३६४~ सुमन कुशवाहा (प्रधानाध्यापिका) प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर, नेवादा, कौशाम्बी
🏅अनमोल रत्न🏅
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से आप सभी शिक्षक साथियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌷🙏🌷
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कौशांबी से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सुमन कुशवाहा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार विद्यालय की अनेकों विषम परिस्थितियों का समाधान करते हुए शिक्षण की विविध विधियों द्वारा अपने विद्यालय को बाल आकर्षण एवं सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम जैसे अनेकों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2419527484991501&id=1598220847122173
🔆#प्रेरक_प्रयास🔆
मैं सुमन कुशवाहा (प्रधानाध्यापिका)
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर, नेवादा
जनपद- कौशाम्बी से
👉🏻जिस समय प्रा०वि० भगवानपुर में मेरी नियुक्ति प्र०अ० पद पर हुई। उस समय विद्यालय की व्यवस्था अव्यवस्थित व अनुचित थी। शैक्षिक माहौल बहुत अच्छा नही था विद्यालय में निम्न समस्यायें थी।
📋विद्यालय की समस्यायें:-
👉1) नामांकन के सापेक्ष छात्र उपस्थिति कम रहती थी।
👉2) शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर निम्न।
👉3) विद्यालय की व्यवस्था अनुचित व अव्यवस्थित थी।
👉4) चहारदीवारी छोटी होने के कारण पेड़-पौधे जो भी लगाये जाते थे, वे उखाड़कर फेंक दिया जाता था।
👉5) जनसहभागिता का अभाव।
👉6) विद्यालय में बच्चों को रोचक गतिविधियां व टी०एल०एम० का प्रयोग बहुत कम किया जाता था।
👉7) पारम्परिक तरीके से अध्यापन के कारण उत्पन्न निरसता।
📋समस्याओं के समाधान के प्रयास:-
👉1) विद्यालय की समस्याओं के समाधान हेतु स्वरचित गीत।
एक छोटी सी कोशिश है
पूरा करने की ख्वाहिश है।
तन मन धन से बच्चों को पढ़ाऊँ
नित नये नये ज्ञान कराऊँ
गतिविधियों के द्वारा पढ़ाऊँ।
ऐसे ही बच्चों को मैं पढ़ाऊँ।
सुधार हेतु प्रयास में जुट गयी।
👉2) सर्वप्रथम मैंने विद्यालय के भौतिक परिवेश में सुधार किये। ग्राम प्रधान से मिलकर चहारदीवारी ऊँची करवायी। फिर विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे व प्रांगण में हैज के पौधे लगवायें। जिसका परिणाम यह आया कि हरे-भरे प्राकृतिक सौंदर्य परिवेश में प्रा०वि० भगवानपुर के बच्चे अब खेलना व पढ़ना पसंद कर रहे हैं।
👉3) नामांकन में वृद्धि हेतु गाँव में भ्रमण करके अभिभावकों से संपर्क किया। अध्यापक एवं अभिभावकों की बैठक का आयोजन।
👉4) नामांकन कराने हेतु आये अभिभावकों का स्वागत करने के लिये विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया गया।
👉5) महीनों में जिन बच्चों की सर्वाधिक उपस्थिति रहती है, उन बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें इनाम देकर प्रोत्साहित किया गया।
👉6) प्रतिदिन विद्यालय में नवाचार युक्त शिक्षण व गतिविधियों के द्वारा पढ़ाया जाना।
👉7) विद्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन जैसे मातृ दिवस, महिला दिवस। विभिन्न त्यौहार व जयंती पर कार्यक्रम, चित्रकला प्रतियोगिता, सजावट प्रतियोगिता, बेकार पड़े शादी के कार्ड व चार्ट पेपर से गुलदस्ता तैयार करना।
👉8) टी०एल०एम० द्वारा बच्चों को नित पढ़ाना व कविता का सस्वर वाचन कराना।
