७३- कृष्ण मुरारी उपाध्याय, पू०मा०वि० पाठा, महरौनी, ललितपुर
मित्रो आज हम आपको मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से आपका परिचय बेसिक शिक्षा को शून्य से शिखर की ओर ले जाने का सतत प्रयास करने वाले शिक्षाशास्त्री एवं LEAP के जनक सम्मानित शिक्षक भाई श्री कृष्ण मुरारी उपाध्याय जनपद- ललितपुर से करा रहे हैं। आज जहाँ हमारे बहुत से शिक्षक भाई शिक्षक बनें रहने के अतिरिक्त सब कुछ बनने को लालायित रहते हैं वहीं आपने अपने को विद्यालय में बेसिक शिक्षा के उत्थान के लिए शोधार्थी शिक्षक बनना उचित समझा, जिसके फल स्वरूप आज हम सबके सामने CCE के बाद LEAP जैसा कॉन्सेप्ट प्राप्त हुआ। तो आइये जानते हैं सर जी से कि---
*LEAP क्या है?????*
साथियो की जिज्ञासा रहती है कि लीप ( LEAP ) क्या है?
वर्ष 2011 मई से ब्लाक महरौनी जनपद ललितपुर में ABRC रहा। विभिन्न प्रशिक्षण लिए और दिए, ब्लाक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक।
सतत और व्यापक मूल्यांकन ( CCE ) उत्तर प्रदेश में 2012 में प्रदेश के पांच जनपदों ( ललितपुर भी शामिल ) के पांच - पांच स्कूलों में फील्ड ट्रायल के तौर पर लागू किया गया, मेरी खुशकिस्मती रही कि मैं इसके पहले चरण से ही इससे जुड़ गया जिससे मुझे इसको बहुत नजदीक से जानने और समझने का अवसर मिला। 2013 में CCE के परिवर्तन और सम्बर्धन के बाद में उक्त पांच जनपदों के समस्त स्कूलों में इसे लागू किया गया। सघन प्रशिक्षण, फीडबैक और फॉलोअप, अनुश्रवण व अनुसमर्थन पर बहुत मेहनत की गयी।
2014 में राज्य स्तरीय दल ने व्यापक रूप से कार्यक्रम का परीक्षण किया। उन्होंने जो भी निष्कर्ष निकाले हों और प्रेषित किए हों यह तो पता नहीं। परंतु मैंने जो निष्कर्ष निकाला वह मुझे पता था।
2014 में राज्य स्तरीय दल ने व्यापक रूप से कार्यक्रम का परीक्षण किया। उन्होंने जो भी निष्कर्ष निकाले हों और प्रेषित किए हों यह तो पता नहीं। परंतु मैंने जो निष्कर्ष निकाला वह मुझे पता था।
इस बात से और सभी के साथ मैं सहमत था कि--
*“बच्चों के आकलन के निष्कर्षों को दर्ज करने से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।„*
*“बच्चों के आकलन के निष्कर्षों को दर्ज करने से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।„*
परंतु CCE के प्रारूप में कुछ कमियां हैं जिससे अभीष्ट उद्देश्य की प्राप्ति नहीं होती है। मैं बेचैन था और यही बेचैनी एक नये विचार को जन्म दे रही थी।
नवंबर 2014 में मैंने ABRC के पद से त्यागपत्र दे दिया। तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ललितपुर श्री विनोद कुमार मिश्रा जी ने रोका पर मैं नहीं माना। उन्होंने मेरी इच्छानुसार मेरे पूर्व के विद्यालय उच्च प्राथमिक विद्यालय पठा में पदस्थापित कर दिया। जहाँ मैंने 2004 से कार्य किया था। जहाँ मेरे पुराने अधूरे और कुछ नये सपने मेरा इन्तजार कर रहे थे। ( UPS PATHA Mahrauni lalitpur के बारे में फिर कभी )
*आवश्यकता और उद्देश्य- -*
1 - आकलन से प्राप्त निष्कर्षों को दर्ज करना बहुत आसान हो। जिससे कोई भी शिक्षक बिना बड़े- बड़े प्रशिक्षणों के कार्य कर सके।
2 - चाइल्ड प्रोफाइल के स्थान पर एक ऐसा डॉकूमेन्ट हो जो बच्चे के पास रहे, जिससे वह जब चाहे कुछ सीखने पर शिक्षक से दर्ज करा सके।और स्वयं अवलोकन कर सके।
3 - पाठ्यक्रम में निर्धारित कौशल उल्लिखित हों, संकेतक बनाने और लिखने का कार्य न करना पड़े।
4 - बच्चों की प्रगति आसानी से समझी जा सके, उसका विश्लेषण किया जा सके।
5 - बच्चे सीखने को प्रोत्साहित हों, तथा नैतिक शिक्षा व्यवहारिक हो।
6 - बच्चे की सहभागिता को सीखने की प्रक्रिया में प्रथम पायदान माना जाए।
7 - एक ऐसी प्रक्रिया जो बालकेन्द्रित हो।
8 - आकलन और मूल्यांकन प्रक्रिया भयरहित हो।
उद्देश्यों के अनुरूप एक खाका तैयार किया गया। अन्तिम रूप दिया गया।Eduleap team ने सामग्री निर्धारित की। नाम दिया - Knowledge Bank ( Passbook ) और प्रेरणा वाक्य मुख्य पृष्ठ पर अंकित किया गया -
