वीर सरदार वल्लभ भाई पटेल
आओ वीर महान हस्ती से मिलें,
जिन्हें प्यार से लौहपुरुष भी कहें।
जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ,
गुजरात के करमसद गाँव में हुआ।।
बचपन से ही विलक्षण गुणों से भरे,
पढ़ाई में सदा अव्वल ही रहे।
वकालत विदेश में जाकर किए,
वापस आ फिर प्रसिद्ध हुए।
गांधी जी के सम्पर्क में आए,
जीवन के मायने बदल गए।
देश की खातिर वकालत छोड़ दिये,
तन मन धन से देश सेवा में जुट गए।।
गैरकानूनी बेगार प्रथा बन्द कराई,
सत्याग्रह में भी जीत दिलाई।
देश की खातिर जेल भी गए,
अंग्रेजों की गुलामी सह न पाए।।
देशी रियासतों का एकीकरण किया,
600 रियासतों को भारत का अंग बना दिया।
देश के मानचित्र को नवीन स्वरूप प्रदान किया,
तभी लौहपुरुष कह सम्मान दिया।।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
जिन्हें प्यार से लौहपुरुष भी कहें।
जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ,
गुजरात के करमसद गाँव में हुआ।।
बचपन से ही विलक्षण गुणों से भरे,
पढ़ाई में सदा अव्वल ही रहे।
वकालत विदेश में जाकर किए,
वापस आ फिर प्रसिद्ध हुए।
गांधी जी के सम्पर्क में आए,
जीवन के मायने बदल गए।
देश की खातिर वकालत छोड़ दिये,
तन मन धन से देश सेवा में जुट गए।।
गैरकानूनी बेगार प्रथा बन्द कराई,
सत्याग्रह में भी जीत दिलाई।
देश की खातिर जेल भी गए,
अंग्रेजों की गुलामी सह न पाए।।
देशी रियासतों का एकीकरण किया,
600 रियासतों को भारत का अंग बना दिया।
देश के मानचित्र को नवीन स्वरूप प्रदान किया,
तभी लौहपुरुष कह सम्मान दिया।।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
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