शक्ति ही सर्वोपरि

शक्ति ही सर्वोपरि                         
बिन शक्ति जान भी  बेजान
जान में भी शक्ति से ही जान
शक्ति ही है जान की  चालक
शक्ति ही है बेजान की चालक
होता कार्य शक्ति से ही
शक्ति ही सर्वोपरि।
दुनिया भी चले शक्ति से ही
पर है वो  सत्य की शक्ति
सत्य की स्थापना के लिए ही
पदार्पण करती हैं आदिशक्ति
शक्ति ही सर्वोपरि।
हैं शक्ति के रूप अनेक
कभी दुर्गा तो कभी काली
बच्चों की रक्षा के खातिर
धरती रूप अनेक
शक्ति ही सर्वोपरि।
युगों- युगों से पूजनीय है आदिशक्ति
है अनादि वो, अनन्त है वो
ब्रहमांड की रक्षा कवच है वो
शक्ति ही सर्वोपरि।
दूर करो दुरगुणों को माँ
हो धरती पर खुशहाली माँ
हो शुद्ध वायुमंडल माँ
हो साथ आपका माँ
आदिशक्ति माँ आपको नमन
अनन्त नमन, अनन्त नमन
शक्ति ही सर्वोपरि।।

रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।

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