हाँ मैं एक शिक्षक हूँ
स्वयं को जला करे जो उजाला,
मैं वो एक दीपक हूँ,
गर्व से कहती हूँ मैं एक शिक्षक हूँ,
हाँ मैं एक शिक्षक हूँ।
समय तो चलता धीरे-धीरे
मैं जल्दी चल जाती हूँ,
सूरज के उठने से पहले,
मैं जल्दी जग जाती हूँ।
बच्चों व घर के काम को
जल्दी जल्दी निबटाती हूँ,
खुश होती इस बात पर
विद्यालय समय से पहुँच जाती हूँ
मैं भारत देश के स्वर्णिम
भविष्य की रक्षक हूँ।
जब छोटा बच्चा स्कूल में आए
मैं उसकी माँ बन जाती हूँ,
गलती वो करे जो कोई
पिता सी डाँट लगाती हूँ।
रूठ जाए कोई बच्चा तो
बहन बनकर मनाती हूँ।
गलत राह पर चले जो कोई
भाई सी राह दिखाती हूँ।
बच्चों के जीवन में,
सारे रिश्तों की मैं प्रेषक हूँ।
मैं नहीं चाहती कि
मुझे रोज नमस्कार करो,
शिक्षक दिवस पर मुझे,
गिफ्ट और उपहार दो,
कामना बस यहीं है मेरी,
ना शिक्षक का तिरस्कार करो
उसको भी थोड़ा मान,
सम्मान और प्यार दो।
इस समाज में थोड़े से
सम्मान की मैं इच्छुक हूँ।
हाँ मैं एक शिक्षक हूँ
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
मैं वो एक दीपक हूँ,
गर्व से कहती हूँ मैं एक शिक्षक हूँ,
हाँ मैं एक शिक्षक हूँ।
समय तो चलता धीरे-धीरे
मैं जल्दी चल जाती हूँ,
सूरज के उठने से पहले,
मैं जल्दी जग जाती हूँ।
बच्चों व घर के काम को
जल्दी जल्दी निबटाती हूँ,
खुश होती इस बात पर
विद्यालय समय से पहुँच जाती हूँ
मैं भारत देश के स्वर्णिम
भविष्य की रक्षक हूँ।
जब छोटा बच्चा स्कूल में आए
मैं उसकी माँ बन जाती हूँ,
गलती वो करे जो कोई
पिता सी डाँट लगाती हूँ।
रूठ जाए कोई बच्चा तो
बहन बनकर मनाती हूँ।
गलत राह पर चले जो कोई
भाई सी राह दिखाती हूँ।
बच्चों के जीवन में,
सारे रिश्तों की मैं प्रेषक हूँ।
मैं नहीं चाहती कि
मुझे रोज नमस्कार करो,
शिक्षक दिवस पर मुझे,
गिफ्ट और उपहार दो,
कामना बस यहीं है मेरी,
ना शिक्षक का तिरस्कार करो
उसको भी थोड़ा मान,
सम्मान और प्यार दो।
इस समाज में थोड़े से
सम्मान की मैं इच्छुक हूँ।
हाँ मैं एक शिक्षक हूँ
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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