१२८- वैभव राजपूत, प्रा० वि० महशौनपुर उमर्दा कन्नौज

मित्रो आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद की खोजशाला के माध्यम से प्रदेश की बेसिक शिक्षा के महासागर से जनपद- कन्नौज  के अनमोल रत्न शिक्षक भाई वैभव राजपूत जी से करा रहे हैं जो साक्षात सकारात्मक सोच बन कर बेसिक शिक्षा को गौरान्वित कर रहे हैं।

एक ओर जहाँ हमारे कुछ शिक्षक साथी असम्भव नाम की माला जप कर, अपने प्रत्येक स्वार्थ और लालच को सिद्ध करने के सिद्धहस्त हो चुके हैं और जो कुछ करना चाहता है उसे भी अपनी असम्भव नाम की माला का मोती बनाने का प्रयास करते रहते हैं। लेकिन फिर भी वैभव जी जैसे कुछ बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न इस नकारात्मकता के सागर में रहकर भी सकारात्मक सोच की शक्ति से अपने विद्यालय को दबंग और दबाव से मुक्ति दिलाने में कामयाब हो जाते हैं। जो हम सब मिशन शिक्षण संवाद के सहयोगियों के लिए गर्व और गौरव के प्रतीक बन कर अनुकरणीय हैं।

आइये जानते हैं कि वैभव जी ने किस तरह अपने विद्यालय को शून्य से निकालकर सम्मानित बना दिया:--

