९८-अलका बाजपेई पू०मा०वि० नैका, बहादुरपुर, प्रयागराज

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से उत्तर प्रदेश की शिक्षा का हृदय कहे जाने वाले जनपद- इलाहाबाद से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन अलका बाजपेई जी से करा रहे। उन्होंने अपने प्रयासों से अव्यवस्था का प्रतीक बन चुके विद्यालय को अपने सहयोगियों के साथ मिल कर अनमोल ढंग से सुसज्जित किया है। कवि ने सही भी लिखा है  “मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता„ अर्थात जब कुछ करने को मन में ठान लिया, तो कोई का असम्भव नहीं रह जाता है। यही जोश, उत्साह और सकारात्मक सोच कीे शक्ति की जरूरत है बेसिक शिक्षा को।
तो आइये जानते है बहन जी द्वारा विद्यालय के विकास के लिए किए गये  अनुकरणीय प्रयास:--


मैं अलका बाजपेई जुनियर हाई स्कूल नैका में 10 साल से कार्यरत हूँ हमारे विद्यालय की स्थिति काफी खराब थी क्योंकि उसके आस पास काफी प्राइवेट स्कूल थे। जिनका भौतिक वातावरण काफी अच्छा था आज के युग में हर व्यक्ति ऊपरी बातों पर फोकस करता है भले ही अंदर उतने योग्य अध्यापक न हो। यही हमारे विद्यालय के साथ होता रहा। क्योंकि हमारे स्कूल के आस पास दबंगो ने कब्ज़ा कर रखा था गाँव के लड़के आकर स्कूल टाइम में खेलते मना करने पर अभद्रता करते थे। स्कूल कैंपस में जानवर चरने के लिए छोड़ देते थे। इन कारणों से कोई भी टीचर कुछ नहीं करना चाहता था। स्कूल बेहद ख़राब स्थिति में था चारों और कूड़े के ढेर थे। एक अविश्वास और निराशा सा माहौल था।
ऐसे में दो माह पहले मुझे स्कूल का चार्ज मिला मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें, कैसे स्कूल को बदलना शुरू करें। स्कूल मेन्टेन करने के पैसे भी नहीं थे तब मेरे पति ने कहा तुम स्कूल सुधारो मैं फण्ड दूंगा। तब मैंने आस-पास के लोगो को और प्रधान को बुलाकर स्थिति बताते हुए मदद मांगी सब ने मुझे सहयोग का आश्वासन दिया एसएमसी सदस्यों व स्टाफ ने भी काफी सहयोग किया। मैंने स्कूल की टॉयलेट की मरम्मत करवा कर पुताई कराई फिर स्टाफ के सहयोग से क्लासरूम में वाल म्युरल्स बनवाये कार्टून बनाये ताकि क्लासरूम आकर्षक लगे इस सबसे बच्चों में उत्साह बड़ा। दाई व अनुदेशकों ने भी सहयोग किया। जिन्होंने घर-घर जा कर बच्चे बुलाये। इन सब प्रयासों के बाद मेरी बगिया में फूल खिल उठे बच्चों की चहचाहट से स्कूल गूंज उठा।
आज मेरा स्कूल काफी साफ-सुथरा व आकर्षक है इसके लिए मैं अपने स्टाफ व् आसपास क लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूँ और ये कहना चाहती हूँ कि यदि हम ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है।
एक नई शुरूआत
अलका बाजपेई
UPS नैका बहादुरपुर
इलाहाबाद
बहन जी के सराहनीय प्रयास को मिशन शिक्षण संवाद की ओर से विद्यालय परिवार के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रो आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
07/12/2016

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