती थी बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना एवं भौतिक परिवेश अच्छा बनाना। इस समय मेरा उत्साह बढ़ाने आए हमारे एबीआरसी श्री संतोष सिंह जी जिन्होंनेे मार्गदर्शन देकर  विद्यालय परिवार  को हिम्मत दी। विद्यालय की दशा देखकर एक दिन मैं रोने लगा तो मुझे हिम्मत देने के लिए  दुर्गा बन सामने आई शिक्षिका बहन शीलू गुप्ता व प्रेरक बहनें बीमा देवी तथा पूनम मौर्या। इन लोंगो ने उसी समय शपथ लिया कि विद्यालय के लिए जो भी आप कहेंगे हम  करेंगे। बच्चों के अभिभावकों से मिलकर सबसे पहले यह विश्वास हमने दिलाया कि हम आपके बच्चे को प्राइवेट  से अच्छी शिक्षा देंगे। हम आपके बच्चे को विद्यालय में एक घंटे का अतिरिक्त ट्युशन देंगे जो मैं लगातार दे रहा हूँ । उसी समय बच्चों को अच्छी क्वलिटि का टाई बेल्ट व परिचय पत्र दिया। शीलू गुप्ता व प्रेरक बीमा और पूनम की मदद से विद्यालय में नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति  80% हो गई। शैक्षिक सुधार देखकर 22 बच्चे अंग्रेजी माध्यम से आकर नाम लिखाए। शैक्षिक पक्ष जहांँ  मैं देख रहा था वही सांस्कृतिक पक्ष की कमान शीलू गुप्ता ने सम्हाला इसमें दोनों प्रेरकों ने सहयोग किया शीलू के निर्देशन में प्रेरक बीमा देवी बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम का कास्ट्यूम  विद्यालय में तैयार करती हैं, तथा प्रेरक पूनम मौर्या अपना भरपूर सहयोग करती है। शीलू के निर्देशन में बच्चों ने समाजवादी विकास दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में 12500₹ का नकद पुरस्कार प्राप्त किया। विकास मिशन में शीलू ने मिनी प्रोजेक्टर दिया वहीं हमनें विद्यालय में एम्पलीफायर साउण्डसेट तथा हारमोनियम दिया। विद्यालय में आज प्रतिदिन संगीत साउण्ड के साथ अलग अलग प्रार्थना होती है। नए शिक्षक प्रदीप उपाध्याय ने 2 जुलाई 2016 को कार्यभार ग्रहण किया जो कड़ी मेहनत करके  विद्यालय में सहयोग करते है। प्रदीप ने स्वयं फावड़ा चलाकर पेड़ पौधे रोपित करके परिवेश सुन्दर बनाया। शीलू व प्रदीप ने 4000 _4000 ₹ का नकद सहयोग दिया और मैंने 7000₹ का सहयोग देकर इस वर्ष ठंढी में सभी बच्चों को स्वैटर वितरित कराया।अब हमारे विद्यालय में 95% से अधिक प्रतिदिन बच्चे उपस्थित रहते हैं। बच्चे टाई बेल्ट परिचय-पत्र लगाकर नीले स्वैटर में बहुत सुंदर दिखते है। शीलू व प्रदीप की मेहनत से सांस्कृतिक कार्यक्रम में जिलास्तरीय खेलकूद में बच्चों ने गोल्डमेडल प्राप्त किया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर बच्चों ने पुलिस लाइन भदोही में अपनी बेहतरीन सांस्कृतिक प्रस्तुतीकरण देकर नवोदय जैसे विद्यालय को चुनौती दी तथा जनसमूह से तालियां बजाने पर विवस किया। विद्यालय का भौतिक परिवेश बनाने हेतु हमने आर्थिक सहयोग की अपील की व लोगों से चंदा भी लिया जिसमें शीलू के पापा डॉ० राम मूरत गुप्ता द्वारा 2100₹ तथा मेरे पिता श्री राम कृष्ण मिश्र द्वारा 2100₹  हमारे एबीआरसी श्री संतोष सिंह 1100₹ एबीआरसी श्री महेंद्र सिंह 1101₹ का सहयोग देकर विद्यालय का सहयोग किए जिससे विद्यालय के कमरों में मैटिंग कराया जा सका विद्यालय भवन की अच्छी पेंटिंग कराई गई। विद्यालय में जुलाई से कम्प्युटर प्रोजेक्टर हेतु शिक्षिका शीलू (कोषाध्यक्ष) के पास 500 रू हम प्र अ प्रदीप (स अ) व शीलू स्वयं जमा कर रही हैं। विद्यालय परिवार के सहयोग से कक्षा-१ के बच्चे किताब पढ़ सकते हैं विद्यालय के विकास में विद्यालय परिवार का सहयोग जरूरी है जो हमारे विद्यालय के लिए सौभाग्य है, अन्यथा अकेला कुछ भी नहीं कर सकता है।

मित्रो आपने देखा कि जब कुछ करने का मन में संकल्प होता है, उसके लिए मन से समर्पण होता है तो प्रकृति स्वयं सहायक बन कर आपके प्रयासों से एक कदम आगे तक ले जाती है, जैसा कि हमारे अनमोल रत्न भाई अशोक कुमार मिश्र जी को सहयोगी विद्यालय परिवार द्वारा सहयोग मिल रहा है।

मिशन शिक्षण संवाद की ओर से भाई अशोक जी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को विद्यालय के विकास के लिए अनन्त शुभकामनाएँ!

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।

☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_

साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
06/02/2017

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