प्यारी सी कठपुतली
प्यारी सी कठपुतली
अजब गजब कठपुतली
नन्हें-मुन्नों ने मिल जुलकर
खूब बनाई कठपुतली
अजब गजब कठपुतली
टूटे पत्तों की कठपुतली
कोई पत्ते लेकर आया,
कोई कैंची लाया।
कोई चार्ट और ग्लू लाया,
कोई मार्कर लाया।
कठपुतली का हाथ किसी ने
किसी ने चेहरा रंग डाला।
और किसी ने पत्ते लेकर
कुर्ता साड़ी सिल डाला।
थोड़ा-थोड़ा कर प्रयास
कठपुत्तल सबने गढ़ डाला
मनमर्जी के वस्त्र बना
कठपुतली को पहना डाला।
अब ड्रामे के लिए सज्ज है,
कठपुतली और बच्चे।
नहीं टालते सारे बच्चे,
कठपुतली का कहना।
और बतलाते अपने घर में,
सुनते भइया बहना।
समझाती जलसंरक्षण
या फिर पर्यावरण बचाना।
कठपुतली का खेल बनाए,
बच्चों को दीवाना।
है कमाल सबके हाथों का,
हुनर बड़े हैं अच्छे।
प्यारे-प्यारे नन्हें-मुन्ने बच्चे,
नहीं हुनर में कच्चे।
रचयिता
नीलम भदौरिया,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर,
विकास खण्ड-मलवां,
जनपद-फतेहपुर।
अजब गजब कठपुतली
नन्हें-मुन्नों ने मिल जुलकर
खूब बनाई कठपुतली
अजब गजब कठपुतली
टूटे पत्तों की कठपुतली
कोई पत्ते लेकर आया,
कोई कैंची लाया।
कोई चार्ट और ग्लू लाया,
कोई मार्कर लाया।
कठपुतली का हाथ किसी ने
किसी ने चेहरा रंग डाला।
और किसी ने पत्ते लेकर
कुर्ता साड़ी सिल डाला।
थोड़ा-थोड़ा कर प्रयास
कठपुत्तल सबने गढ़ डाला
मनमर्जी के वस्त्र बना
कठपुतली को पहना डाला।
अब ड्रामे के लिए सज्ज है,
कठपुतली और बच्चे।
नहीं टालते सारे बच्चे,
कठपुतली का कहना।
और बतलाते अपने घर में,
सुनते भइया बहना।
समझाती जलसंरक्षण
या फिर पर्यावरण बचाना।
कठपुतली का खेल बनाए,
बच्चों को दीवाना।
है कमाल सबके हाथों का,
हुनर बड़े हैं अच्छे।
प्यारे-प्यारे नन्हें-मुन्ने बच्चे,
नहीं हुनर में कच्चे।
रचयिता
नीलम भदौरिया,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर,
विकास खण्ड-मलवां,
जनपद-फतेहपुर।
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