*“न चौर हार्यं न च राज हार्यं न भ्रातभाज्यं न च भारकारि,*
*व्ययेकृते वर्धते एव नित्यं विद्या धनं सर्व धन प्रधानम„*
*व्ययेकृते वर्धते एव नित्यं विद्या धनं सर्व धन प्रधानम„*
दिसम्बर 2014 में अपने विद्यालय उच्च प्राथमिक विद्यालय पठा में लागू किया गया। अगले सत्र में प्राप्त उपलब्धियों , फीडबैक तथा भविष्यगत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इसे विल्कुल नया रूप दिया गया। दो साल की कठिन मेहनत के परिणति है - लीप
Project name -
*LEAP -- Learning Evaluation and Augmentation Passbook*
नया लोगो बना।
नया लोगो बना।
LEAP का अर्थ होता है उछाल और कूद
प्रत्येक विद्यालय , जहाँ सीखने -सिखाने की प्रक्रिया चलती रहती है वह है - Knowledge Bank
प्रत्येक विद्यालय , जहाँ सीखने -सिखाने की प्रक्रिया चलती रहती है वह है - Knowledge Bank
पूरी तरह से यहाँ स्पष्ट नहीं कर पाऊंगा।
LEAP ( Passbook ) उच्च प्राथमिक विद्यालय की तीनों कक्षाओं के लिए है।
कक्षा - एक और दो के लिए - सार (SAAR )-- Skill Assessment and Analysing Record
आरम्भिक पठन कौशल विकास हेतु सार का प्रयोग किया जा रहा है। यह केवल एक पेज का फारमेट है। Peer coaching group के शिक्षक साथियों ने इसकी मांग की थी। बच्चों के शैक्षिक सम्बर्धन हेतु वह प्रयासरत हैं। उन सभी को यह प्रारूप मेल कर दिया गया था। और उन्होंने इसे अपने विद्यालय में लागू किया है । जिसका जल्द ही फीडबैक मिलने लगेगा।
कक्षा - एक और दो के लिए - सार (SAAR )-- Skill Assessment and Analysing Record
आरम्भिक पठन कौशल विकास हेतु सार का प्रयोग किया जा रहा है। यह केवल एक पेज का फारमेट है। Peer coaching group के शिक्षक साथियों ने इसकी मांग की थी। बच्चों के शैक्षिक सम्बर्धन हेतु वह प्रयासरत हैं। उन सभी को यह प्रारूप मेल कर दिया गया था। और उन्होंने इसे अपने विद्यालय में लागू किया है । जिसका जल्द ही फीडबैक मिलने लगेगा।
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सादर -
*कृष्ण मुरारी उपाध्याय*
सहायक अध्यापक
उच्च प्राथमिक विद्यालय पठा
ब्लाक महरौनी जनपद ललितपुर
मो नं - 9936067894
WhatsApp - 7607510481
*कृष्ण मुरारी उपाध्याय*
सहायक अध्यापक
उच्च प्राथमिक विद्यालय पठा
ब्लाक महरौनी जनपद ललितपुर
मो नं - 9936067894
WhatsApp - 7607510481
लीप की सहयोगी टीम:--
TEAM EDULEAPS-
The LEAP has taken painstaking efforts from the people mentioned below-
The LEAP has taken painstaking efforts from the people mentioned below-
Krishna Murari Upadhyay--ORIGINAL IDEA of Passbook(Knowledge Bank), Direction, Methodology and Editing
Pranesh Mishra, Mukesh Nayak, Sanjeev Jain, Kaleem Khan, Preeti, Ramlal-- Subject matter , Content and Implementation(experimental phases)
CONTRIBUTING VOLUNTARILY-
Sanjeev & Vandana Sirotia-- inputs and FINANCE
Akshay-- LOGO design, Naming(Eduleaps,LEAP,SIM,SAAR), Editing and Methodology development
Vibhore-- Support
Sanjeev & Vandana Sirotia-- inputs and FINANCE
Akshay-- LOGO design, Naming(Eduleaps,LEAP,SIM,SAAR), Editing and Methodology development
Vibhore-- Support
COMPUTER WORK- (Abhay&Minakshi) and Shubham
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से सभी LEAP टीम को बहुत- बहुत शुभकामनाएँ!
�मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा आयेगा।
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
*उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।*
साभार: *शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ*
विमल कुमार
कानपुर देहात
18/09/2016
विमल कुमार
कानपुर देहात
18/09/2016
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