३७६~ ऋचा सिंह प्रभारी प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय सिहुलिया, सुकरौली, कुशीनगर

            🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कुशीनगर से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन ऋचा सिंह जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से तमाम विषम और विपरीत परिस्थितियों के बीच भी गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर जी मंत्र वाक्य "एकला चलो रे" को प्रमाणित करते हुए 60 छात्र संख्या वाले विद्यालय को 190 छात्रों की बाल बगिया बना कर तैयार कर दी। जो हम सबके लिए एवं समाज के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयास हैं।।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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ऋचा सिंह प्रभारी प्रधानाध्यापिका
प्राथमिक विद्यालय सिहुलिया, सुकरौली, कुशीनगर
अध्यापक - 2
छात्र संख्या -190

2016-17 नामांकन 60
2017-18 " 93
2018-19 " 145
2019-20 " 190

नामांकन के सापेक्ष उपस्थिती प्रशंसा का कारण रहती है।

ऋचा सिंह वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति - 02-02-2016 (नियुक्ति के एक माह पूर्व ही विद्यालय खुला था, शिक्षक के अभाव में बन्द विद्यालय)

प्राथमिक विद्यालय सिहुलिया एक अति पिछड़े हुए क्षेत्र में स्थित है जहाँ यातायात के कोई साधन नहीं है।






एक लाइन सुनी थी "ना हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम, सफलता तुम्हारे कदम चूम लेगी... और इसी को उद्देश्य बना कर कार्य करना प्रारम्भ कियाl
नियुक्ति के एक माह पूर्व ही विद्यालय खुलने के कारण अध्यापन से पूर्व नामंकन की दोहरी चुनौती थी, किन्तु मैंने एक दो छात्रों को ही पूरे मनोयोग से आकर्षक TLM और गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाना प्रांरभ कर दिया और धीरे- धीरे नामांकन बढ़ने लगा l प्रारम्भ में विद्यालय में बहुत संघर्षो का सामना करना पड़ा, किन्तु वह संघर्ष मेरा व्यक्तिगत ना होकर छात्रों के लिए था जिस कारण से इसको अपना कर्तव्य समझ कर कभी मैं पीछे नहीं हटी और आत्मविश्वास के साथ अकेले कदम बढ़ा दिए जिसमें विद्यालय के छात्र मेरे सबसे अच्छे सहयोगी रहे और आज उसके सुखद परिणाम मिल रहेl नियुक्ति के समय कोई विद्यालय के विषय में जानता ही नहीं था क्योंकि इसकी कोई अकादमिक या विशेष पहचान नहीं थी किन्तु आज मेरे विद्यालय के नवाचार और गतिविधियों की वज़ह से अपने जिले और बाहर के दूसरे अन्य जिलों के अध्यापक और अन्य लोग विद्यालय को जानने लगे और सम्मान देने लगे हैं जिसका मुझे गर्व हैl





















एक शिक्षक के रूप में जो भी सफलता मिली वह नित नये प्रयोग और बेसिक के आदेशों का पूरी तरह पालन करने से मिली। विद्यालय प्रारम्भ होते ही नये गतिविधियों से मैं अपने छात्रों की विद्यालय और विषय के प्रति रोचकता बढ़ाने के लिए प्रयास प्रांरभ कर देती हूँ जिस कारण से बच्चे प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर मेरे विद्यालय में नामांकन लेते है, PTM में, अभिभावक द्वारा यह जानकर खुशी होती है की अभिभावक मेरे कार्यों से संतुष्ट हैं, अभिभावकों और गाँव के सभी बड़े बुजुर्गो का विद्यालय से पूर्ण संवाद हैl
विद्यालय में गणित, अंग्रेजी शिक्षण के साथ प्रार्थना स्थल से लेकर सारी गतिविधियों को अकेले कराती हूँ। जिसमें बाल सांसद के छात्र सहयोगी रहते हैंl
छात्रों में हो रहे उत्तरोत्तर विकास को देख कर बहुत खुशी होती हैं की अब वह खेल, चित्रकला, शिक्षा हर क्षेत्र में आगे निकल रहेl
विद्यालय 2019-20 सत्र में अंग्रेजी माध्यम के लिए चयनित हुआ हैl
मैं महिला जागरूकता, बालिका शिक्षा और सुरक्षा पर भी कार्य कर रही क्योंकि किसी समाज की महिला के सशक्त और जागरूक हुए बिना उस क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता, प्राथमिक शिक्षा में बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए माताओं का जागरूक होना अति आवश्यक है, बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिले इसके लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है, जिसके लिए प्रयासरत हूँ l
सादर:-
ऋचा सिंह
प्रभारी प्रधानाध्यापिका

संकलन एवं सहयोग
मंजू सिंह
मिशन शिक्षण संवाद कुशीनगर

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
30-10-2019

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