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श्री मान जी मैं वैभव राजपूत प्राथमिक स्कूल महशौनपुर उमर्दा में 23 अगस्त-2013 को हेड पद पर आया, जब आया तो मुझे रोना आया , स्कूल की हालात इतनी जर्जर थी। भौतिक परिवेश यह था कि उस टाइम मुझे लगाके, 2 शिक्षा मित्र, एक सहायिका क्रमशः सुशील, सादना और सोनलवैध पोस्टेड थे, स्कूल में आगनवाड़ी केंद्र भी संचालित था, स्कूल में 2 कमरे थे, बच्चे 75 पंजीकरण थे, लेकिन वास्तविक उपस्थिति में 7 बच्चे आते थे,, आगनवड़ी में 60, बच्चे लिखे गए थे दोनों में बच्चे सेम थे और जानबूझ कर, एक दूसरे का साथ दिया जा रहा था, एक कमरे में सहायिका रह रही थी। स्कूल खेरे पर था जिस कारण उबड़ खावङ था। लेकिन 7 वीघे जगह में था। जहाँ खर पतवार छतों पर चड़ी थी, अराजक तत्वों ने ट्रेक्टर के हर-हैरो, भूसा के कूप और खाद के गड्ढे बना रखे थे। साथ ही जानवर बांधते थे।शिक्षा मित्र श्रीमती साधना जी का वर्चस्व था घर सामने था साइन करके घर चले जाना शान था। यही प्रक्रिया अन्य टीचर्स करते थे। मैंने गाँव का मन टटोला, तो जानकारी आई की दबंग लोगो के कब्जे है इसलिए भय वश कौन कहे और अपने लिए मुशीबत मोल ले। लेकिन हमने एक सप्ताह का टाइम नोटिस बोर्ड और लिखित नोटिस उन लोगों को पूरे गाँव के सामने दिया मीडिया का भी सहारा लिया। जिसे नेतागीरी न हो और अधिकारियों को भी लिखित अवगत कराया गया, इसके बाद उस शिक्षिका को भी नोटिस दिया गया और फर्जी नामांकन पर भी कार्रवाई की, सर विरोध भी हुआ, लेकिन गाँव के 10% को छोड़ कर, सभी जुड़ते गये, 5 sep, से विद्यालय का कायाकल्प शुरू हुआ जब स्कूल का समतली करण हमने अपने निजी पैसे से करवाना शुरू किया और जेसीवी को 5 दिन रात चलवाया लोगों को लगा की कोई अच्छा टीचर्स आया है, उसके वाद वालपेन्टिंग पूरी दिवारों पर अंदर बाहर कुल लागत 65 हजार, ये मेरा दुर्भाग्य था की पूर्व हेड कुछ भी वजट छोड़ के नहीं गये थे काम करने में बहुत परेशानी आई। वालपेन्टिंग के बाद यह स्कूल जनपद का नजीर बन गया। अगले सत्र में नामांकन 89 वर्ष-14 में फिर 93 वर्ष- 15 और 16-17 में 135 है जिसमें उपस्थिति लगभग 95% दैनिक रहती है। गाँव का साथ मिलता गया और आज 201 पेड़ लहलहा रहे है पूरा वातवरण हरा-भरा हो गया है, अब बच्चे टीचर्स से पहले आते है और पेड़ो को पानी देते है क्योंकि सभी बच्चों ने पौधों को गोद ले रखा है। समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित होते रहते है। जिनमें राष्ट्रीय, नैतिकता, का मेसेज हो, शिक्षा प्रयोगात्मक,   गतिविधि आधारित, चित्रों से, कविता से व क्रिएटिविटी से सम्बंधित कबाड़ से जुगाड़ जैसे प्रयोग हो रह है जिसे सभी बच्चे बहुत खुश हैं, विद्यालय के सारे टीचर्स टाइम के लिए खुद जिम्मेदार रहते है, अन्यथा की स्थिति में  सभी की अनुपस्थित अंकित होती है। कई मौकों पर मा० डी ०एम० सर ने भी स्कूल का निरीक्षण किया और स्कूल को प्रोत्साहित किया बच्चों को इनाम भी दिया जो मेरे व स्कूल के लिए गर्व है। 75% बच्चे आज रीडर है सभी सब्जेक्ट में, वर्ष-2015 में स्कूल को आदर्श का दर्जा व मुझे आदर्श प्रधानाध्यापक का सम्मानन Dm सर ने दिया तथा 2016 में bsa सर से दिया और पूर्व डी०एम० सर श्री अनुज कुमार झा जी ने जून-2016 में एक कार्यशाल कलेक्टेड कन्नोज में 2 घंटे बोलने का मौका दिया ये पल हम सब के लिए गर्व की बात हैं। इस टाइम स्कूल में पौधों के लिए समरसेवल  लगवायी है। सर जो लोग शुरुआत में विरोध करते थे वह आज स्कूल को सहयोग कर रह हैं। वालपेन्टिंग से बार-बार पुताई से छुटकारा मिला वही पैसे से  अन्य विकास किया जा रहा है,जैसे फर्नीचर, कम्प्यूटर, संमरसेवल, अगला प्रयास जून तक पूरा डिजिटल cctv,,, बायोमेट्रिक उपस्थिति, झूलै लगवाना, है। अभी तक सभी को id कार्ड, जूते मोज़े स्वेटर, टूर की निशुल्क व्यवस्था है। शारीरिक शिक्षा में योग  pt, खेल प्रतिदिन का हिस्सा है।  पेपरलेस होमवर्क, बालसंसद, कक्षा-पदाधिकारी, mdm वितरण प्रभारी, क्रीड़ा प्रभारी, पुस्कालय, प्रभारी, आदि गति विधियों को दैनिक चर्या में लाया गया हैं। बालमेला, कला मेला निबंध मेला यह  आजोजन है, विद्यालय में जगह पर्याप्त होने के कारण फसलें भी खुद उगाई जा रही हैं जिससे mdm में सब्जियों का समावेश है, सर कितना लिखू , शेष आप पिक में देख चुके होंगे। मेरी शिक्षा Msc mphil (physics), LlB, नियुक्ति 13 feb-2009, sbtc, प्रथम स्कूल लालपुर पश्चिमी, गुगरापुर कन्नौज, पदोन्नति 23 aug-2013 स्कूल महशौनपुर उमर्दा कन्नोज  धन्यवाद सर जी🙏

मित्रो आपने देखा कि जब व्यक्ति में किसी कार्य के प्रति उत्साह, लगन और सकारात्मक सोच पैदा हो जाती है तो वह कठिन से कठिन काम को सरलतम ढंग से उत्साह के साथ पूरा कर लेता है। यही हाल बेसिक शिक्षा के हम शिक्षकों में है जिनके मन में चाह है उनके सामने राह है। ऐसा ही हमारे वैभव जी ने कर दिखाया और आगे भी निरन्तर आगे की चाहत के साथ आगे बढ़ रहे हैं। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से ऐसे समर्पित शिक्षक और उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।

☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_

साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
23/02/2017

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