३७५~ महावीर प्रसाद प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर रामदयाल, क्यारा, बरेली
🏅अनमोल रत्न🏅
💁🏻♂ मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बरेली से अनमोल रत्न शिक्षक महावीर प्रसाद जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2467071460237103/
👉1. शिक्षक का परिचय:-
महावीर प्रसाद प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर रामदयाल विकास क्षेत्र क्यारा जनपद बरेली
नियुक्ति तिथि- 6- 3-1997
पदोन्नति तिथि- 21-12- 2009
विद्यालय में आने की तिथि 15-12 -2013
👉2. विद्यालय की समस्याएं:-
जब मैंने प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर रामदयाल में प्रधानाध्यापक के पद पर ज्वॉइन किया तो विद्यालय में कुल नामांकित छात्र संख्या 160 थी जिसमें से 50 से 60 बच्चे ही स्कूल आते थे। इसका मुख्य कारण अभिभावकों द्वारा बच्चों को खेती कार्य एवं गृह कार्य में लगाए रहना था बच्चे समय से भी विद्यालय नहीं आते थे। विद्यालय के प्रांगण में गहरे गहरे गड्ढे थे जब मैं आया तो इस विद्यालय के तीन कमरों में हमेशा ताला पड़ा दिखाई दिया जिनको शायद कभी नहीं खोला गया बच्चों की संख्या कम आने का एक मुख्य कारण यह भी था गांव के पास में ही एक प्राइवेट विद्यालय चलता था।
👉3. समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास:-
गाँव में सबसे पहले बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क किया। उनकी सोच थी कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। शुरू -शुरू में लगातार बच्चों को घर से बुलाकर विद्यालय लाना पड़ता था। फिर मैंने विद्यालय में प्रार्थना स्थल पर नित नए नवाचार नए-नए क्रियाकलाप कराने शुरू किए इसको गांव वाले आते-जाते देखते थे फिर धीरे-धीरे वह अपने बच्चों को विद्यालय भेजने लगे और मेरे विद्यालय में 160 में से प्रतिदिन 140 से 150 के बीच में उपस्थिति रहने लगी। जब छात्र संख्या बढ़ने लगी तब मैंने जो कमरे बंद पड़े थे उनको भी खुलवाया और कमरों को बच्चों के लिए शिक्षण हेतु सुसज्जित किया।
👉4. विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियां:- सर्वप्रथम मेरे द्वारा विद्यालय में स्वच्छता पर ध्यान दिया गया। जिसके अंतर्गत मैंने विद्यालय की चारदीवारी पर कटीले तार लगवाए। उसके बाद विद्यालय के अंदर विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए। आज इनकी संख्या लगभग 100 है। जो कभी केवल एक हुआ करता था क्योंकि शिक्षण कार्य तभी अच्छी प्रकार किया जा सकता है जब हमारा वातावरण स्वच्छ व सुंदर हो विद्यालय में प्रार्थना स्थल पर विभिन्न प्रकार की क्रियाकलाप जैसे पीटी कराना, प्रतिदिन बदल-बदल कर प्रार्थना कराना, बच्चों के द्वारा एक रोचक घटना पूछना, उनको प्रेरक *कहानियों* को सुनाकर तथा दिखाकर शिक्षण कार्य करना प्रारम्भ किया। बच्चों को विभिन्न प्रकार की शिक्षण गतिविधियां कराना, समय-समय पर खेल खिलाना, टी एल एम के माध्यम से शिक्षण को रोचक बनाना, राष्ट्रीय पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन करना, धार्मिक त्योहारों पर विद्यालय में उसको मनाना, बच्चों के द्वारा क्राफ्ट आदि का कार्य कराना, पपेट शो के माध्यम से कहानियां सुनाना आदि शिक्षण गतिविधियों का प्रयोग किया गया।
👉5. विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियाँ:-
बच्चों को विद्यालय में विभिन्न प्रकार के खेलों के बारे में जानकारी दी गयी। विभिन्न प्रकार के खेल भी विद्यालय में खिलाये जाते है। विद्यालय के बच्चों ने ब्लॉक स्तर से जनपद स्तर तक की खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया जिसमें बच्चों ने खो-खो में जनपद स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया राष्ट्रीय पर्व पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम करके आम समुदाय को भी जाग्रत किया। जिसका सिलसिला अभी तक जारी है। निरंतर प्रयास से आज विद्यालय की छात्र संख्या 224 जो प्राइवेट विद्यालय मेरी आज चल रहा था। वह लगभग बंद हो चुका है। इस वर्ष मेरे गांव के किसी बच्चे ने प्राइवेट विद्यालय में प्रवेश नहीं लिया है। अपने शिक्षण के कार्यों के लिए मुझे अनेकों बार उच्च अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष- 2014 में मुझे जनपद स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में भी पुरस्कृत किया जा चुका है।
