स्वच्छता गीत

स्वच्छता की ओर बढ़ चले हैं ये कदम।
गन्दगी को दूर भगा कर ही लेंगे दम।।
सुबह-सुबह जाग जाएँ, स्नान करें हम।
दाँत , बाल, नाखून साफ रखें हम।।

स्वच्छ वस्त्र, खान-पान शुद्ध रखें हम।।
स्वच्छता की ओर बढ़ चले हैं ये कदम।
घर आँगन का कोना-कोना साफ रखें हम।
कूड़ा कचरा कूड़ेदान में ही डालें हम।।

रोग, व्याधि और बीमारी इससे ह़ोगी कम।
स्वच्छता की ओर बढ़ चले हैं ये कदम।।
घर को अपने हरियाली से सँवारें हम।
ध्यान रहे ऑक्सीजन हो ना कभी कम।।

पाँलिथिन को दूर कर, धरा बचाएँ हम।
स्वच्छता की ओर बढ़ चले हैं ये कदम।।
तन हमारा स्वस्थ हो और स्वस्थ हो मस्तिष्क।
मन में ना हो राग, द्वेष का ये कोई विष।।
स्वस्थ रहें, व्यस्त रहें, मस्त रहें हम।
स्वच्छता की ओर बढ़ चले हैं ये कदम।।
गन्दगी को दूर भगा कर ही लेंगे दम।।

स्वच्छ रहें, स्वस्थ रहें।

रचयिता
अनीता पन्त,
सहायक अध्यापक,
रा.आ.प्रा.वि. कालाढूंगी,
विकास खण्ड-कोटाबाग,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।

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