प्रयास
जब परिस्थितियों की आँधियाँ,
हमें झकझोर देती हैं.......
तब लक्ष्य प्राप्ति की आकांक्षा,
हमें प्रोत्साहन देती है.......
चुनौतियों का सामना करके,
हम निखर जाते हैं.......
ये प्रयास ही तो हैं,
जो हमें निपुण बनाते हैं।
हार के कड़वे अनुभव,
धैर्य की परीक्षा लेते हैं.....
परन्तु सक्षम हमें बनाकर,
मधुर परिणाम देते हैं......
लगन की धरा पर ही,
सफलता के पौधे उग पाते हैं..
ये प्रयास ही तो हैं
जो हमें निपुण बनाते हैं।
कभी-कभी निंदा भी हमें,
साहस से भर देती है.....
संदेह भरी दृष्टि लोगों की,
और उत्साहित करती है....
वो सबक व्यर्थ नहीं होते,
जो कठिन पल सिखाते हैं...
ये प्रयास ही तो हैं,
जो हमें निपुण बनाते हैं।
रचयिता
दीप्ति खुराना,
सहायक अध्यापक,
जूनियर कम्पोजिट विद्यालय पंडिया,
विकास खण्ड-कुन्दरकी,
जनपद-मुरादाबाद।
हमें झकझोर देती हैं.......
तब लक्ष्य प्राप्ति की आकांक्षा,
हमें प्रोत्साहन देती है.......
चुनौतियों का सामना करके,
हम निखर जाते हैं.......
ये प्रयास ही तो हैं,
जो हमें निपुण बनाते हैं।
हार के कड़वे अनुभव,
धैर्य की परीक्षा लेते हैं.....
परन्तु सक्षम हमें बनाकर,
मधुर परिणाम देते हैं......
लगन की धरा पर ही,
सफलता के पौधे उग पाते हैं..
ये प्रयास ही तो हैं
जो हमें निपुण बनाते हैं।
कभी-कभी निंदा भी हमें,
साहस से भर देती है.....
संदेह भरी दृष्टि लोगों की,
और उत्साहित करती है....
वो सबक व्यर्थ नहीं होते,
जो कठिन पल सिखाते हैं...
ये प्रयास ही तो हैं,
जो हमें निपुण बनाते हैं।
रचयिता
दीप्ति खुराना,
सहायक अध्यापक,
जूनियर कम्पोजिट विद्यालय पंडिया,
विकास खण्ड-कुन्दरकी,
जनपद-मुरादाबाद।
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