शिक्षक को शिक्षक ही रहने दो

शिक्षक को शिक्षक ही रहने दो,
कुछ ऐसा सरकार करो।
हमें पढ़ाई ही कराने दो,
बस इतना उपकार करो।।

छात्र यहाँ पर कितने मन से,
बस पढ़ने ही आता है,
पर शिक्षक की विवशता देखो,
कहाँ न्याय कर पाता है।।

अध्यापक को मत उलझाओ,
छात्रों का उद्धार करो।
हमें पढ़ाई ही कराने दो,
बस इतना उपकार करो।।

कितने सरकारी कामों को,
हम देते अंजाम हैं।
फिर भी साहब की नजरों में,
हम तो बस बदनाम हैं।।

हमसे सारे काम छुड़ाओ,
मत हमसे प्रतिकार करो।
हमें पढ़ाई ही कराने दो,
बस इतना उपकार करो।।

पोलियो, चुनाव और प्रशिक्षण,
हम इनमें ही उलझे हैं।
ये वो मुद्दे हैं जो साहब,
अब तक तो अनसुलझे हैं।।

पठन और पाठन का अब तुम,
सुंदर एक संसार रचो।
हमें पढ़ाई ही कराने दो,
बस इतना उपकार करो।।

रचयिता
प्रदीप कुमार चौहान,
प्रधानाध्यापक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल कलाई,
विकास खण्ड-धनीपुर,
जनपद-अलीगढ़।

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