हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा

है सरलता, स्पष्टता, मधुरता, रोचकता जिसके शब्दों में बेशुमार
है वो राष्ट्र भाषा हिन्दी हमारी।
हों वो अक्षर
जिनकी धवनि में हो प्यार
जिनके बोलने से ही
छा जाए खुमार
हिन्दी में है शक्ति अनन्त
जिसके गुंजन में है क्षमता अपार
तभी तो महिमा है ऊँ की अपार
जिसका गुंजन करे जग का कल्याण
गूँजे स्वर हिन्दी का चहुँओर
कोशिश हो हमारी जोड़-तोड़
है जोड़ने की इसमें ताकत
जुड़ जाएँ जीवन के तार-तार
हो हिन्दी का विस्तार
करें हम ऐसा प्रयास
बन जाएँ बेशुमार दिलों की धड़कन
बन जाये हर लव की जुबान
हिन्द से हिन्दी
हिन्द से हिन्दुस्तान
है हिन्दी हिन्दुस्तान की धरोहर
कहीं हो न जाए गुम
रखना है सँभालकर
बढ़ाना है मान
करना है गौरवान्वित
आखिर है धरोहर
हिन्दुस्तान की।।

रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।

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