शिक्षक

बच्चों का जीवन सँवारता शिक्षक,
अपनेपन से पढ़ाता है शिक्षक।
बच्चे भी उस पर प्यार लुटाए,
जब शिक्षक में अपनापन पाएँ।

शिक्षक वह जो बच्चा सा बन जाए,
बच्चों का सुख दुःख जान जाए।
शिक्षक अच्छे बुरे का ज्ञान कराता,
जीवन के लिए जो अच्छा भान कराता।

शिक्षक शिष्टाचार, नैतिकता सिखाये,
जीवन में आगे बढ़ने को प्रेरित कराये।
बच्चा मन से जब जुड़ जाता है,
तब सब कुछ वह सीख जाता है।

शिक्षा की नई लौ को जलाएँ,
जीवन के तम को उससे मिटाएँ।
पल-पल आगे बढ़ाए शिक्षक,
सब न्योछावर कर जाए शिक्षक।

रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।

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