👉9) बेटी बचाओ, बेटी पढाओं पर विशेष कार्यक्रम।
📋विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियां:-
👉1) इन विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन करने से नामांकन दर में सुधार हुआ। 2017-18 में 123 छात्र संख्या अब वर्तमान में 200 छात्र संख्या हो गयी।
👉2) नामांकन दर में सुधार होने के पश्चात बच्चों के ठहराव के लिये नये-नये नवाचार लागू किया।
📋नवाचार:-
👉1) कला शिल्प से सर्वागीण विकास:
छात्रों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिये कलात्मक अभिरुचि रखने वाले छात्रों को मिट्टी के शिवलिंग व पक्षी व पेंटिंग बनाना सिखाया गया।
👉2) चित्रकथा के माध्यम से शिक्षा – सीखने व सिखाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये कहानी को चित्रों के माध्यम से पढ़ाया गया। जैसे प्यासा कौआ की कहानी का चित्र बनवाया। फिर चित्र देखकर कहानी सुनाने को कहा गया।
👉3) सबसे बड़ी उपलब्धि मुझे संगीतमय द्वारा शिक्षा से मिली – स्वाभाविक रुप से मनुष्य को संगीत बहुत प्रिय लगता है। छात्रों के गतिविधियां व उनके रुचि को ध्यान में रखते हुए “संगीतमय शिक्षा” स्वर लय के साथ शिक्षा देना प्रारम्भ किया। कविता व संस्कृत के श्लोकों का स्वर लय के साथ बच्चे शुद्ध वाचन करने लगे।
📋विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियाँ-
जिला स्तर पर कक्षा- 5 की छात्रा #खुशी_दुबे को शिक्षा पर अच्छा प्रदर्शन करने हेतु जिलाधिकारी महोदय के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह छात्रा संस्कृत में कविता व श्लोकों का शुद्ध वाचन स्वर लय के साथ करती है। चायल विधायक श्री संजय गुप्ता महोदय के द्वारा चार हज़ार रु० व प्रशस्ति प्रमाण प्रदान किया।
जिला शैक्षिक मेला 2017-18 में भी इस छात्रा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
📋शिक्षक के रुप में उपलब्धियाँ:-
👉1) मेरा विद्यालय आदर्श विद्यालय में चयनित।
👉2) तीन बार जिलाधिकारी महोदय द्वारा प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
👉3) जिला स्तरीय कहानी प्रतियोगिता पुरस्कार।
👉4) लर्निंग आउटकम प्रशिक्षण में ब्लॉक स्तर पर विशेष पुरस्कार व स्वर कोकिला के नाम से सम्बोधित किया गया।
📋मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिये मेरा संदेशः
मिशन शिक्षण संवाद के श्री दीप नारायण सर एवं श्री हरिओम सर एवं श्री अजय श्रीवास्तव सर ने मुझे बहुत प्रेरणा दी है। ग्रुप के प्रत्येक सदस्य ने हमेशा उत्साहवर्धन किया। अतः मैं मिशन शिक्षण संवाद को सहृदय धन्यवाद देती हूँ। जिसके सकारात्मक प्रेरणा से मैं कुछ अच्छा करने की ऊर्जा प्राप्त करती हूँ।
आज मैं बड़े गर्व से कहती हूँ कि मिशन शिक्षण संवाद की वजह से ही आज प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों को सम्मान मिला। में मिशन शिक्षण संवाद के सम्माननीय संस्थापक महोदय जी को सहृदय धन्यवाद देती हूँ। जिन्होंने मिशन शिक्षण संवाद की शुरुआत की।
विशेष रुप से मैं श्री दीप नारायण सर एवं श्री हरिओम सर को सहृदय धन्यवाद करती हूँ जिन्होंने मुझे मिशन शिक्षण संवाद कौशाम्बी ग्रुप में शामिल किया।
*साभार*
सुमन कुशवाहा (प्र०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर
विकास खण्ड – नेवादा
जनपद – कौशाम्बी
मिशन शिक्षण संवाद कौशाम्बी।
संकलन: दीपनारायण मिश्र
टीम मिशन शिक्षण संवाद
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
