३६२~ प्रतिभा गुप्ता सहायक अध्यापिका पू०मा०वि० खेमकरनपुर विजयीपुर, फ़तेहपुर

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- फ़तेहपुर की कर्मठ, लगनशील एवं सकारात्मक सोच वाली अनमोल रत्न शिक्षिका बहन श्रीमती #प्रतिभा_गुप्ता जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व सतत प्रयासों के बलबूते अपने विद्यालय को जनपद के अच्छे विद्यालयों की श्रेणी में ला खडा किया और इसकी वजह से आज विद्यालय क्षेत्र के अभिभावकों की पहली पसन्द बना हुआ है। आपने अपने कार्यों से समाज में *शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान* में वृद्धि करने का भरसक प्रयास किया है। और इस उद्देश्य में सफ़ल भी रही हैं।

💁🏻‍♂ आइये देखते हैं आपके द्वारा किये गए विभिन्न अनुकरणीय प्रयासों को:-

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आती हैं और टकराकर लौट जाती हैं,
सागर की लहरें बार- बार यही दोहराती हैं।
काट देती हैं अन्त में मज़बूत चट्टानों को,
कोशिश रंग लाती है लहरें यह हमें बताती हैं।

नाम - प्रतिभा गुप्ता
पद - स०अ० (विज्ञान)
प्रथम नियुक्ति - 22/09/2015
विद्यालय - उच्च प्राथमिक विद्यालय खेमकरनपुर, शि.क्षे.- विजयीपुर, फतेहपुर

👉🏻 विद्यालय की समस्याएं / समाधान:-
22 सितम्बर- 2015 को जब मैं पहली बार विद्यालय पहुंची और ज्वॉइन किया तो देखा वहाँ के बच्चे मुझे देखकर बहुत उत्साहित और खुश दिखाई दिए। कारण यह था कि जब (2008-09) से विद्यालय का निर्माण हुआ कोई भी महिला शिक्षक यहां नहीं रहीं। कारण साफ था उनको इस नयी शिक्षिका से ढेरों अपेक्षाएं रही होंगी। छात्र संख्या 46 थी। विद्यालय स्टाफ से कारण जानने पर पता चला गांव की आबादी कम होने के कारण नामांकन बढ़ाना बहुत मुश्किल था। इन 46 बच्चों में पड़ोसी गांव के बच्चे भी सम्मिलित थे।


अतः नामांकन वृद्धि के स्थान पर *शैक्षिक गुणवत्ता* बढ़ाने पर जोर दिया। बच्चों की स्थिति और उपस्थिति देखकर निराशा हुई। चूंकि बेसिक शिक्षा में आने से पूर्व मैंने कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षण कार्य किया था इसीलिए मन में एक सपना था कि सीमित संसाधन में भी इन बच्चों को कॉन्वेंट जैसी शिक्षा दे सकूँ। विद्यालय जाने पर पता चला कि बच्चे और अभिवावक शिक्षा के प्रति उदासीन हैं। उनको लगता है कि शिक्षा से कुछ हासिल नहीं होने वाला। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मन में एक सपना होना आवश्यक है अतः सर्वप्रथम छात्र - छात्राओं को शिक्षा को लेकर सपने दिखाने शुरू किया एवं कला, क्राफ्ट तथा संगीत का सहारा लेकर रुचिकर तरीके से शिक्षण कार्य शुरू किया। बालिकाएं घरेलू कामों में हाथ बंटाने के कारण अक्सर अनुपस्थित रहती थी। बच्चे की प्रथम गुरु मां होती है अतः बच्चों के *महिला अभिवावकों की मीटिंग* बुलाकर उनको शिक्षा के प्रति जागरूक किया। घरेलू कार्यों के साथ पढ़ाई के लिए भी समय देने के लिए प्रेरित किया एवं प्रतिदिन विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया। घर - घर जाकर उनकी अनुपस्थिति का कारण जानने की कोशिश की जिससे उनकी उपस्थिति में सुधार हुआ| इस सत्र में कुल नामांकन 66 है और *उपस्थिति लगभग 80%* रहती है| मैंने चित्रकला को शिक्षण का माध्यम बनाया। जिससे धीरे - धीरे बच्चों के मन से कला को लेकर व्याप्त डर दूर हो गया। *सांस्कृतिक कार्यक्रमों* के द्वारा सर्वांगीण विकास करने का प्रयास किया। कुछ बच्चे अच्छी चित्रकला बनाते हैं। आकस्मिक अवकाश में विद्यालय न जाने पर बच्चे फोन करके पूछते हैं कि मैम आज विद्यालय क्यों नहीं आयीं? यहां तक कि जो बच्चियां यहाँ पहले पढ़ चुकी हैं वह भी विद्यालय की एक्टिविटी देखकर कहती हैं मैम आप पहले इस विद्यालय में क्यों नहीं आयीं? पुरातन छात्र - छात्राएं विद्यालय से जाने के बाद भी मिलने आते हैं। *बच्चों का यही प्यार एवं सम्मान ही मेरी पूंजी है।*

