हिन्दी हमारा गर्व
हिन्दी दिवस है आया,
जन - जन है हर्षाया।
नारे, स्लोगन, कविता, लेख कहानी,
चित्र, पोस्टर, नाटक आज सबकी जुबानी।
क्या कुछ दिनों कि है ये रवानी?
फिर चढ़ जायेगी क्या आंग्ल बानी!
कुछ ऐसी सोच व हवा है,
हिन्दी निम्न व गँवई का भाव है।
आंग्ल भाषा का पक्ष व वाकपटुता,
और राष्ट्रभाषा प्रयोग में लघुता।
भाषा अस्तित्व का हो ना वियोग,
सर्वत्र हो जब हिन्दी का उपयोग।
अक्षर- वर्ण, वर्तनी, व्याकरण
शब्द, वाक्य, बोली व वचन।
भाषा हिन्दी लाती जागरण,
हिन्दी का जब हो आचरण।
पहचान को बचाना है,
हिन्दी का सम्मान बढ़ाना है।
सरल व सहज है हिन्दी,
संस्कृति व समृद्धि है हिन्दी।
हिन्दी राष्ट्र गौरव की खान है,
भारतीयता का बखान है।
गर्व है हिन्दी, पर्व है हिन्दी
हम सबकी प्यारी हिन्दी,
और हमारी दुलारी हिन्दी।।
रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।
जन - जन है हर्षाया।
नारे, स्लोगन, कविता, लेख कहानी,
चित्र, पोस्टर, नाटक आज सबकी जुबानी।
क्या कुछ दिनों कि है ये रवानी?
फिर चढ़ जायेगी क्या आंग्ल बानी!
कुछ ऐसी सोच व हवा है,
हिन्दी निम्न व गँवई का भाव है।
आंग्ल भाषा का पक्ष व वाकपटुता,
और राष्ट्रभाषा प्रयोग में लघुता।
भाषा अस्तित्व का हो ना वियोग,
सर्वत्र हो जब हिन्दी का उपयोग।
अक्षर- वर्ण, वर्तनी, व्याकरण
शब्द, वाक्य, बोली व वचन।
भाषा हिन्दी लाती जागरण,
हिन्दी का जब हो आचरण।
पहचान को बचाना है,
हिन्दी का सम्मान बढ़ाना है।
सरल व सहज है हिन्दी,
संस्कृति व समृद्धि है हिन्दी।
हिन्दी राष्ट्र गौरव की खान है,
भारतीयता का बखान है।
गर्व है हिन्दी, पर्व है हिन्दी
हम सबकी प्यारी हिन्दी,
और हमारी दुलारी हिन्दी।।
रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।
सुन्दरतम्।
ReplyDelete--सतीश चन्द्र कौशिक
जबर्दस्त
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