👉6. शिक्षक और विद्यालय परिवार की उपलब्धियां:- वर्ष- 2017 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली श्रीमती चंदना राम इकबाल यादव जी द्वारा मेरे विद्यालय को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
मेरे विद्यालय में स्काउट गाइड की विभिन्न गतिविधियां कराई जाती हैं जिनको कराने में शिक्षकों का बहुत बड़ा सहयोग है शिक्षक की सबसे बड़ी पूँजी उसका सम्मान और बच्चों का प्यार है* और वह मेरे पास असीमित है। आज गांव वालों का मेरे विद्यालय को स्वच्छ सुंदर और सुरक्षा करने में बहुत बड़ा योगदान है।
👉7. मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिए आपका संदेश :-
मिशन शिक्षण संवाद मेरे लिए एक ऐसा मंच है जहाँ मुझे सीखने के लिए बहुत कुछ मिलता है। उस ज्ञान रूपी प्रकाश से मैं स्वंय के जीवन में तथा बच्चों के जीवन को रोशन करता रहूंगा मिशन शिक्षण संवाद काम आजीवन आभारी रहूंगा जिन्होंने मुझे नित्य नए-नए नवाचार करने का अवसर दिया।
👉8. शिक्षक समाज के लिए आपका सुझाव व संदेश:- मेरा सभी शिक्षकों के लिए सुझाव है की नित्य नए नवाचार करते रहें और बच्चों के जीवन में उजाला फैलाएं क्योंकि आज के बच्चे कल बड़े होंगे तो वह हमारे द्वारा दी गई शिक्षा को पूरे समाज में प्रदर्शित करेंगे और हमारा मान बढ़ायेंगे।
_✏संकलन एवं सहयोग:_
*रुपेन्द्र सिंह जी*(संयोजक)
*मिशन शिक्षण संवाद*
*नोट:* मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
29-10-2019
💁🏻♂ मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बरेली से अनमोल रत्न शिक्षक महावीर प्रसाद जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2467071460237103/
👉1. शिक्षक का परिचय:-
महावीर प्रसाद प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर रामदयाल विकास क्षेत्र क्यारा जनपद बरेली
नियुक्ति तिथि- 6- 3-1997
पदोन्नति तिथि- 21-12- 2009
विद्यालय में आने की तिथि 15-12 -2013
👉2. विद्यालय की समस्याएं:-
जब मैंने प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर रामदयाल में प्रधानाध्यापक के पद पर ज्वॉइन किया तो विद्यालय में कुल नामांकित छात्र संख्या 160 थी जिसमें से 50 से 60 बच्चे ही स्कूल आते थे। इसका मुख्य कारण अभिभावकों द्वारा बच्चों को खेती कार्य एवं गृह कार्य में लगाए रहना था बच्चे समय से भी विद्यालय नहीं आते थे। विद्यालय के प्रांगण में गहरे गहरे गड्ढे थे जब मैं आया तो इस विद्यालय के तीन कमरों में हमेशा ताला पड़ा दिखाई दिया जिनको शायद कभी नहीं खोला गया बच्चों की संख्या कम आने का एक मुख्य कारण यह भी था गांव के पास में ही एक प्राइवेट विद्यालय चलता था।
👉3. समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास:-
गाँव में सबसे पहले बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क किया। उनकी सोच थी कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। शुरू -शुरू में लगातार बच्चों को घर से बुलाकर विद्यालय लाना पड़ता था। फिर मैंने विद्यालय में प्रार्थना स्थल पर नित नए नवाचार नए-नए क्रियाकलाप कराने शुरू किए इसको गांव वाले आते-जाते देखते थे फिर धीरे-धीरे वह अपने बच्चों को विद्यालय भेजने लगे और मेरे विद्यालय में 160 में से प्रतिदिन 140 से 150 के बीच में उपस्थिति रहने लगी। जब छात्र संख्या बढ़ने लगी तब मैंने जो कमरे बंद पड़े थे उनको भी खुलवाया और कमरों को बच्चों के लिए शिक्षण हेतु सुसज्जित किया।