👉🏻 प्रयास एवम् गतिविधियां:-

▪सर्वप्रथम समय से विद्यालय पहुंचकर बच्चों को भी समय से विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया|
▪प्रत्येक कक्षा के लिए अलग - अलग कक्षावार एवं दिवसवार प्रार्थना एवम् समूहगान।
▪प्रार्थना, समूहगान, राष्ट्रगान के उपरांत नैतिक शिक्षा,स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं सामान्य ज्ञान की जानकारी देना।
▪ड्रम द्वारा पी टी का अभ्यास करवाना।
▪आसान एवं रुचिकर विधियों द्वारा शिक्षण कार्य, प्रयोग आधारित विज्ञान शिक्षण, विभिन्न अवसरों पर पोस्टर निर्माण।
▪विषय से संबंधित प्रकरणों को मोबाइल द्वारा वीडियो से शिक्षण।
▪एमडीएम में भोजनमंत्र के पश्चात भोजन करने का संस्कार।
▪पढ़ाई के साथ - साथ खेलकूद को भी पर्याप्त स्थान देना।
▪प्रत्येक शनिवार कला - क्राफ्ट एवम् वेस्ट मैटेरियल मैनेजमेंट से सम्बन्धित गतिविधि करना।
▪विभिन्न ब्लॉक एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कराने से बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि हुई।
▪शिक्षण अधिगम को सुगम बनाने के लिए टीएलएम का निर्माण करना।
▪सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया जिससे बच्चों में छिपी विशेष प्रतिभा बाहर निकल कर आयीं।
▪राष्ट्रीय पर्वों एवं अन्य विशेष दिवसों को धूमधाम से मनाया जाता है |
▪विज्ञान, चित्रकला, पोस्टर, अंत्याक्षरी प्रतियोगिता आदि अवसरों पर प्रतिभाग एवं स्थान प्राप्त किया।
▪अभिवावकों से संपर्क कर उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करना एवं बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करना।





▪ मीना मंच के क्रियान्वयन द्वारा बालिकाओं को स्वास्थ्य एवम् स्वच्छता की विशेष शिक्षा दी जाती है एवं अंधविश्वास को दूर किया जाता है।
▪रंगोली, मेहंदी, राखी मेकिंग आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
▪प्रशंसनीय कार्यों के लिए बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है।
▪26 जनवरी- 2018 को विद्यालय में वृहद स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी काफी प्रशंसा हुयी।
▪8वीं के बच्चों के लिए विदाई कार्यक्रम का आयोजन करना।





👉🏻 सामुदायिक सहभागिता:-
विद्यालय में हैंडपंप का अभाव था, गांव में दूर से पानी लाना पड़ता था। किसके कारण पेयजल, एमडीएम संचालन एवं विद्यालयी सौंदर्यीकरण में असुविधा होती थी। 2017 में मा.विधायक जी के द्वारा हैंडपंप की व्यवस्था की गयी जिससे बच्चों एवं स्टाफ की मदद से पेड़ - पौधे लगाकर विद्यालय का सौंदर्यीकरण किया गया और किया जा रहा है।

👉🏻उपलब्धियां:-

🔹विद्यालय की छात्रा ने निबंध प्रतियोगिता में ब्लॉक में प्रथम तथा जिले में बालिका वर्ग में प्रथम स्थान* प्राप्त किया।
🔹छात्रों ने ब्लॉक स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
🔹विद्यालय की छात्रा ने ब्लॉक स्तरीय पोस्टर प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
🔹विद्यालय की छात्रा ने ब्लॉक स्तरीय निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
🔹विद्यालय की छात्राओं ने ब्लॉक स्तरीय अंत्याक्षरी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
🔹वर्ष 2017-18 में जिला खेलकूद प्रतियोगिता में सक्रिय भागीदारी के लिए ब्लॉक स्तर पर व्यायाम शिक्षिका के रूप में सम्मानित किया गया।
🔹वर्ष 2018-19 में पुनः जिला खेलकूद प्रतियोगिता में ब्लॉक विजयीपुर को प्रथम स्थान दिलाने में सक्रिय योगदान के लिए बीआरसी विजयीपुर में सम्मानित किया गया।
🔹वर्ष 2018 में खंड शिक्षा अधिकारी महोदय विजयीपुर द्वारा आदर्श शिक्षिका के रूप में सम्मानित किया गया।
🔹वर्ष- 2019 में विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में सक्रिय योगदान के लिए जिलाधिकारी महोदय फतेहपुर द्वारा सम्मानित किया गया।
🔹 महिला सशक्तिकरण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग ब्लॉक विजयीपुर की ओर से नेतृत्व किया।

जब हौसला बना लिया,
ऊँची उड़ान का।
फिर देखना फ़िज़ूल है,
कद आसमान का।।


🙏🏻साभार
श्रीमती प्रतिभा गुप्ता
सहायक अध्यापिका
पू०मा०वि० खेमकरनपुर
विजयीपुर, फ़तेहपुर।


✏संकलन: बबलू सोनी
📝टीम मिशन शिक्षण संवाद

*नोट-* मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने वाले एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का *अनमोल रत्न* में विवरण भेजते तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
📝टीम मिशन शिक्षण संवाद
03-09-2019

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