05-09-2019
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से आप सभी शिक्षक साथियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌷🙏🌷
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कौशांबी से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन सुमन कुशवाहा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार विद्यालय की अनेकों विषम परिस्थितियों का समाधान करते हुए शिक्षण की विविध विधियों द्वारा अपने विद्यालय को बाल आकर्षण एवं सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम जैसे अनेकों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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मैं सुमन कुशवाहा (प्रधानाध्यापिका)
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर, नेवादा
जनपद- कौशाम्बी से
👉🏻जिस समय प्रा०वि० भगवानपुर में मेरी नियुक्ति प्र०अ० पद पर हुई। उस समय विद्यालय की व्यवस्था अव्यवस्थित व अनुचित थी। शैक्षिक माहौल बहुत अच्छा नही था विद्यालय में निम्न समस्यायें थी।
📋विद्यालय की समस्यायें:-
👉1) नामांकन के सापेक्ष छात्र उपस्थिति कम रहती थी।
👉2) शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर निम्न।
👉3) विद्यालय की व्यवस्था अनुचित व अव्यवस्थित थी।
👉4) चहारदीवारी छोटी होने के कारण पेड़-पौधे जो भी लगाये जाते थे, वे उखाड़कर फेंक दिया जाता था।
👉5) जनसहभागिता का अभाव।
👉6) विद्यालय में बच्चों को रोचक गतिविधियां व टी०एल०एम० का प्रयोग बहुत कम किया जाता था।
👉7) पारम्परिक तरीके से अध्यापन के कारण उत्पन्न निरसता।
📋समस्याओं के समाधान के प्रयास:-
👉1) विद्यालय की समस्याओं के समाधान हेतु स्वरचित गीत।
एक छोटी सी कोशिश है
पूरा करने की ख्वाहिश है।
तन मन धन से बच्चों को पढ़ाऊँ
नित नये नये ज्ञान कराऊँ
गतिविधियों के द्वारा पढ़ाऊँ।
ऐसे ही बच्चों को मैं पढ़ाऊँ।
सुधार हेतु प्रयास में जुट गयी।
👉2) सर्वप्रथम मैंने विद्यालय के भौतिक परिवेश में सुधार किये। ग्राम प्रधान से मिलकर चहारदीवारी ऊँची करवायी। फिर विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे व प्रांगण में हैज के पौधे लगवायें। जिसका परिणाम यह आया कि हरे-भरे प्राकृतिक सौंदर्य परिवेश में प्रा०वि० भगवानपुर के बच्चे अब खेलना व पढ़ना पसंद कर रहे हैं।
👉3) नामांकन में वृद्धि हेतु गाँव में भ्रमण करके अभिभावकों से संपर्क किया। अध्यापक एवं अभिभावकों की बैठक का आयोजन।
👉4) नामांकन कराने हेतु आये अभिभावकों का स्वागत करने के लिये विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया गया।
👉5) महीनों में जिन बच्चों की सर्वाधिक उपस्थिति रहती है, उन बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें इनाम देकर प्रोत्साहित किया गया।
👉6) प्रतिदिन विद्यालय में नवाचार युक्त शिक्षण व गतिविधियों के द्वारा पढ़ाया जाना।
👉7) विद्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन जैसे मातृ दिवस, महिला दिवस। विभिन्न त्यौहार व जयंती पर कार्यक्रम, चित्रकला प्रतियोगिता, सजावट प्रतियोगिता, बेकार पड़े शादी के कार्ड व चार्ट पेपर से गुलदस्ता तैयार करना।
👉8) टी०एल०एम० द्वारा बच्चों को नित पढ़ाना व कविता का सस्वर वाचन कराना।
👉9) बेटी बचाओ, बेटी पढाओं पर विशेष कार्यक्रम।
📋विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियां:-
