माँ का वंदन
माता माया महादेवि तुम,
मायातीता मुग्धा मधुमासा।
मधुकैटभ हंता लोकनियंता,
महिषासुर अरिदल त्रासा।।
महालक्ष्मी महाकाली दुर्गा,
मँजुभाषिणी महाकन्या।
महाभाग हे मीनलोचना माता,
मधुरद्राविणी मुग्धा धन्या।
मधुजिव्हा मधुप्रिया मधुमति,
मेघमालिनी महावीरा।
मृगाक्षी ममता मिहराभाषा,
मणिपूरक दल मनुवासी।
माहेन्द्री मेरुतनया मानववंदित,
मंत्रशक्तिमय मंत्र प्रकाशी।
मोहतमिस मानस हर्ता,
मुदिता माता आराध्या।
मानस शुचि मम वास करो,
हे!साधन शक्ति सुसाध्या।
मायातीता मुग्धा मधुमासा।
मधुकैटभ हंता लोकनियंता,
महिषासुर अरिदल त्रासा।।
महालक्ष्मी महाकाली दुर्गा,
मँजुभाषिणी महाकन्या।
महाभाग हे मीनलोचना माता,
मधुरद्राविणी मुग्धा धन्या।
मधुजिव्हा मधुप्रिया मधुमति,
मेघमालिनी महावीरा।
मृगाक्षी ममता मिहराभाषा,
मणिपूरक दल मनुवासी।
माहेन्द्री मेरुतनया मानववंदित,
मंत्रशक्तिमय मंत्र प्रकाशी।
मोहतमिस मानस हर्ता,
मुदिता माता आराध्या।
मानस शुचि मम वास करो,
हे!साधन शक्ति सुसाध्या।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
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