बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

बेटा बेटी दोनों पढ़ाओ, दोनों आगे बढ़ेंगे...
क ख ग घ पढ़कर दोनों, रोशन नाम करेंगे...

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

बेटी कोई बोझ नहीं है, ये समझाना है अब...
बेटी है जग का आधार ये बतलाना है अब...

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

इंदिरा भी बेटी थीं और बेटी हैं किरण भी...
शिक्षित बेटी, पूरी शिक्षा, महकेगा चमन भी...

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

फौलादी हैं इरादे मेरे, मैं इतिहास गढूँगी...
बेटों से बढ़कर हैं बेटियाँ, ये मैं सबसे कहूँगी...

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

बेटी हूँ मैं नए दौर की, किताब-कलम शक्ति है...
विद्यालय है मंदिर मेरा, ज्ञान मेरी भक्ति है...

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

बेटी पढ़-लिख जाएगी तब समाज ये बदलेगा...
समाज बदलेगा तब अपना हिन्दुस्तां बदलेगा...

बेटी पढ़ाना सीखो ओ अंतर करने वालों- 2

रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मसेनी(बालक) अंग्रेजी माध्यम,
विकास खण्ड-बढ़पुर,
जनपद-फर्रुखाबाद।

Comments

  1. बहुत बढ़िया, काबिलेतारीफ हैं आप और आपकी रचना।

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