८०- सम्पन्न कुमार निगम प्रा० वि० विशुनपुर-२ बाराबंकी
मित्रो आज हम आपको मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से एक ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक
भाई सम्पन्न कुमार निगम जी जनपद- बाराबंकी से परिचय करा रहे हैं। जिन्होंने बेसिक शिक्षा में शिक्षण विधियों को व्यवहारिक रूप में जमींन पर प्रयोग और उपयोग कर दिखाया। क्योंकि
बच्चों के सीखने के तीन माध्यम होते हैं।
१- सुनना
२- देखना
३- करना
भाई सम्पन्न कुमार निगम जी जनपद- बाराबंकी से परिचय करा रहे हैं। जिन्होंने बेसिक शिक्षा में शिक्षण विधियों को व्यवहारिक रूप में जमींन पर प्रयोग और उपयोग कर दिखाया। क्योंकि
बच्चों के सीखने के तीन माध्यम होते हैं।
१- सुनना
२- देखना
३- करना
बच्चों के ज्ञान का स्थाई करण करने के लिए सुन कर सीखने से अधिक देख कर सीखना और देख कर सीखने से अच्छा करके सीखना उपयोगी और कारगर माध्यम होता है।
जहाँ कुछ शिक्षक केवल सुनाने तक सीमित हैं। कुछ शिक्षक लिखाने तक पहँचते हैं कुछ दोनों माध्यम का उपयोग कर लेते हैं। लेकिन कुछ शिक्षक तीनों माध्यम का उपयोग कर अपने शिक्षण को परिणामी बनाना अपने शिक्षक होने का धर्म समझते है। क्योंकि उन्हें शायद यह पता है कि शिक्षक का अस्तित्व परिणामी शिक्षण से ही हैं। उन्हीं अनमोल रत्नों के बीच हमारे आदर्श शिक्षक भाई सम्पन्न कुमार निगम जी हैं जिन्होंने अपने शिक्षण को अपनी गतिविधियों के माध्यम से अपने नाम के अनुरूप ऐसी सम्पन्नता दी कि बच्चों को शिक्षण की प्रभावशाली विधियों में एक क, ख, ग अर्थात क- कहानी, ख- खेल और ग- गीत का ज्ञान के साथ पूर्ण आनन्द भी प्राप्त होता है।
जहाँ कुछ शिक्षक केवल सुनाने तक सीमित हैं। कुछ शिक्षक लिखाने तक पहँचते हैं कुछ दोनों माध्यम का उपयोग कर लेते हैं। लेकिन कुछ शिक्षक तीनों माध्यम का उपयोग कर अपने शिक्षण को परिणामी बनाना अपने शिक्षक होने का धर्म समझते है। क्योंकि उन्हें शायद यह पता है कि शिक्षक का अस्तित्व परिणामी शिक्षण से ही हैं। उन्हीं अनमोल रत्नों के बीच हमारे आदर्श शिक्षक भाई सम्पन्न कुमार निगम जी हैं जिन्होंने अपने शिक्षण को अपनी गतिविधियों के माध्यम से अपने नाम के अनुरूप ऐसी सम्पन्नता दी कि बच्चों को शिक्षण की प्रभावशाली विधियों में एक क, ख, ग अर्थात क- कहानी, ख- खेल और ग- गीत का ज्ञान के साथ पूर्ण आनन्द भी प्राप्त होता है।
आपने शिक्षण के लिए आवश्यक टी० एल० एम०, बच्चों का रंगों के प्रति आकर्षण के कारण रंगीन चॉक, ऑडियो और वीडियो आदि का प्रयोग करते हैं जिससे बच्चों को रुचिकर, भय रहित वातावरण और खेल खेल में सीखने का आनन्द मिलता है।
आपने अपने कुशल शिक्षण और विद्यालय प्रबंधन के माध्यम से एक खानापूर्ती करने वाले प्रा० वि०बिशुनपुर-२, बाराबंकी को शून्य से शिखर की ओर अग्रसर कर दिखाया।
इसके लिए हम मिशन शिक्षण संवाद की ओर से उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ सम्मानित भाई सम्पन्न कुमार निगम जी एवं विद्यालय परिवार को बहुत -बहुत शुभकामनाएँ प्रदान करते हैं।
आइये देखते हैं आपकी शिक्षण विधियों की झलकियाँ चित्रों के माध्यम से---
�मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
विमल कुमार
कानपुर देहात
09/10/2016
विमल कुमार
कानपुर देहात
09/10/2016
Comments
Post a Comment