हिन्दी हमारी शान
हिन्दी हमारी शान है,
हिन्दी हमारी जान है।
बिन ज्ञान हिन्दी के
हम तो बेजुबान हैं,
जीवन जीने के लिए
बहुत जरूरी हिन्दी ज्ञान।
हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति है,
हिन्दी हमारी शक्ति है।
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा,
हिन्दी हिमारी मातृभाषा।
बिन हिन्दी ज्ञान के हम
न करें कोई भी आशा।
हिन्दी सरल, सहज निज काम आती है,
अपनी सरलता के कारण सबको यह भाती है।
हिन्दी हमें मातृत्व का एहसास दिलाती है,
हिन्दी, हिन्दुस्तान की गौरवगाथा बताती है।
पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक
सबको एक सूत्र में पिरोती है।
हिन्दी वह भाषा है जो
जीवन की परिभाषा बताती है।
हिन्दी हमारी शान है,
हिन्दी हमारी पहचान है।
रचयिता
शिराज़ अहमद,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय ददरा,
विकास खण्ड-मड़ियाहूं,
जनपद-जौनपुर।
हिन्दी हमारी जान है।
बिन ज्ञान हिन्दी के
हम तो बेजुबान हैं,
जीवन जीने के लिए
बहुत जरूरी हिन्दी ज्ञान।
हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति है,
हिन्दी हमारी शक्ति है।
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा,
हिन्दी हिमारी मातृभाषा।
बिन हिन्दी ज्ञान के हम
न करें कोई भी आशा।
हिन्दी सरल, सहज निज काम आती है,
अपनी सरलता के कारण सबको यह भाती है।
हिन्दी हमें मातृत्व का एहसास दिलाती है,
हिन्दी, हिन्दुस्तान की गौरवगाथा बताती है।
पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक
सबको एक सूत्र में पिरोती है।
हिन्दी वह भाषा है जो
जीवन की परिभाषा बताती है।
हिन्दी हमारी शान है,
हिन्दी हमारी पहचान है।
रचयिता
शिराज़ अहमद,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय ददरा,
विकास खण्ड-मड़ियाहूं,
जनपद-जौनपुर।
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