८२- अनमोल रत्न विपिन कुमार जायसवाल, कन्या प्रा० वि० मझौला, दुबहर, बलिया

मित्रो आज हम आपको भारत के माननीय पूर्व प्रधानमंत्री स्व० श्री चन्द्रशेखर जी की कर्मभूमि जनपद- बलिया की ओर ले चलते हैं वहाँ के बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक भाई विपिन जायसवाल से आपका परिचय करा रहे हैं।
आज जहाँ हम अपने विद्यालय की अनेकों समस्याओं के लिए कुण्ठित रहते हैं, नकारात्मक विचार के नीचे दब कर अपने शिक्षकत्व का गौरव भूल जाते हैं। वहीं हमारे मिशन शिक्षण संवाद के अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई विपिन जायसवाल जी ने एक ऐसे विद्यालय को गुरुकुल के समान पहचान दिलायी जो बारहों माह एक नीम के पेड़ के नीचे किराए की जम़ीन पर चलता है। आज हम उन तमाम बेसिक शिक्षा के शुभचिंतकों से निवेदन करना चाहेंगे कि यदि आप बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को गलत कहने का अधिकार रखते हैं तो उनके विद्यालय में आने वाली समस्याओं को सुधारने का भी अधिकार रखिए। वैसे हम में से अधिकतर शिक्षक अपने वेतन का एक अंश प्रतिमाह विद्यालय में लगा कर भी अपने सम्मान की रक्षा करते हैं लेकिन सम्पूर्ण विद्यालय भवन जैसी स्थिति पर तो ध्यान देना ही चाहिए। क्योंकि हमने देखा और अनुभव किया कि बिना किसी बाहरी सहयोग के या ऋण के केवल अपने वेतन की बचत से कोई शिक्षक स्वयं का मकान बनाने नहीं बना सकता है तो विद्यालय कैसे?
तो आइये जानते हैं अपने कर्मयोगी भाई जायसवाल जी की कहानी उन्ही के शब्दों में:---


            मैं विपिन जायसवाल प्र0अ0 कन्या प्रा0 वि0- मझौली, शिक्षा क्षेत्र-दुबहर, बलिया में कार्यरत हुँ उक्त ग्राम सभा में यह विद्यालय दान में दिऐ भवन में 1966 से ही चल रहा है जिसमें 8×6 के दो कक्ष एक बरामदा   (वर्तमान में जो एकदम जर्जर स्थित में ) मे संचालित हो रहा हैं, उक्त विद्यालय पर मुझें जून-2013 में कार्य-भार मिला ,उस समय विद्यालय पर 5-6बच्चें आते थे आज विद्यालय  में 65 से 70 बच्चें आते है सभी बच्चें सभी मौसम में नीम के पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ते हैं। हमने आने के बाद विद्यालय भवन के लिए काफी प्रयास किया परन्तु संयोग रहा कि शासन स्तर पर विगत दो वर्षो से भवन के लिये धन नहीं आया।
कन्या प्रा0वि0--मझौली, दुबहर, बलिया के प्र0अ0 विपिन जायसवाल को सुपर नाईनटीन में विद्यालय के चयन होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया के BSA डा0 राकेश सिंह के द्वारा विद्यालय के बच्चों को शुद्ध पानी पीने के लिये वाटर फिल्टर प्रदान किया गया---------।
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से ऐसे कर्मठ कर्मयोगी शिक्षण को विद्यालय परिवार सहित बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
10/12/2016

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