प्रणाम मेरे अध्यापक

प्रणाम मेरे अध्यापक, प्रणाम मेरे  उद्धारक।
अनुशासन का पाठ पढ़ाये,  मुझको मेरा शिक्षक॥

प्रणाम  मेरे अध्यापक प्रणाम मेरे उद्धारक।

नित नए आयाम लेकर, संचित ज्ञान हमें देकर।
स्वयं को जला-जलाकर, हमको सूर्य बनाता शिक्षक॥

प्रणाम मेरे अध्यापक, प्रणाम मेरे उद्धारक।

मिट्टी से सोना बनाये, लक्ष्य पाने का  मार्ग दिखाये।
गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है शिक्षक॥

प्रणाम मेरे अध्यापक, प्रणाम मेरे उद्धारक।

आदर्शों की मिशाल बनकर, नवाचार का ज्ञान देकर।
अपनी सरगम को तजकर, सुन्दर सुर सजाये शिक्षक॥

प्रणाम मेरे अध्यापक प्रणाम मेरे उद्धारक।

इंसा को बनाये इंसा, करते सब इसको प्रणाम।
परेशानियाँ भूलकर अपनी, बच्चों संग मुस्कुराये शिक्षक॥

प्रणाम मेरे अध्यापक, प्रणाम मेरे उद्धारक।

रचयिता 
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।

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