आह्वान

इस पावन उत्सव पर, हम क्यों न कसम उठाएँ।
हर माँ के दीपक को, ज्ञान से हम नहलाएँ।।

एस०एम०सी सदस्यों का, विद्यालय से जुड़ाव जरूरी।
बच्चों की ठहराव समस्या, जब होगी पूरी।।
दिन भर बिठाल बच्चों को, गुरुजन आत्मसात कराएँ।
इस पावन उत्सव पर, हम क्यों ---------------- 1

बच्चा, अभिभावक, शिक्षक मेल, समबाहु त्रिभुज कहलाए।
किसी एक का हो जोश अगर कम, गुणवत्ता फिर न आए।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश दायित्व निर्वहन कर; सृष्टि चला पाए।।
इस पावन उत्सव पर, हम क्यों ------------2

कुरान, बाइबिल और गीता का है संकल्प महान।
वेदों की ऋचाओं में है, इन सबका आह्वान।।
गीतासार "कर्म प्रधान", हम बच्चों को समझाएँ।
इस पावन उत्सव पर, हम क्यों ------------3

तब नन्हें-मुन्ने बच्चे, बनें राष्ट्र का गौरव।
दुनिया में बिखेरें अपना, नव उत्थान का सौरभ।।
ये गुरू की अखण्ड पताका, चहुँओर फहराएँ।
इस पावन उत्सव पर, हम क्यों न कसम उठाएँ।
हर माँ के दीपक को, ज्ञान से हम नहलाएँ।।

रचयिता
नरेन्द्र सैंगर,
सह समन्वयक,
विकास खण्ड-धनीपुर,
जनपद-अलीगढ़।

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