आयो पढ़न स्कूल

भैय्या आयो पढ़न स्कूल,
करौ कबहूँ ना कोई भूल।
   बहुतै सुहावै मन का भावै,
   बाला सबेरे पढ़न को आवै।
   रोजु सबेरे लै नाम प्रभू का,
   सीखौ योगा काम शुरू का
पहली घण्टी बाजति स्कूल,
भैय्या पढ़ौ, जायो नाहीं भूल।
    बेला पढ़ाई की घण्टी बतावै,
    हिन्दी गणित सब तुम्हैं आवै।
    अँग्रेजी भाषा भी पढ़ि जावो,
    सगरा सरल है ना घबराओ।
सुन्दर सुन्दर सजाए फूल,
सजा तुम्हरा सजीला स्कूल।
     अक्षर गिनती चार्ट चिरैय्या,
     चित्रकारी दीवारन पर भैय्या।
      बहिनी भाई सब जने आवौ,
       सब ज्ञानी गुनी बनि जावौ।
शिक्षा विकास केरी है मूल,
तुम सबका है अपन स्कूल।
      घर मा बैठे का मिलि जाई,
       नागा होई तौ तोहरी पढ़ाई।
       पढ़ि लिखि जैहौ रस्ता पैहौ,
       जीवन समस्या सरल बनैहौ।
अबही खेलौ न माटी धूल,
 खेलौ लल्ला आयके स्कूल।

रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

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