जय हिन्दी

सोने जैसी खरी है हिन्दी,
चाँदी जैसी उज्ज्वल हिन्दी,
गंगा जैसी निर्मल हिन्दी,
माटी की सुगंध है हिन्दी,
ममता का आँचल है हिन्दी,
करुणा का सागर है हिन्दी,
ब्रह्मा का वरदान है हिन्दी,
सरस्वती का सम्मान है हिन्दी,
उर्दू की भगिनी है हिन्दी,
मराठी की संगिनी है हिन्दी,
गुजराती में गौरव हिन्दी,
पञ्जाबी की प्रीति है हिन्दी,
कर्मयोग का सार है हिन्दी,
संस्कृत का अवतार है हिन्दी,
वेद पुराणों का ज्ञान है हिन्दी,
अपनों की पहचान है हिन्दी,
जय हिन्दी ...........

रचयिता
मोहम्मद अहमद,
सहायक अध्यापक,
रा0 आ0 प्राथमिक विद्यालय बीरोंखाल,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

Comments

  1. हिंदी पर बहुत सुंदर रचना.....मोहम्मद अहमद जी

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