ऐसा नेता हुआ न होगा
ऐसा नेता हुआ न होगा।
जिसका देश दीवाना होगा।।
१) गुजरात में जन्म लेकर के
बाम्बे में अमरता पाई थी।
३१ अक्टूबर नाडियाद मे
१८७५ विशेष बनाई थी।।
२) झावेरभाई और लाड़वाई तो
धन्य-धन्य से हो गये थे।
बनकर माता-पिता वहीं वे
महानता के बीज बो गए थे।।
३) बाल विवाह की प्रथा चली तो
झावरेवा से विवाह हुआ।
सुन्दर-सुन्दर पुष्प हुए दो
मणिबेन दहयाभाई का जन्म हुआ।।
४) शुरुआती शिक्षा तो जैसे
विद्यालय में पूर्ण हुई।
पैसा भरपूर नहीं मिला जब
घर पर तैयारी खूब हुई।।
५) सेल्फ स्टडी कुछ ऐसी कर ली
डीएम की शिक्षा पास कर ली।
लॉ की डिग्री इंग्लैंड में पाये
३० महीने में कॉलेज टॉप कर आये।।
६) निरन्तर संघर्ष उन्होंने झेला
अत्याचार के विरुद्ध मोर्चा खोला।
जब पटेल ने बंदूक तानी
अंग्रेजों ने भी बात मानी।।
७) स्वदेशी के प्रबल समर्थक
बारदोली के प्रमुख नींवधर।
सरदार कहकर सब उन्हें बुलाये
थोड़े समय में प्रथम गृहमंत्री कहलाये।।
८) इस आकर्षक व्यक्तित्व के अंदर
सुन्दर कुछ बात निराली थी।
सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर
एकता दिवस के रूप मे मना ली थी।।
९) १८२ मी० की जो ऊँची
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनी।
ऐसे सरदार पटेल को पाकर
वाकई देश हो गया धनी।।
१०) धन्य-धन्य है देश जो
ऐसे वीर यहाँ पर हैं आये।
ऐसे महान नायाब हीरे को
हम सादर झुककर शीश नवायें।।
रचयिता
आयुषी अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट विद्यालय शेखूपुर खास,
विकास खण्ड-कुन्दरकी,
जनपद-मुरादाबाद।
जिसका देश दीवाना होगा।।
१) गुजरात में जन्म लेकर के
बाम्बे में अमरता पाई थी।
३१ अक्टूबर नाडियाद मे
१८७५ विशेष बनाई थी।।
२) झावेरभाई और लाड़वाई तो
धन्य-धन्य से हो गये थे।
बनकर माता-पिता वहीं वे
महानता के बीज बो गए थे।।
३) बाल विवाह की प्रथा चली तो
झावरेवा से विवाह हुआ।
सुन्दर-सुन्दर पुष्प हुए दो
मणिबेन दहयाभाई का जन्म हुआ।।
४) शुरुआती शिक्षा तो जैसे
विद्यालय में पूर्ण हुई।
पैसा भरपूर नहीं मिला जब
घर पर तैयारी खूब हुई।।
५) सेल्फ स्टडी कुछ ऐसी कर ली
डीएम की शिक्षा पास कर ली।
लॉ की डिग्री इंग्लैंड में पाये
३० महीने में कॉलेज टॉप कर आये।।
६) निरन्तर संघर्ष उन्होंने झेला
अत्याचार के विरुद्ध मोर्चा खोला।
जब पटेल ने बंदूक तानी
अंग्रेजों ने भी बात मानी।।
७) स्वदेशी के प्रबल समर्थक
बारदोली के प्रमुख नींवधर।
सरदार कहकर सब उन्हें बुलाये
थोड़े समय में प्रथम गृहमंत्री कहलाये।।
८) इस आकर्षक व्यक्तित्व के अंदर
सुन्दर कुछ बात निराली थी।
सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर
एकता दिवस के रूप मे मना ली थी।।
९) १८२ मी० की जो ऊँची
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनी।
ऐसे सरदार पटेल को पाकर
वाकई देश हो गया धनी।।
१०) धन्य-धन्य है देश जो
ऐसे वीर यहाँ पर हैं आये।
ऐसे महान नायाब हीरे को
हम सादर झुककर शीश नवायें।।
रचयिता
आयुषी अग्रवाल,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट विद्यालय शेखूपुर खास,
विकास खण्ड-कुन्दरकी,
जनपद-मुरादाबाद।
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