३६३~ नीरज पन्त विद्यालय- राजकीय जूनियर हाईस्कूल रौल्याना, गरुड़, बागेश्वर, उत्तराखण्ड

   🏅अनमोल रत्न🏅

मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से सम्पूर्ण शिक्षक परिवार को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई के साथ हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🙏💐

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड से अनमोल रत्न शिक्षक भाई नीरज पन्त जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार से विद्यालय को परिवार का रूप देते हुए हर छोटी- बड़ी समस्याओं के समाधान का सतत प्रयास करते हुए अपने विद्यालय को सामाजिक सहभागिता एवं सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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नाम- नीरज पन्त
विद्यालय- राजकीय जूनियर हाईस्कूल रौल्याना, विकास खण्ड- गरुड़, जनपद- बागेश्वर उत्तराखण्ड विद्यालय में नियुक्ति तिथि - 01 जुलाई-2015
प्रथम नियुक्ति- 20 मई 2005 राजकीय प्राथमिक विद्यालय तिलसारी, गरुड़ (बागेश्वर) में, 2009 से 2015 तक सी आर सी में समन्वयक की भूमिका में।

📋वर्तमान विद्यालय की समस्याएँ:-

1👉. भूमि विवाद के कारण विद्यालय में प्रार्थना सभा के लिए प्रांगण नहीं था।
2👉. विद्यालय के प्रति अभिभावक उदासीन थे, समुदाय का सहयोग नगण्य था।
3👉. पेयजल टंकी में छेद होने की वजह से निष्प्रयोज्य थी।
4👉. कूड़ा निस्तारण की समस्या थी।
5👉. कम्प्यूटर नहीं थे।
6👉. विद्युत व्यवस्था बाधित थी।

📋समाधान हेतु प्रयास- समस्याओं के समाधान के लिए निम्नलिखित प्रयास किये गए-

1👉. भूमि विवाद सुलझाने के लिए एस०एम०सी० का सहयोग लेकर कई बार वार्ता की और विवाद सुलझाया। तत्पश्चात ग्राम पंचायत और ग्राम प्रधान का सहयोग लेकर मनरेगा के अंतर्गत विद्यालय में प्रार्थना सभा के लिए प्रांगण का निर्माण करवाया।
2👉. बाल शोध मेला करवाकर अभिभावकों को विद्यालय के साथ जोड़ा। वर्तमान में प्रत्येक माह अभिभावकों की बैठक होती हैं। बैठक में बच्चों के पठन-पाठन की स्थिति पर सार्थक चर्चा होती है।
3.👉 ग्राम प्रधान और एस०एम०सी० का सहयोग लेकर पेयजल टँकी की मरम्मत करवाई और उसका उपयोग शुरू करवाया।
4.👉 ग्राम पंचायत के सहयोग से 14वां वित्त योजना के तहत विद्यालय परिसर में विशाल जैविक और अजैविक कूड़ादान का निर्माण करवाया।
5.👉 वर्तमान में विद्यालय में 04 कम्प्यूटर हैं जिनका बच्चों द्वारा उपयोग किया जाता है।
6👉. स्थानीय विधायक के सहयोग से जिला योजना के तहत कम्प्यूटर कक्ष का निर्माण विद्यालय परिसर में किया गया है।
7.👉 जिला पंचायत अध्यक्ष के सहयोग से विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की गई।
8👉. ग्राम प्रधान द्वारा सभी बच्चों को एक जोड़ी जूते और मोजे उपहारस्वरूप प्रदान किये गए।
9👉. विद्यालय में पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय का विस्तार किया गया है। मित्रों के सहयोग से ₹ 25000.00 की बच्चों के स्तर की किताबें क्रय की गई हैं।
10.👉 विभिन्न विषयों पर आधारित दीवार पत्रिका का नियमित प्रकाशन बच्चों के द्वारा किया जाता है।
11👉. मध्याह्न भोजन में ताजी सब्जियों का प्रयोग करने के लिए किचन गार्डन का निर्माण किया गया है।
12.👉 प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मावकाश में विषय आधारित समर कैंप का आजोजन किया जाता है। अभी तक विज्ञान, भाषा और संगीत पर आधारित कैम्प्स सम्पन्न कराए गए हैं।
13.👉 वार्षिक परीक्षा के बाद बच्चों द्वारा स्कूल में त्यौहार मनाया जाता है जिसमें बच्चे शिक्षकों और भोजन माता को विभिन्न पकवान बनाकर खिलाते हैं।
14👉. प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव मनाया जाता है।
15.👉 प्रत्येक वर्ष मित्रों के सहयोग से सभी बच्चों को ट्रैक सूट उपहार में दी जाती है।







📋विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ:-

1👉 टी०एल०एम० की मदद से बालकेन्द्रित शिक्षण।
2👉 समय-समय पर बालविज्ञान कार्यशाला आयोजित करना।
3👉 दीवार पत्रिका, शैक्षिक भ्रमण आदि द्वारा रचनात्मक शिक्षण।
4-👉 प्रत्येक माह के अंतिम कार्यदिवस को उस माह जन्मे बच्चों का सामूहिक जन्मोत्सव मनाया जाता है।


















📋उपलब्धियाँ:-

1. 👉क्रीड़ा प्रतियोगिता में समूह गान प्रतियोगिता में जिला स्तर पर प्रथम स्थान।
2.👉 सपनों की उड़ान में बाल-शोध में जनपद में प्रथम।
3.👉 लोकनृत्य में ब्लॉक में प्रथम।
4👉. सर्वश्रेष्ठ एस०एम०सी० का पुरस्कार।
5👉. जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय के प्रधानाध्यापक को ₹5000.00 का पुरस्कार।
6.👉 मेधावी सह निर्धन छात्रवृत्ति में कक्षा-8 के बच्चों का चयन।






📋मिशन शिक्षण संवाद के बारे में सन्देश:-
मिशन शिक्षण संवाद ने शिक्षकों को प्रेरित कर उनमें नया जोश भर दिया है। शिक्षक मिशन से प्राप्त शैक्षिक सामग्री का लाभ लेकर नौनिहालों का भविष्य बना रहे है। मिशन ने शिक्षा जगत में आमूलचूल परिवर्तन ला दिया है। मिशन टीम को बहुत बहुत धन्यवाद।

📋शिक्षक समाज के लिये सन्देश:-

अपनी भूमिका को तन मन धन से निर्वहन करना सबसे बड़ी राष्ट्रभक्ति है। विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के साथ अपने बच्चे की तरह आत्मीयता का व्यवहार कर ही विद्यालय को 'परिवार' बनाया जा सकता है। बस जरूरत है दृष्टिकोण बनाने की। हम स्वयं को पहचानें, अपनी शक्ति को जानें और गुरु बनने की ओर अग्रसर हो।

📝प्रेरणा/ सहयोग/संकलन के लिये मिशन परिवार की ओर से उत्तराखण्ड प्रभारी लक्ष्मण सिंह मेहता जी का हार्दिक आभार।


नोट:- मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने वाले एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का *अनमोल रत्न* में विवरण भेजते तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
04-09-2019

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