राष्ट्र निर्माता

हे प्रभु!
दे हमें नव गति, नव विचार
न बनें हम लाचार
भर दे हम में नव संचार।

हे प्रभु!
तू है नभ, थल व जल में
हमें निष्ठा, धैर्य व आत्मबल दे
और हमारे कर्मों का प्रतिफल दे।

हे प्रभु!
नित करे हम नव शोध को
निज कर्मों से प्रत्युत्तर दे इस लोक को
और चहुँओर हो रहे विरोध को

हे प्रभु!
पा सकें हम अपना गरिमामय स्थान
समाज में खोया अपना आत्मसम्मान
बना सकें अपनी एक विशेष पहचान।

हे प्रभु!
धरा से दूर कर सकें हम अज्ञानता
इस कर्तव्य बोध की सिद्धि दे विधाता
स्व भान हमें हो, हम हैं राष्ट्र निर्माता।

रचयिता
शालिनी श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय दवोपुर,
विकास खण्ड-देवकली, 
जनपद-गाज़ीपुर।

Comments

Total Pageviews

1164411