👉4. विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियां:- सर्वप्रथम मेरे द्वारा विद्यालय में स्वच्छता पर ध्यान दिया गया। जिसके अंतर्गत मैंने विद्यालय की चारदीवारी पर कटीले तार लगवाए। उसके बाद विद्यालय के अंदर विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए। आज इनकी संख्या लगभग 100 है। जो कभी केवल एक हुआ करता था क्योंकि शिक्षण कार्य तभी अच्छी प्रकार किया जा सकता है जब हमारा वातावरण स्वच्छ व सुंदर हो विद्यालय में प्रार्थना स्थल पर विभिन्न प्रकार की क्रियाकलाप जैसे पीटी कराना, प्रतिदिन बदल-बदल कर प्रार्थना कराना, बच्चों के द्वारा एक रोचक घटना पूछना, उनको प्रेरक *कहानियों* को सुनाकर तथा दिखाकर शिक्षण कार्य करना प्रारम्भ किया। बच्चों को विभिन्न प्रकार की शिक्षण गतिविधियां कराना, समय-समय पर खेल खिलाना, टी एल एम के माध्यम से शिक्षण को रोचक बनाना, राष्ट्रीय पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन करना, धार्मिक त्योहारों पर विद्यालय में उसको मनाना, बच्चों के द्वारा क्राफ्ट आदि का कार्य कराना, पपेट शो के माध्यम से कहानियां सुनाना आदि शिक्षण गतिविधियों का प्रयोग किया गया।
👉5. विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियाँ:-
बच्चों को विद्यालय में विभिन्न प्रकार के खेलों के बारे में जानकारी दी गयी। विभिन्न प्रकार के खेल भी विद्यालय में खिलाये जाते है। विद्यालय के बच्चों ने ब्लॉक स्तर से जनपद स्तर तक की खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया जिसमें बच्चों ने खो-खो में जनपद स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया राष्ट्रीय पर्व पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम करके आम समुदाय को भी जाग्रत किया। जिसका सिलसिला अभी तक जारी है। निरंतर प्रयास से आज विद्यालय की छात्र संख्या 224 जो प्राइवेट विद्यालय मेरी आज चल रहा था। वह लगभग बंद हो चुका है। इस वर्ष मेरे गांव के किसी बच्चे ने प्राइवेट विद्यालय में प्रवेश नहीं लिया है। अपने शिक्षण के कार्यों के लिए मुझे अनेकों बार उच्च अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष- 2014 में मुझे जनपद स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में भी पुरस्कृत किया जा चुका है।
👉6. शिक्षक और विद्यालय परिवार की उपलब्धियां:- वर्ष- 2017 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली श्रीमती चंदना राम इकबाल यादव जी द्वारा मेरे विद्यालय को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
मेरे विद्यालय में स्काउट गाइड की विभिन्न गतिविधियां कराई जाती हैं जिनको कराने में शिक्षकों का बहुत बड़ा सहयोग है शिक्षक की सबसे बड़ी पूँजी उसका सम्मान और बच्चों का प्यार है* और वह मेरे पास असीमित है। आज गांव वालों का मेरे विद्यालय को स्वच्छ सुंदर और सुरक्षा करने में बहुत बड़ा योगदान है।
👉7. मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिए आपका संदेश :-
मिशन शिक्षण संवाद मेरे लिए एक ऐसा मंच है जहाँ मुझे सीखने के लिए बहुत कुछ मिलता है। उस ज्ञान रूपी प्रकाश से मैं स्वंय के जीवन में तथा बच्चों के जीवन को रोशन करता रहूंगा मिशन शिक्षण संवाद काम आजीवन आभारी रहूंगा जिन्होंने मुझे नित्य नए-नए नवाचार करने का अवसर दिया।
👉8. शिक्षक समाज के लिए आपका सुझाव व संदेश:- मेरा सभी शिक्षकों के लिए सुझाव है की नित्य नए नवाचार करते रहें और बच्चों के जीवन में उजाला फैलाएं क्योंकि आज के बच्चे कल बड़े होंगे तो वह हमारे द्वारा दी गई शिक्षा को पूरे समाज में प्रदर्शित करेंगे और हमारा मान बढ़ायेंगे।
_✏संकलन एवं सहयोग:_
*रुपेन्द्र सिंह जी*(संयोजक)
*मिशन शिक्षण संवाद*
*नोट:* मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
29-10-2019
Great effort team shikshan sambad
ReplyDeletend kyara ki shan mr.Mahavir prassad ji.
Big honour to your work as a model teacher Mahavir ji.