समर्पण

तन अर्पित, मन अर्पित
मेरे देश के नौनिहालों
तुझमें मेरा जीवन समर्पित,

ज्ञान-विज्ञान भरूँ तुझमें
विनय-निवेदन भरूँ तुझमें
तुझमें ही आदर्श समर्पित,

विनम्रता से अग्रसर करुँ
निष्पक्षता का पाठ पढ़ाऊँ
तुझमें मेरा चरित्र समर्पित,

सुखद तेरा जीवन बने
जग में तेरा पद-समान बढ़े
यह इच्छा तुझमें ही समर्पित।
                       
रचयिता
चैतन्य कुमार,
सहायक शिक्षक,
मध्य विद्यालय तीरा,
ग्राम+पत्रालय:- तीरा खारदह,
प्रखण्ड:- सिकटी,
भाया:- कुर्साकाँटा,
जिला:- अररिया,
राज्य:- बिहार।

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