हम हैं राष्ट्र निर्माता
हम हैं राष्ट्र निर्माता,
हमको राष्ट्र प्रगति से प्यार।
शिक्षा देना धर्म हमारा,
हमको बच्चों से प्यार।
हम बच्चों को संस्कार देते,
नन्हें विचारों को दे आकार।
हमने ही शिक्षा की अलख जगाई,
कोमल मन हुआ विस्तार।
समर्थ रामदास, चाणक्य हम वंशज,
राष्ट्र जगत के रचनाकार।
अपने कर्म से हमने तराशा,
शिवाजी, चन्द्रगुप्त से सूत्रधार।
रचयिता
रामकिशोर प्रजापति,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय विरहटा,
विकास खण्ड-चिरगाँव,
जनपद -झाँसी (उ.प्र.)
9453662488
हमको राष्ट्र प्रगति से प्यार।
शिक्षा देना धर्म हमारा,
हमको बच्चों से प्यार।
हम बच्चों को संस्कार देते,
नन्हें विचारों को दे आकार।
हमने ही शिक्षा की अलख जगाई,
कोमल मन हुआ विस्तार।
समर्थ रामदास, चाणक्य हम वंशज,
राष्ट्र जगत के रचनाकार।
अपने कर्म से हमने तराशा,
शिवाजी, चन्द्रगुप्त से सूत्रधार।
रचयिता
रामकिशोर प्रजापति,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय विरहटा,
विकास खण्ड-चिरगाँव,
जनपद -झाँसी (उ.प्र.)
9453662488
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