प्लास्टिक उन्मूलन

सुंदर सा ये देश हमारा
है हमको प्राणों से प्यारा
नहीं प्रदूषित अपनी धरती हो
ऐसा हो कर्तव्य हमारा
कूड़ा कचरा जहाँ भी होता
बीमारी का घर बन जाता
साफ-सफाई जहाँ भी होती
स्वर्ग वहीं पर है बन जाता
प्लास्टिक की तो बात न पूछो
कभी नहीं गल पाता है
वर्षों तक धरती पर पड़े-पड़े
नुकसान सदा पहुँचा है
इस कारण से ध्यान सदा
हमको इसका रखना होगा
प्लास्टिक को ना कहना होगा
संकल्प यही लेना होगा
प्लास्टिक थैली जो प्रयोग करेगा
उसको भी समझाना होगा
सामान नही इसमें बेचेंगे
ऐसा उनसे मनवाना होगा
बाज़ार जब भी कुछ लेने जाएँ
कपड़े का थैला ले जाएँ
प्लास्टिक थैली में यदि दे तो
उससे कुछ सामान न लाएँ
इन बातों को सब जब मिलकर
हम सब जब अपनाएँगे
प्लास्टिक मुक्त करा भारत को
धरती पे स्वर्ग बनाएँगे।
                             
रचयिता
विभा पांडे,
सहायक अध्यापिका,
रा. आ. प्रा. वि. कालाढूंगी,
विकास क्षेत्र-कोटाबाग,
जिला-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।

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