👉1) इन विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन करने से नामांकन दर में सुधार हुआ। 2017-18 में 123 छात्र संख्या अब वर्तमान में 200 छात्र संख्या हो गयी।
👉2) नामांकन दर में सुधार होने के पश्चात बच्चों के ठहराव के लिये नये-नये नवाचार लागू किया।
📋नवाचार:-
👉1) कला शिल्प से सर्वागीण विकास:
छात्रों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिये कलात्मक अभिरुचि रखने वाले छात्रों को मिट्टी के शिवलिंग व पक्षी व पेंटिंग बनाना सिखाया गया।
👉2) चित्रकथा के माध्यम से शिक्षा – सीखने व सिखाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये कहानी को चित्रों के माध्यम से पढ़ाया गया। जैसे प्यासा कौआ की कहानी का चित्र बनवाया। फिर चित्र देखकर कहानी सुनाने को कहा गया।
👉3) सबसे बड़ी उपलब्धि मुझे संगीतमय द्वारा शिक्षा से मिली – स्वाभाविक रुप से मनुष्य को संगीत बहुत प्रिय लगता है। छात्रों के गतिविधियां व उनके रुचि को ध्यान में रखते हुए “संगीतमय शिक्षा” स्वर लय के साथ शिक्षा देना प्रारम्भ किया। कविता व संस्कृत के श्लोकों का स्वर लय के साथ बच्चे शुद्ध वाचन करने लगे।
📋विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियाँ-
जिला स्तर पर कक्षा- 5 की छात्रा #खुशी_दुबे को शिक्षा पर अच्छा प्रदर्शन करने हेतु जिलाधिकारी महोदय के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह छात्रा संस्कृत में कविता व श्लोकों का शुद्ध वाचन स्वर लय के साथ करती है। चायल विधायक श्री संजय गुप्ता महोदय के द्वारा चार हज़ार रु० व प्रशस्ति प्रमाण प्रदान किया।
जिला शैक्षिक मेला 2017-18 में भी इस छात्रा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
📋शिक्षक के रुप में उपलब्धियाँ:-
👉1) मेरा विद्यालय आदर्श विद्यालय में चयनित।
👉2) तीन बार जिलाधिकारी महोदय द्वारा प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
👉3) जिला स्तरीय कहानी प्रतियोगिता पुरस्कार।
👉4) लर्निंग आउटकम प्रशिक्षण में ब्लॉक स्तर पर विशेष पुरस्कार व स्वर कोकिला के नाम से सम्बोधित किया गया।
📋मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिये मेरा संदेशः
मिशन शिक्षण संवाद के श्री दीप नारायण सर एवं श्री हरिओम सर एवं श्री अजय श्रीवास्तव सर ने मुझे बहुत प्रेरणा दी है। ग्रुप के प्रत्येक सदस्य ने हमेशा उत्साहवर्धन किया। अतः मैं मिशन शिक्षण संवाद को सहृदय धन्यवाद देती हूँ। जिसके सकारात्मक प्रेरणा से मैं कुछ अच्छा करने की ऊर्जा प्राप्त करती हूँ।
आज मैं बड़े गर्व से कहती हूँ कि मिशन शिक्षण संवाद की वजह से ही आज प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों को सम्मान मिला। में मिशन शिक्षण संवाद के सम्माननीय संस्थापक महोदय जी को सहृदय धन्यवाद देती हूँ। जिन्होंने मिशन शिक्षण संवाद की शुरुआत की।
विशेष रुप से मैं श्री दीप नारायण सर एवं श्री हरिओम सर को सहृदय धन्यवाद करती हूँ जिन्होंने मुझे मिशन शिक्षण संवाद कौशाम्बी ग्रुप में शामिल किया।
*साभार*
सुमन कुशवाहा (प्र०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर
विकास खण्ड – नेवादा
जनपद – कौशाम्बी
मिशन शिक्षण संवाद कौशाम्बी।
संकलन: दीपनारायण मिश्र
टीम मिशन शिक्षण संवाद
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
05-09-2019
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