हिन्दी दिवस

भारत की चेतना में रस घोलती भाषा राजभाषा हिन्दी है।
आन मान स्वाभिमान की प्रतीक विश्व में भाषा हिन्दी है।
रसखान सूर की कबीर की मीरा की भक्ति पद्य हिन्दी है।
प्रसाद पंत दिनकर निराला के शब्दों में समायी हिन्दी है।
अवधी में मानस तुलसी ने लिखी कहाती वो हिन्दी है।
ललित, सरस, सुबोध, भावनाओं की अभिव्यक्ति हिन्दी है।
समग्र राष्ट्र को एकता के पंथ पर बढ़ाती सिखाती हिन्दी है।
संस्कृति की धारा की पवित्रतम प्रवाह बहाती हिन्दी है।
मित्र विचारिए अवश्य आज क्या उचित मान पाती हिन्दी है?

रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

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