हैप्पी दीपावली
इस बार दीपावली पर्व
इस तरह से मनाना तुम।
खूब प्रेम बढ़ा आपस में,
मजबूत राष्ट्र बनाना तुम।
बहिष्कार करो तुम चीन का,
उसके लैंप न तुम खरीदना।
दुश्मन देश की अर्थव्यवस्था,
अपने धन से न जिलाना तुम।
इस बार स्वदेशी भावना से,
दीपावली हमको मनानी है।
अपने सैनिकों की कुर्बानी,
हरगिज़ भूल न जाना तुम।
भारत माँ के तुम बेटे हो,
थोड़ा कर्ज चुकाना होगा।
जो जो दुश्मन हैं भारत के,
उन्हें सबक सिखाना तुम।
अपने भारत के हित मे ही,
हमें हर कदम उठाना होगा।
ली है शपथ जो हम सब ने
कहीं उसे भूल न जाना तुम।
भारत को अगर फिर से,
स्वर्ण चिड़िया बनाना है।
देश की अर्थव्यवस्था को,
हर तरह ऊँचा उठाना तुम।
आशा बहुत है मुझे तुमसे,
तिरंगे का मान बढ़ाओगे।
बिना चीनी सामान खरीदे,
यह दीपावली मनाना तुम।
यह शपथ शिक्षकों की है,
तुम इसको भुल न जाना।
जब भी देश पर संकट आये,
तो चाणक्य बन जाना तुम।
जय हिन्द
रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।
विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।
इस तरह से मनाना तुम।
खूब प्रेम बढ़ा आपस में,
मजबूत राष्ट्र बनाना तुम।
बहिष्कार करो तुम चीन का,
उसके लैंप न तुम खरीदना।
दुश्मन देश की अर्थव्यवस्था,
अपने धन से न जिलाना तुम।
इस बार स्वदेशी भावना से,
दीपावली हमको मनानी है।
अपने सैनिकों की कुर्बानी,
हरगिज़ भूल न जाना तुम।
भारत माँ के तुम बेटे हो,
थोड़ा कर्ज चुकाना होगा।
जो जो दुश्मन हैं भारत के,
उन्हें सबक सिखाना तुम।
अपने भारत के हित मे ही,
हमें हर कदम उठाना होगा।
ली है शपथ जो हम सब ने
कहीं उसे भूल न जाना तुम।
भारत को अगर फिर से,
स्वर्ण चिड़िया बनाना है।
देश की अर्थव्यवस्था को,
हर तरह ऊँचा उठाना तुम।
आशा बहुत है मुझे तुमसे,
तिरंगे का मान बढ़ाओगे।
बिना चीनी सामान खरीदे,
यह दीपावली मनाना तुम।
यह शपथ शिक्षकों की है,
तुम इसको भुल न जाना।
जब भी देश पर संकट आये,
तो चाणक्य बन जाना तुम।
जय हिन्द
रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।
विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।
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